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कन्नौज। सुखसेनपुर में हैचरी(मत्स्य बीज) निर्माण में 25 लाख का बजट स्वीकृत हुआ। लाभार्थी ने अधिकारियों से सांठगांठ कर दो की जगह एक हेक्टेयर में निर्माण करा धनराशि हजम कर ली। स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत महकमे के उच्चाधिकारियों से की। जांच में गड़बड़ी मिलने पर उपनिदेशक मत्स्य लखनऊ ने जिले के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य एसके शैलेट को निलंबित कर दिया।
वित्तीय वर्ष 2019-20 में ब्लाक हसेरन के सुखसेनपुर निवासी संजीव कुमार पुत्र लालाराम ने हैचरी निर्माण के लिए आवेदन किया था। 25 लाख की योजना में 10 लाख लाभार्थी को लगाने थे। 15 लाख का विभाग से अनुदान मिलना था। मत्स्य विभाग ने कागजी कार्रवाई पूरी कर संजीव कुमार को हैचरी निर्माण के लिए चयनित किया। हैचरी निर्माण दो हेक्टेयर में होना था। इसमें मत्स्य बीज तैयार कर बाजार में बेचना था। आरोप लगा कि संजीव कुमार ने अधिकारियों से सांठगांठ कर दो की जगह एक हेक्टेयर में हैचरी निर्माण करवा दिया।
लाभार्थी संजीव कुमार के विरोधियों ने इसकी शिकायत महकमे के उच्चाधिकारियों से कर दी। इस पर 19 अक्तूबर को आगरा मंडल के उप निदेशक मत्स्य पुनीत कुमार ने सुखसेनपुर में संजीव कुमार के यहां हैचरी निर्माण की हकीकत परखी। उन्हें जगह कम दिखी। पूछताछ में संजीव कुमार संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके। उन्होंने रिपोर्ट लखनऊ के उप निदेशक मत्स्य राम अवध यादव को भेज दी। पांच नवंबर को उन्होंने टीम के साथ सुखसेनपुर का निरीक्षण किया। उन्होंने संजीव कुमार समेत मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य एसके शैलेट से जानकारी ली। वह जवाब नहीं दे सके। शुक्रवार को उपनिदेशक मत्स्य लखनऊ राम अवध यादव ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य एसके शैलेट को लापरवाही पर निलंबित कर दिया। इस बाबत मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य एसके शैलेट को फोन लगाया गया तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की।
क्या होती है हैचरी
हैचरी में नर व मादा मछली को डालकर मत्स्य बीज पैदा किए जाते हैं। इनका मछली पालन में प्रयोग होता है। मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए सुखसेनपुर में हैचरी का निर्माण करवाया गया था। इससे कि मत्स्य पालकों को बीज लेने के लिए बाहर की दौड़ न लगानी पड़े।
लाभार्थी संजीव कुमार के पुत्र को मार्च में चोट लग गई। इसकी वजह से वह कम क्षेत्रफल में ही हैचरी का निर्माण कर सका। बाद में उसने निर्माण कार्य पूरा करने की बात कही थी। बाद में निर्माण नहीं किया। धनराशि की रिकवरी की जाएगी।
-रामाशीष, वरिष्ठ सहायक मत्स्य विभाग।
कन्नौज। सुखसेनपुर में हैचरी(मत्स्य बीज) निर्माण में 25 लाख का बजट स्वीकृत हुआ। लाभार्थी ने अधिकारियों से सांठगांठ कर दो की जगह एक हेक्टेयर में निर्माण करा धनराशि हजम कर ली। स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत महकमे के उच्चाधिकारियों से की। जांच में गड़बड़ी मिलने पर उपनिदेशक मत्स्य लखनऊ ने जिले के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य एसके शैलेट को निलंबित कर दिया।
वित्तीय वर्ष 2019-20 में ब्लाक हसेरन के सुखसेनपुर निवासी संजीव कुमार पुत्र लालाराम ने हैचरी निर्माण के लिए आवेदन किया था। 25 लाख की योजना में 10 लाख लाभार्थी को लगाने थे। 15 लाख का विभाग से अनुदान मिलना था। मत्स्य विभाग ने कागजी कार्रवाई पूरी कर संजीव कुमार को हैचरी निर्माण के लिए चयनित किया। हैचरी निर्माण दो हेक्टेयर में होना था। इसमें मत्स्य बीज तैयार कर बाजार में बेचना था। आरोप लगा कि संजीव कुमार ने अधिकारियों से सांठगांठ कर दो की जगह एक हेक्टेयर में हैचरी निर्माण करवा दिया।
लाभार्थी संजीव कुमार के विरोधियों ने इसकी शिकायत महकमे के उच्चाधिकारियों से कर दी। इस पर 19 अक्तूबर को आगरा मंडल के उप निदेशक मत्स्य पुनीत कुमार ने सुखसेनपुर में संजीव कुमार के यहां हैचरी निर्माण की हकीकत परखी। उन्हें जगह कम दिखी। पूछताछ में संजीव कुमार संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके। उन्होंने रिपोर्ट लखनऊ के उप निदेशक मत्स्य राम अवध यादव को भेज दी। पांच नवंबर को उन्होंने टीम के साथ सुखसेनपुर का निरीक्षण किया। उन्होंने संजीव कुमार समेत मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य एसके शैलेट से जानकारी ली। वह जवाब नहीं दे सके। शुक्रवार को उपनिदेशक मत्स्य लखनऊ राम अवध यादव ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य एसके शैलेट को लापरवाही पर निलंबित कर दिया। इस बाबत मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य एसके शैलेट को फोन लगाया गया तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की।
क्या होती है हैचरी
हैचरी में नर व मादा मछली को डालकर मत्स्य बीज पैदा किए जाते हैं। इनका मछली पालन में प्रयोग होता है। मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए सुखसेनपुर में हैचरी का निर्माण करवाया गया था। इससे कि मत्स्य पालकों को बीज लेने के लिए बाहर की दौड़ न लगानी पड़े।
लाभार्थी संजीव कुमार के पुत्र को मार्च में चोट लग गई। इसकी वजह से वह कम क्षेत्रफल में ही हैचरी का निर्माण कर सका। बाद में उसने निर्माण कार्य पूरा करने की बात कही थी। बाद में निर्माण नहीं किया। धनराशि की रिकवरी की जाएगी।
-रामाशीष, वरिष्ठ सहायक मत्स्य विभाग।