पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
जिला जेल से बगैर गंभीर बीमारी के जिला अस्पताल इलाज के बहाने बाहर निकाले गए कैदी का मामला उलझता जा रहा है। मामले में चिकित्सक की भूमिका को संदिग्ध मानते हुए सीएमओ ने स्पष्टीकरण तलब किया है। स्पष्टीकरण के बाद कैदी मामले में चिकित्सक की भूमिका लगभग साफ हो जाएगी। अब इस ओर जिले भर की निगाहें टिक गई हैं।
हत्या के मामले में जिला जेल में बंद कैदी दीपक पांडेय को इलाज के बहाने बाहर निकाला गया था। मगर उसे जिला अस्पताल न ले जाकर घर ले जाया गया। घर ले जाने के बाद वह डिप्टी जेलर और बंदी रक्षकों को चकमा देकर फरार हो गया था। मामले में बंदी रक्षकों और डिप्टी जेलर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी गई और बंदी रक्षकों को जेल भी भेजा जा चुका है लेकिन कैदी के पकड़े जाने के बाद मामले में नया मोड़ तब आ गया। उसने बयान में जब यह बताया कि उसे कोई गंभीर बीमारी नहीं थी तो मामले में चिकित्सक की भूमिका संदिग्ध नजर आने लगी।
माना जा रहा है कि डिप्टी जेलर के इशारे पर चिकित्सक ने कैदी को जिला जेल से जिला अस्पताल में इलाज कराने का पर्चा काट दिया। इसका लाभ उठाकर कैदी को उसके घर ले जाया गया और वह फरार हो गया। मामला यहां तक तो ठीक है लेकिन कैदी को सीएमओ की स्वीकृति पर इलाज के लिए बाहर भेजा गया है, जेल चिकित्सक डॉ. हिंद प्रकाश मणि के इस बयान के बाद मामला और उलझ गया है। चिकित्सक के बयान से सकते में आए सीएमओ डॉ. यूबी सिंह ने पहले तो यह कहा कि यदि उनके द्वारा कोई संस्तुति दी गई है तो उसे दिखाएं।
बाद में मामले को गंभीरता से लेते हुए उन्होंने जेल चिकित्सक से स्पष्टीकरण मांग लिया है। सीएमओ द्वारा स्पष्टीकरण मांगे जाने के बाद अब लोगों की निगाह इस ओर टिक गई है। मामले में जेल चिकित्सक की भूमिका कितनी साफ सुथरी है यह तो स्पष्टीकरण के बाद स्पष्ट होगा लेकिन इतना तय है कि जिम्मेदार अपना-अपना दामन बचाने में जुट गए हैं।
नहीं लगा डिप्टी जेलर का सुराग
कैदी फरारी कांड मामले में डिप्टी जेलर धीरेंद्र कुमार सिंह के खिलाफ तीन जुलाई को सदर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज की गई। मुकदमा लिखे जाने की जानकारी होते ही डिप्टी जेलर जिला छोड़कर फरार हो गए। मामले में एसपी वीके मिश्र ने फरार हुए डिप्टी जेलर की गिरफ्तारी के लिए एसओजी और सदर कोतवाली पुलिस की टीम गठित की लेकिन पांच दिन बीत जाने के बाद भी फरार डिप्टी जेलर का सुराग टीमें नहीं लगा सकी हैं। यहां तक कि जिले का सर्विंलांस सिस्टम भी डिप्टी जेलर का लोकेशन नहीं बता पा रहा है। इसके चलते टीमें गिरफ्तारी को लेकर ठोस कदम नहीं उठा पा रहीं हैं। कुछ भी हो कैदी फरारी कांड के आरोपी डिप्टी जेलर की गिरफ्तारी मामले में गठित टीम की कार्रवाई मामले को ठंडे बस्ते में ले जाती दिख रही है।
कैदी फरारी कांड के आरोपी डिप्टी जेलर का अब तक कोई सुराग नहीं लगा है। प्रयास किए जा रहे हैं। जैसे ही सटीक जानकारी होगी गिरफ्तारी कर ली जाएगी।
मो. हाशिम, कोतवाल मंझनपुर
जिला जेल से बगैर गंभीर बीमारी के जिला अस्पताल इलाज के बहाने बाहर निकाले गए कैदी का मामला उलझता जा रहा है। मामले में चिकित्सक की भूमिका को संदिग्ध मानते हुए सीएमओ ने स्पष्टीकरण तलब किया है। स्पष्टीकरण के बाद कैदी मामले में चिकित्सक की भूमिका लगभग साफ हो जाएगी। अब इस ओर जिले भर की निगाहें टिक गई हैं।
हत्या के मामले में जिला जेल में बंद कैदी दीपक पांडेय को इलाज के बहाने बाहर निकाला गया था। मगर उसे जिला अस्पताल न ले जाकर घर ले जाया गया। घर ले जाने के बाद वह डिप्टी जेलर और बंदी रक्षकों को चकमा देकर फरार हो गया था। मामले में बंदी रक्षकों और डिप्टी जेलर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी गई और बंदी रक्षकों को जेल भी भेजा जा चुका है लेकिन कैदी के पकड़े जाने के बाद मामले में नया मोड़ तब आ गया। उसने बयान में जब यह बताया कि उसे कोई गंभीर बीमारी नहीं थी तो मामले में चिकित्सक की भूमिका संदिग्ध नजर आने लगी।
माना जा रहा है कि डिप्टी जेलर के इशारे पर चिकित्सक ने कैदी को जिला जेल से जिला अस्पताल में इलाज कराने का पर्चा काट दिया। इसका लाभ उठाकर कैदी को उसके घर ले जाया गया और वह फरार हो गया। मामला यहां तक तो ठीक है लेकिन कैदी को सीएमओ की स्वीकृति पर इलाज के लिए बाहर भेजा गया है, जेल चिकित्सक डॉ. हिंद प्रकाश मणि के इस बयान के बाद मामला और उलझ गया है। चिकित्सक के बयान से सकते में आए सीएमओ डॉ. यूबी सिंह ने पहले तो यह कहा कि यदि उनके द्वारा कोई संस्तुति दी गई है तो उसे दिखाएं।
बाद में मामले को गंभीरता से लेते हुए उन्होंने जेल चिकित्सक से स्पष्टीकरण मांग लिया है। सीएमओ द्वारा स्पष्टीकरण मांगे जाने के बाद अब लोगों की निगाह इस ओर टिक गई है। मामले में जेल चिकित्सक की भूमिका कितनी साफ सुथरी है यह तो स्पष्टीकरण के बाद स्पष्ट होगा लेकिन इतना तय है कि जिम्मेदार अपना-अपना दामन बचाने में जुट गए हैं।
नहीं लगा डिप्टी जेलर का सुराग
कैदी फरारी कांड मामले में डिप्टी जेलर धीरेंद्र कुमार सिंह के खिलाफ तीन जुलाई को सदर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज की गई। मुकदमा लिखे जाने की जानकारी होते ही डिप्टी जेलर जिला छोड़कर फरार हो गए। मामले में एसपी वीके मिश्र ने फरार हुए डिप्टी जेलर की गिरफ्तारी के लिए एसओजी और सदर कोतवाली पुलिस की टीम गठित की लेकिन पांच दिन बीत जाने के बाद भी फरार डिप्टी जेलर का सुराग टीमें नहीं लगा सकी हैं। यहां तक कि जिले का सर्विंलांस सिस्टम भी डिप्टी जेलर का लोकेशन नहीं बता पा रहा है। इसके चलते टीमें गिरफ्तारी को लेकर ठोस कदम नहीं उठा पा रहीं हैं। कुछ भी हो कैदी फरारी कांड के आरोपी डिप्टी जेलर की गिरफ्तारी मामले में गठित टीम की कार्रवाई मामले को ठंडे बस्ते में ले जाती दिख रही है।
कैदी फरारी कांड के आरोपी डिप्टी जेलर का अब तक कोई सुराग नहीं लगा है। प्रयास किए जा रहे हैं। जैसे ही सटीक जानकारी होगी गिरफ्तारी कर ली जाएगी।
मो. हाशिम, कोतवाल मंझनपुर