न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मेरठ
Published by: कपिल kapil
Updated Sun, 10 May 2020 01:34 AM IST
मेरठ मेडिकल कॉलेज में अव्यवस्था की गूंज शनिवार को लखनऊ तक पहुंच गई। मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। उन्हें हिदायत दी कि मरीजों का बेहतर इलाज किया जाए। सफाई रखी जाए और अच्छा खाना दिया जाए। इलाज में किसी तरह की कोताही न बरती जाए।
हालांकि मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य ने अपना पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि अब तक यहां कितने मरीजों का इलाज हो चुका है, कितने मरीज ठीक होकर जा चुके हैं। इस पर मुख्यमंत्री का कहना था कि उन्होंने भी दो-तीन मरीजों से बात की है। उन्हें पता है कि किस तरह की व्यवस्था है, लिहाजा इसमें सुधार कर लिया जाए। सीएम ने कहा कि डॉक्टर कोरोना वार्ड में जाएं। सोशल मीडिया जिस तरह का चल रहा है, वह आना नहीं चाहिए।
यह भी पढ़ें: वायरल ऑडियो में छलका मरीज का दर्द, 'न डॉक्टर आते हैं, न मिल रही दवाई'
दरअसल, मेडिकल कॉलेज में अव्यवस्थाओं के तमाम आरोप लग रहे थे। भाजपा नेता विभांशु वशिष्ठ के परिजनों ने भी इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया था। शनिवार को कई वीडियो और ऑडियो जारी हुए, जिसमें गंदगी, इलाज में लापरवाही के आरोप लगाते मरीज दिख रहे थे। जिसकी सूचना मुख्यमंत्री तक भी पहुंची। इसके बाद वीडियो कांफ्रेंसिंग में जमकर क्लास लगाई गई। सूत्रों का कहना है कि अगर सुधार नहीं हुआ तो कई अधिकारियों पर गाज गिरना तय है।
केजीएमयू से दो सीनियर चिकित्सक पहुंचे
केजीएमयू लखनऊ से डॉ. वेद प्रकाश को मेरठ मेडिकल कॉलेज में विशेष कार्याधिकारी बनाकर भेजा गया है। वहीं, डॉ. सूर्यकांत को डेथ ऑडिट के कार्य से वहां नियुक्त किया गया है। मेडिकल कॉलेज में यह दो दिन रहेंगे और व्यवस्थाओं की रिपोर्ट तैयार कर शासन को सौंपेंगे।
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मेरठ मेडिकल कॉलेज में अव्यवस्था की गूंज शनिवार को लखनऊ तक पहुंच गई। मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। उन्हें हिदायत दी कि मरीजों का बेहतर इलाज किया जाए। सफाई रखी जाए और अच्छा खाना दिया जाए। इलाज में किसी तरह की कोताही न बरती जाए।
हालांकि मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य ने अपना पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि अब तक यहां कितने मरीजों का इलाज हो चुका है, कितने मरीज ठीक होकर जा चुके हैं। इस पर मुख्यमंत्री का कहना था कि उन्होंने भी दो-तीन मरीजों से बात की है। उन्हें पता है कि किस तरह की व्यवस्था है, लिहाजा इसमें सुधार कर लिया जाए। सीएम ने कहा कि डॉक्टर कोरोना वार्ड में जाएं। सोशल मीडिया जिस तरह का चल रहा है, वह आना नहीं चाहिए।
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दरअसल, मेडिकल कॉलेज में अव्यवस्थाओं के तमाम आरोप लग रहे थे। भाजपा नेता विभांशु वशिष्ठ के परिजनों ने भी इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया था। शनिवार को कई वीडियो और ऑडियो जारी हुए, जिसमें गंदगी, इलाज में लापरवाही के आरोप लगाते मरीज दिख रहे थे। जिसकी सूचना मुख्यमंत्री तक भी पहुंची। इसके बाद वीडियो कांफ्रेंसिंग में जमकर क्लास लगाई गई। सूत्रों का कहना है कि अगर सुधार नहीं हुआ तो कई अधिकारियों पर गाज गिरना तय है।
केजीएमयू से दो सीनियर चिकित्सक पहुंचे
केजीएमयू लखनऊ से डॉ. वेद प्रकाश को मेरठ मेडिकल कॉलेज में विशेष कार्याधिकारी बनाकर भेजा गया है। वहीं, डॉ. सूर्यकांत को डेथ ऑडिट के कार्य से वहां नियुक्त किया गया है। मेडिकल कॉलेज में यह दो दिन रहेंगे और व्यवस्थाओं की रिपोर्ट तैयार कर शासन को सौंपेंगे।
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