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ललितपुर। लॉकडाउन के बाद से बंद पड़ा निजी बसों का अंतरराज्जीय संचालन फिर से शुरू होने वाला है। अब जनपद से 74 बसें अंतरराज्जीय बसें जिला मुख्यालय से गंतव्य के लिए रवाना होंगी। इससे जनपदवासियों को आवागमन की सुविधा हो गई है। वहीं, बस स्टाफ को भी रोजगार मुहैया हो रहे हैं।
जनपद चारों ओर से मध्यप्रदेश की सीमाओं से घिरा हुआ है। यहां पर आवागमन की सुविधा के लिए परिवहन विभाग ने 74 बसों को परमिट जारी किए हैं। जिसमें बसों को मध्य प्रदेश के सागर, टीकमगढ़, छतरपुर, शिवपुरी, गुना, शिवपुरी, दतिया समेत कई अन्य जनपदों के लिए जाती हैं। इन बसों से ढाई से तीन हजार लोगों का आवागमन होता है। लेकिन 25 मार्च को कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन लगाया गया। जिसमें आवागमन को पूरी तरह बंद करने के लिए यातायात सेवाएं ठप कर दी।
जिले में बीते माह से प्रदेश में बसों का संचालन शुरू हो गया था, लेकिन मध्यप्रदेश में अन्य राज्यों के बसों के प्रवेश पर रोक जारी रही। तब से अब तक जनपद से मध्यप्रदेश के जनपदों में चलने वाली 74 बसों का संचालन ठप चल रहा था। इससे लोगों को यात्रा करने में परेशानी होती थी। हालांकि अब मध्यप्रदेश सरकार ने अन्य प्रदेशों से आने वाली बसों को अनुमति दे दी गई है। अभी बस स्टैंड से केवल परिवहन निगम की बसें व कुछ निजी बसों का संचालन झांसी से जनपद में हो रहा है। अब बस स्टैंड से डेढ़ सौ अधिक बसों का संचालन हो सकेगा।
कोरोना वायरस संक्रमण के चलते सवारियां कम निकल रहीं हैं। इससे बसों के संचालन में नुकसान हो रहा है। अक्टूबर माह से लगभग सभी बसों का संचालन हो सकेगा। - मनीष अग्रवाल, अध्यक्ष, जनता ऑपरेटर बस यूनियन
जनपद में पंजीकृत कई बसें सरेंडर बनी हुई है। सरेंडर से हटने के बाद संचालन किया जाएगा। - बीके आस्थाना, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी
ललितपुर। लॉकडाउन के बाद से बंद पड़ा निजी बसों का अंतरराज्जीय संचालन फिर से शुरू होने वाला है। अब जनपद से 74 बसें अंतरराज्जीय बसें जिला मुख्यालय से गंतव्य के लिए रवाना होंगी। इससे जनपदवासियों को आवागमन की सुविधा हो गई है। वहीं, बस स्टाफ को भी रोजगार मुहैया हो रहे हैं।
जनपद चारों ओर से मध्यप्रदेश की सीमाओं से घिरा हुआ है। यहां पर आवागमन की सुविधा के लिए परिवहन विभाग ने 74 बसों को परमिट जारी किए हैं। जिसमें बसों को मध्य प्रदेश के सागर, टीकमगढ़, छतरपुर, शिवपुरी, गुना, शिवपुरी, दतिया समेत कई अन्य जनपदों के लिए जाती हैं। इन बसों से ढाई से तीन हजार लोगों का आवागमन होता है। लेकिन 25 मार्च को कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन लगाया गया। जिसमें आवागमन को पूरी तरह बंद करने के लिए यातायात सेवाएं ठप कर दी।
जिले में बीते माह से प्रदेश में बसों का संचालन शुरू हो गया था, लेकिन मध्यप्रदेश में अन्य राज्यों के बसों के प्रवेश पर रोक जारी रही। तब से अब तक जनपद से मध्यप्रदेश के जनपदों में चलने वाली 74 बसों का संचालन ठप चल रहा था। इससे लोगों को यात्रा करने में परेशानी होती थी। हालांकि अब मध्यप्रदेश सरकार ने अन्य प्रदेशों से आने वाली बसों को अनुमति दे दी गई है। अभी बस स्टैंड से केवल परिवहन निगम की बसें व कुछ निजी बसों का संचालन झांसी से जनपद में हो रहा है। अब बस स्टैंड से डेढ़ सौ अधिक बसों का संचालन हो सकेगा।
कोरोना वायरस संक्रमण के चलते सवारियां कम निकल रहीं हैं। इससे बसों के संचालन में नुकसान हो रहा है। अक्टूबर माह से लगभग सभी बसों का संचालन हो सकेगा। - मनीष अग्रवाल, अध्यक्ष, जनता ऑपरेटर बस यूनियन
जनपद में पंजीकृत कई बसें सरेंडर बनी हुई है। सरेंडर से हटने के बाद संचालन किया जाएगा। - बीके आस्थाना, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी