झांसी। निजी स्कूलों में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत पढ़ रहे बच्चों की फीस की भरपाई अब तीन साल बाद होगी। इसके लिए स्कूलों को आरटीई के नाम से नए बैंक खाते खुलवाने होंगे। उसी में स्कूलों को धनराशि प्रेषित की जाएगी।
जिले में शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों में 3130 विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। इन विद्यार्थियों की स्कूल की फीस शासन द्वारा दी जाती है, साथ ही अभिभावकों के बैंक खातों में यूनिफार्म, पाठ्यपुस्तकों आदि के लिए 5 हजार रुपये की धनराशि भी दी जाती है। सत्र 2019-20, 2020-21 और 2021-22 में आरटीई के तहत स्कूल में पढ़ रहे विद्यार्थियों की फीस का भुगतान नहीं हो पाया था। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार शासन पर 1.91 करोड़ रुपये आरटीई के बकाया हैै। बता दें कि सिर्फ नगर क्षेत्र में ही 171 स्कूलों पर 1.77 करोड़ रुपये उधार है।
फीस की प्रतिपूर्ति के लिए स्कूलों को आरटीई के लिए अलग से बैंक खाता राष्ट्रीयकृत बैंकों में खुलवाना होगा। इसी में स्कूलों को धनराशि प्रेषित की जाएगी। लेकिन उसके पहले स्कूलों को कई कसौटियों पर खरा उतरना पड़ेगा। स्कूलों में आरटीई के तहत पढ़ रहे बच्चों का सत्यापन किया जाएगा।
सत्यापन की कमेटी में जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, वित्त एवं लेखाधिकारी और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शामिल होंगे। बीएसए नीलम यादव ने कहा कि निजी स्कूल जिनमें आरटीई के तहत बच्चे पढ़ते हैं, उनकोे नए बैंक खाते खुलवाने के लिए निर्देशित दिया जा चुका है। - नीलम यादव, बीएसए