लखीमपुर खीरी/बांकेगंज। डीटीआर के जंगल में शाकाहारी वन्यजीवों की अंतिम चरण की गणना का कार्य बृहस्पतिवार समाप्त हो गया। मैलानी, भीरा बफरजोन के जंगल में गणना कार्य के लिए लगी तीन-तीन वन कर्मियों की टीमें सवेरे पांच बजे से संबधित बीटों में शाकाहारी वन्यजीवों के पगचिन्ह देखकर और विचरण कर रहे वन्यप्राणियों की गणना कर उनकी गिनती की गई। इससे पहले दो चरणों की गणना के सापेक्ष टीमों को अंतिम चरण में कई गुना अधिक वन्यजीव जंगल में उछल-कूद करते दिखाई पड़े।
दुधवा टाइगर रिजर्व बफरजोन के उपनिदेशक डॉ अनिल कुमार पटेल ने बताया कि वर्ष 2019-20 में शाकाहारी वन्यजीवों की गणना नौ से 23 मई के बीच तीन चरणों में कराई गई। इसमें बफरजोन की 47 बीटों में तीन-तीन वन कर्मियों की टीमें गठित कर सवेरे पांच से बजे सूरज ढलने तक गणना कार्य किया गया। टीमों ने घास के मैदानों, जलाशयों के पास और जंगल के बाहरी किनारों पर स्वछंद विचरण करने वाले शाकाहारी वन्यजीवों के पगचिन्ह दिखकर और विचरण कर रहे वन्यप्राणियों की गणना कर उनकी गिनती की गई। डीडी ने बताया कि अंतिम चरण की हुई गणना में फील्ड कर्मियों को संबधित बीटों में पहले और दूसरे चरण की गणना के सापेक्ष काफी मात्रा में जंगल में कुलाचे भरते हिरन, पाढ़ा, चीतल, बारासिंगा के अलावा बड़ी संख्या में स्थानीय जलीय पक्षी दिखलाई पड़े। साथ ही घास के मैदानों में काफी अधिक संख्या में हिरनों के झुंड दिखलाई पड़े। जिनकी गिनती की गई। उन्होंने बताया कि तीनों चरणों की गणना में अच्छे परिणाम मिलने से वन विभाग के अधिकारी औा कर्मचारी काफी उत्साहित हैं। बफरजोन में बेहतर वन प्रबंधन के परिणाम स्वरूप जंगल में शाकाहारी वन्यजीवों की संख्या में कई गुना इजाफा होने की उम्मीद जगी है। हालांकि जंगल में वन्यजीवों की संख्या में कितना इजाफा हुआ है या कमी आई है, तीनों चरणों की गणना के इस्टीमेशन के बाद ही इसका पता चल सकेगा।
लखीमपुर खीरी/बांकेगंज। डीटीआर के जंगल में शाकाहारी वन्यजीवों की अंतिम चरण की गणना का कार्य बृहस्पतिवार समाप्त हो गया। मैलानी, भीरा बफरजोन के जंगल में गणना कार्य के लिए लगी तीन-तीन वन कर्मियों की टीमें सवेरे पांच बजे से संबधित बीटों में शाकाहारी वन्यजीवों के पगचिन्ह देखकर और विचरण कर रहे वन्यप्राणियों की गणना कर उनकी गिनती की गई। इससे पहले दो चरणों की गणना के सापेक्ष टीमों को अंतिम चरण में कई गुना अधिक वन्यजीव जंगल में उछल-कूद करते दिखाई पड़े।
दुधवा टाइगर रिजर्व बफरजोन के उपनिदेशक डॉ अनिल कुमार पटेल ने बताया कि वर्ष 2019-20 में शाकाहारी वन्यजीवों की गणना नौ से 23 मई के बीच तीन चरणों में कराई गई। इसमें बफरजोन की 47 बीटों में तीन-तीन वन कर्मियों की टीमें गठित कर सवेरे पांच से बजे सूरज ढलने तक गणना कार्य किया गया। टीमों ने घास के मैदानों, जलाशयों के पास और जंगल के बाहरी किनारों पर स्वछंद विचरण करने वाले शाकाहारी वन्यजीवों के पगचिन्ह दिखकर और विचरण कर रहे वन्यप्राणियों की गणना कर उनकी गिनती की गई। डीडी ने बताया कि अंतिम चरण की हुई गणना में फील्ड कर्मियों को संबधित बीटों में पहले और दूसरे चरण की गणना के सापेक्ष काफी मात्रा में जंगल में कुलाचे भरते हिरन, पाढ़ा, चीतल, बारासिंगा के अलावा बड़ी संख्या में स्थानीय जलीय पक्षी दिखलाई पड़े। साथ ही घास के मैदानों में काफी अधिक संख्या में हिरनों के झुंड दिखलाई पड़े। जिनकी गिनती की गई। उन्होंने बताया कि तीनों चरणों की गणना में अच्छे परिणाम मिलने से वन विभाग के अधिकारी औा कर्मचारी काफी उत्साहित हैं। बफरजोन में बेहतर वन प्रबंधन के परिणाम स्वरूप जंगल में शाकाहारी वन्यजीवों की संख्या में कई गुना इजाफा होने की उम्मीद जगी है। हालांकि जंगल में वन्यजीवों की संख्या में कितना इजाफा हुआ है या कमी आई है, तीनों चरणों की गणना के इस्टीमेशन के बाद ही इसका पता चल सकेगा।