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भीषण गर्मी में तहसील क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में पेयजल का संकट गहरा गया है। भूगर्भ जलस्तर तेजी से नीचे खिसकने से हैंडपंपो से नाममात्र का ही पानी निकल पा रहा। 20 प्रतिशत हैंडपंप खराब पड़े हैं। खराब पड़े हैंडपंपों के मरम्मत की जिम्मेदारी नगर निकाय तथा ग्राम पंचायतों को सौंपी गई है। लेकिन वह जिम्मेदारी से मुंह मोड़े हैं। उधर, प्रदूषित पानी के सेवन से लोग विभिन्न बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं।
मधुबन नगर पंचायत सहित फतहपुर मंडाव ब्लाक क्षेत्र में 78 गांव है। आबादी दो लाख 17 हजार 901 है। ब्लाक क्षेत्र में मात्र 2424 हैंडपंप लगे हैं। यानी एक हैंडपंप पर लगभग 90 लोग निर्भर हैं। 20 प्रतिशत हैंडपंप खराब हालत में हैं। भीषण गर्मी के मौसम में भूगर्भ जलस्तर तेजी से नीचे खिसक रहा है। इसके चलते हैंडपंपों से पानी नाम मात्र निकल रहा है। विभाग की तरफ से जो हैंडपंप लगाए गए हैं वह खराब पड़े हैं। आंकड़ों के अनुसार 20 प्रतिशत हैंडपंप मामूली रुप से बिगड़े पड़े हैं। विभागीय उदासीनता से हैंडपंपों की मरम्मत कराने की जहमत तक नहीं उठाई जा सकी है। शासन की तरफ से हैंडपंपों की मरम्मत तथा रीबोर कराने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों को दी गई है। प्रदूषित पानी के सेवन से लोग पेटदर्द, उल्टी, डायरिया सहित विभिन्न बीमारियों से ग्रसित हो रहे है ।
हृदयपट्टी गांव के काली मंदिर पर स्थित हैंडपंप कई महीनों से खराब पड़ा है। इसी प्रकार गंगऊपुर, भठिया, ढिलई फिरोजपुर, मर्यादपुर सहित तमाम गांवों में हैंडपंप खराब पड़े हैं। गांव के रमेश राजभर ज्ञान राजभर, संजय राजभर, विनोद, मणि प्रकाश सिंह ने बताया कि हैंडपंप खराब पड़े होने से बस्ती के लोगों को पानी दूर से लाना पड़ रहा है।
कोट
खराब पड़े हैंडपंपों के मरम्मत की जिम्मेेदारी ग्राम प्रधान तथा सेक्रेटरी की है। शिकायत मिलने पर मामले की जांच कराया जाएगा। लापरवाही मिलने पर संबंधित सेक्रेटरी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
सुवेदिता सिंह, खंड विकास अधिकारी
भीषण गर्मी में तहसील क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में पेयजल का संकट गहरा गया है। भूगर्भ जलस्तर तेजी से नीचे खिसकने से हैंडपंपो से नाममात्र का ही पानी निकल पा रहा। 20 प्रतिशत हैंडपंप खराब पड़े हैं। खराब पड़े हैंडपंपों के मरम्मत की जिम्मेदारी नगर निकाय तथा ग्राम पंचायतों को सौंपी गई है। लेकिन वह जिम्मेदारी से मुंह मोड़े हैं। उधर, प्रदूषित पानी के सेवन से लोग विभिन्न बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं।
मधुबन नगर पंचायत सहित फतहपुर मंडाव ब्लाक क्षेत्र में 78 गांव है। आबादी दो लाख 17 हजार 901 है। ब्लाक क्षेत्र में मात्र 2424 हैंडपंप लगे हैं। यानी एक हैंडपंप पर लगभग 90 लोग निर्भर हैं। 20 प्रतिशत हैंडपंप खराब हालत में हैं। भीषण गर्मी के मौसम में भूगर्भ जलस्तर तेजी से नीचे खिसक रहा है। इसके चलते हैंडपंपों से पानी नाम मात्र निकल रहा है। विभाग की तरफ से जो हैंडपंप लगाए गए हैं वह खराब पड़े हैं। आंकड़ों के अनुसार 20 प्रतिशत हैंडपंप मामूली रुप से बिगड़े पड़े हैं। विभागीय उदासीनता से हैंडपंपों की मरम्मत कराने की जहमत तक नहीं उठाई जा सकी है। शासन की तरफ से हैंडपंपों की मरम्मत तथा रीबोर कराने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों को दी गई है। प्रदूषित पानी के सेवन से लोग पेटदर्द, उल्टी, डायरिया सहित विभिन्न बीमारियों से ग्रसित हो रहे है ।
हृदयपट्टी गांव के काली मंदिर पर स्थित हैंडपंप कई महीनों से खराब पड़ा है। इसी प्रकार गंगऊपुर, भठिया, ढिलई फिरोजपुर, मर्यादपुर सहित तमाम गांवों में हैंडपंप खराब पड़े हैं। गांव के रमेश राजभर ज्ञान राजभर, संजय राजभर, विनोद, मणि प्रकाश सिंह ने बताया कि हैंडपंप खराब पड़े होने से बस्ती के लोगों को पानी दूर से लाना पड़ रहा है।
कोट
खराब पड़े हैंडपंपों के मरम्मत की जिम्मेेदारी ग्राम प्रधान तथा सेक्रेटरी की है। शिकायत मिलने पर मामले की जांच कराया जाएगा। लापरवाही मिलने पर संबंधित सेक्रेटरी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
सुवेदिता सिंह, खंड विकास अधिकारी