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कॉलेज की जमीन कब्जा मुक्त कराने की मांग
अमर उजाला ब्यूराो
Updated Mon, 26 Jun 2017 12:39 AM IST
collage
- फोटो : amar ujala
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झांसी।
बुंदेलखंड राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज के प्राचार्य ने आयुष विभाग के सचिव को पत्र लिखकर कॉलेज की कब्जा हुई जमीन को मुक्त कराने की मांग की है। साथ ही यह भी मांग की कि वन विभाग और राजस्व विभाग के ऐसे अधिकारियों को एंटी भूमाफिया स्क्वॉयड में न रखा जाए, जिनकी इस मामले में मिलीभगत है।
22 जून को आयुष विभाग के सचिव को लिखे पत्र में प्राचार्य डॉ. सुरेश चंद्र ने आरोप लगाया कि कॉलेज की सरकारी भूमि पर लगे औषधीय पेड़ पौधों को वन विभाग के अधिकारियों की अनुमति के बिना कुछ दबंगों ने फरवरी 2013 को जेसीबी से तहसनहस कर दिया था। इसके अलावा राजस्व विभाग के अधिकारी, कर्मचारी की सांठगांठ से अभिलेखों में फेरबदल कर महायोजना 2021 की योजना को आवासी योजना में बदलकर सरकारी जमीन का फर्जी बैनामा कर दिया गया। भूमि पर निर्माण कार्य भी शुरू हो गया। कॉलेज प्राचार्य ने बताया कि इस प्रकरण में कई लोगों के खिलाफ कोतवाली में मुकदमा दर्ज करवाया गया पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। प्राचार्य के मुताबिक विभाग के सचिव से कॉलेज की भूमि को कब्जा मुक्त कराने की मांग की है। साथ ही जिला स्तर पर गठित होने वाले एंटी भू माफिया स्क्वॉयड फोर्स में वन विभाग, राजस्व विभाग के ऐसे अधिकारियों को नामित सदस्य घोषित न बनाने की मांग की है, जो इस प्रकरण में संलिप्त हैं।
झांसी।
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बुंदेलखंड राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज के प्राचार्य ने आयुष विभाग के सचिव को पत्र लिखकर कॉलेज की कब्जा हुई जमीन को मुक्त कराने की मांग की है। साथ ही यह भी मांग की कि वन विभाग और राजस्व विभाग के ऐसे अधिकारियों को एंटी भूमाफिया स्क्वॉयड में न रखा जाए, जिनकी इस मामले में मिलीभगत है।
22 जून को आयुष विभाग के सचिव को लिखे पत्र में प्राचार्य डॉ. सुरेश चंद्र ने आरोप लगाया कि कॉलेज की सरकारी भूमि पर लगे औषधीय पेड़ पौधों को वन विभाग के अधिकारियों की अनुमति के बिना कुछ दबंगों ने फरवरी 2013 को जेसीबी से तहसनहस कर दिया था। इसके अलावा राजस्व विभाग के अधिकारी, कर्मचारी की सांठगांठ से अभिलेखों में फेरबदल कर महायोजना 2021 की योजना को आवासी योजना में बदलकर सरकारी जमीन का फर्जी बैनामा कर दिया गया। भूमि पर निर्माण कार्य भी शुरू हो गया। कॉलेज प्राचार्य ने बताया कि इस प्रकरण में कई लोगों के खिलाफ कोतवाली में मुकदमा दर्ज करवाया गया पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। प्राचार्य के मुताबिक विभाग के सचिव से कॉलेज की भूमि को कब्जा मुक्त कराने की मांग की है। साथ ही जिला स्तर पर गठित होने वाले एंटी भू माफिया स्क्वॉयड फोर्स में वन विभाग, राजस्व विभाग के ऐसे अधिकारियों को नामित सदस्य घोषित न बनाने की मांग की है, जो इस प्रकरण में संलिप्त हैं।
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