मेरठ में मेडिकल कॉलेज के कोरोना वार्ड में भर्ती मरीज और शास्त्रीनगर सेंट्रल मार्केट के विनोद अरोड़ा के बीच हुई बातचीत का ऑडियो क्लिप वायरल होने और व्हाट्सएप ग्रुप पर शेयर किए गए वीडियो से जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। दोनों की बातचीत में मेडिकल के कोरोना वार्ड में डॉक्टरों के न आने से लेकर दवाई न मिलने और सफाई न होने संबंधी तमाम अव्यवस्थाओं के आरोप लगाए गए हैं। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने इन शिकायतों का निस्तारण कराने की बात कही है। कोरोना मरीज और व्यक्ति के बीच बातचीत के अंश-
और बता, यहां की व्यवस्था कैसी है?
- बहुत बेकार है। कोई देखने लायक नहीं है। गंदगी फैली हुई है।
डॉक्टर आता है?
- डॉक्टर कोई आता नहीं। जिस दिन से आया हूं दवाई तक नहीं आई। कोई आता है तो कहता है कि मैं तो डॉक्टर हूं ही नहीं। मेरा तो टेस्टिंग का काम है। दूसरे से कहो तो हम तो सफाई करने वाले हैं।
- तीन दिन से कोई डॉक्टर नहीं आया?
कोई डॉक्टर नहीं आया, तीन दिन से प्रॉब्लम बता रखी है। मुझे सांस की दिक्कत हो रही है, कोई गोली मिल जाए। बस लिखकर ले जाते हैं। उसके बाद पता नहीं क्या है क्या नहीं।
अच्छा, दवाई देने कोई नहीं आया?
- कोई नहीं आता।
कितने लोग हो तुम यहां पर
- करीब-करीब 35 लोग हैं।
कितने टॉयलेट हैं?
- चार-पांच ही हैं। फिर भी सफाई नहीं है। आपने फोन करा तो या तो इसकी वजह से या फिर और थोड़ी सफाई हो गई।
कोई खाने की व्यवस्था?
- कोई टाइम नहीं है खाने का, कल 11 बजे तो नाश्ता आया। किसी ने दवाई खानी है तो वो कुछ नहीं कर सकता। कोई डॉक्टर अंदर नहीं आता।
दवाई क्या दे रहे हैं यहां पर?
- मैं कह रहा हूं कोई गोली ही नहीं आ रही। या तो कोई ताकत की दे देवें या किसी को पैरासिटामोल ही दे देवें। कोई दवाई नहीं आ रही। और कहने को कह रहे हैं कि बहुत अच्छा इलाज हो रहा मेडिकल में।
- कुछ नहीं है, बस एक ही काम इनका कि बस पानी टाइम से मिल जाता है, और कुछ नहीं।
इसका मतलब यहां पर मार रहे हैं और?
बस, बीमारी किसी को यह नहीं पता किसी को कोरोना है या नहीं है। कल एक बेचारा आया, उसने यहां शीशे तोड़ने की कोशिश कर दी। मैं तो यहीं तोड़कर नीचे कूद जाऊंगा। मेरे को जब कोई दिक्कत नहीं है, मैं सिर का इलाज कराने आया और मुझे करोना वार्ड के अंदर भेज दिया। ऊपर वाला न करे, अगर मुझे कोरोना हो गया तो मेरे बच्चों का क्या होगा। एक घंटे तक वो बेचारा परेशान रहा, कोई सुनने वाला नहीं था।
पहले भी लगे आरोप
इससे पहले भी मेडिकल में इलाज में लापरवाही का आरोप लगाकर कई बार शिकायतें की जा चुकी हैं। 10 से ज्यादा कोरोना संदिग्ध मरीज यहां से भाग गए थे। हालांकि बाद में उन्हें पुलिस ट्रेस कर वापस बुला लिया था।
बेहतर दे रहे इलाज
मेडिकल में भर्ती मरीजों को बेहतर इलाज दिया जा रहा है। यहां से कोरोना के 40 से ज्यादा मरीज ठीक होकर जा चुके हैं। जो शिकायतें मिली हैं उनका निस्तारण कराया जा रहा है।
- डॉ. आरसी गुप्ता, प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज
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मेरठ में मेडिकल कॉलेज के कोरोना वार्ड में भर्ती मरीज और शास्त्रीनगर सेंट्रल मार्केट के विनोद अरोड़ा के बीच हुई बातचीत का ऑडियो क्लिप वायरल होने और व्हाट्सएप ग्रुप पर शेयर किए गए वीडियो से जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। दोनों की बातचीत में मेडिकल के कोरोना वार्ड में डॉक्टरों के न आने से लेकर दवाई न मिलने और सफाई न होने संबंधी तमाम अव्यवस्थाओं के आरोप लगाए गए हैं। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने इन शिकायतों का निस्तारण कराने की बात कही है। कोरोना मरीज और व्यक्ति के बीच बातचीत के अंश-
और बता, यहां की व्यवस्था कैसी है?
- बहुत बेकार है। कोई देखने लायक नहीं है। गंदगी फैली हुई है।
डॉक्टर आता है?
- डॉक्टर कोई आता नहीं। जिस दिन से आया हूं दवाई तक नहीं आई। कोई आता है तो कहता है कि मैं तो डॉक्टर हूं ही नहीं। मेरा तो टेस्टिंग का काम है। दूसरे से कहो तो हम तो सफाई करने वाले हैं।
- तीन दिन से कोई डॉक्टर नहीं आया?
कोई डॉक्टर नहीं आया, तीन दिन से प्रॉब्लम बता रखी है। मुझे सांस की दिक्कत हो रही है, कोई गोली मिल जाए। बस लिखकर ले जाते हैं। उसके बाद पता नहीं क्या है क्या नहीं।
अच्छा, दवाई देने कोई नहीं आया?
- कोई नहीं आता।
कितने लोग हो तुम यहां पर
- करीब-करीब 35 लोग हैं।