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मिर्जापुुर। प्राथमिक शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है लेकिन स्कूलों के जर्जर भवनों की मरम्मत का कार्य नहीं कराया जा रहा है। जिले के 207 स्कूलों के भवन जर्जर हो गए हैं। इनमें से कई स्कूलों के भवन की मरम्मत तो कुछ के भवन का निर्माण करने की जरूरत है। इन भवनों में दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। जिले के प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षण सत्र शुरू हो गया है। ऐसे में बच्चे स्कूलों के जर्जर भवन में पढ़ने के लिए मजबूर हैं। स्कूलों के खस्ताहाल भवनों को देख अभिभावक भी बच्चों को स्कूल भेजने से कतरा रहे हैं। इसका असर परिषदीय स्कूलों में होने वाले नामांकन भी पड़ रहा है। हालांकि बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण कुमार तिवारी ने स्कूलों के जर्जर भवनों की मरम्मत और निर्माण के लिए शासन को पत्र भेजकर बजट की मांग की है।
बेसिक शिक्षा विभाग के जिला समन्वयक अजय श्रीवास्तव के अनुसार जिले में 207 स्कूल भवन जर्जर और खस्ताहाल हैं, जिनकी मरम्मत या निर्माण की जरूरत महसूस की जा रही है। इसके लिए शासन को स्कूलों के जर्जर भवनों की सूची भेजकर बजट की मांग की गई है। बताया कि विकास खंड नरायनपुर में 47, राजगढ़ में 25, मड़िहान में 12, लालगंज में 18, कोन में एक, हलिया में 24, मझवां में 12, जमालपुर में 15, पहाड़ी में 16 तथा छानबे में एक विद्यालय भवन जर्जर हालत में है। इसी प्रकार नगर पालिका में 21 और सिटी ब्लॉक में 15 सहित 207 स्कूल भवन जर्जर हालत में हैं। नगर पालिका क्षेत्र में गार्गी प्राथमिक विद्यालय, बहादुर शाह जफर प्राथमिक विद्यालय, जानकी देवी प्राथमिक विद्यालय, गोपी पाठशाला, ठाकुर प्रसाद पैरिया टोल, नंद गोपाल प्राथमिक पाठशाला, प्राथमिक विद्यालय चुनार एक, तीन और चार, नौरंगी देवी प्राथमिक विद्यालय, कस्तूरबा गांधी प्राथमिक विद्यालय, ठाकुर प्रसाद, ललिता शास्त्री, तिलक प्राथमिक विद्यालय, महेश भट्टाचार्य प्राथमिक विद्यालय, रतनगंज जूनियर हाईस्कूल, प्राथमिक विद्यालय पक्का पोखरा, तरकापुर, जूनियर हाईस्कूल टाउन हाल और जानकी देवी प्राथमिक विद्यालय के भवन बिल्कुल जर्जर हो चुके हैं।
नगर के वासलीगंज स्थित बृज किशोर पाठशाला में वर्ष 2014 में छत गिरने की घटना हुई थी। हालांकि घटना के दौरान शिक्षकों ने सजगता दिखाते हुए सभी बच्चों को बाहर निकाल लिया था, जिससे कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। तत्कालीन बीएसए ने सुरक्षा के लिहाज से तत्काल नए भवन का निर्माण कराया था।
बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी ने बताया कि परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की शिक्षा, सुरक्षा और सुविधा का ध्यान दिया जा रहा है। जिले में 207 जर्जर प्राथमिक विद्यालयों को चिह्नित किया गया है। इन विद्यालयों के निर्माण और मरम्मत के लिए शासन को संबंधित स्कूलों की सूची भेजकर बजट की मांग की गई है। बजट मिलते ही मरम्मत और निर्माण का कार्य शुरू करा दिया जाएगा।
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