झांसी। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की चिरगांव शाखा में 2.13 करोड़ के घपले में बैंक प्रबंधक अब तक महज 14 लाख रुपये की रिकवरी ही कर सके हैं। बाकी की रकम वसूलने में बैंक प्रबंधन के पसीने छूट रहे हैं। निलंबित होने के बाद भी आरोपी कर्मचारी अधिभार की रकम चुकाने को राजी नहीं। वहीं, बैंक प्रबंधन के सामने करीब दो करोड़ की मोटी रकम की भरपाई करने का संकट पैदा हो गया है।
बैंकिंग के सामान्य नियमों के मुताबिक गलत तरीके से जितना पैसा बैंक से बाहर निकलता है, उतना पैसा वापस बैंक में जमा करना होता है। चिरगांव शाखा में सेंट्रल बैंक की आंतरिक जांच-पड़ताल में करीब 2.13 करोड़ रुपये के घपले की पुष्टि हुई है। बैंक प्रबंधन ने विशेष शाखा की रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन शाखा प्रबंधक प्रशांत खरे, सहायक प्रबंधक मिलाप चंद्र वर्मा, हेड कैशियर घनश्याम एवं सहायक कैशियर काशीराम प्रजापति को निलंबित कर दिया। घपला सामने आने के बाद से ही बैंक प्रबंधन इन कर्मचारियों से रिकवरी के लिए दबाव बना रहा है लेकिन, करीब दो महीने तक चली कार्रवाई के दौरान सिर्फ 14 लाख रुपये ही वसूल सका है। शेष रकम प्रबंधन वापस नहीं ला पा रहा है। वहीं, निलंबित होने के बाद इन कर्मचारियों ने अब एक वरिष्ठ अफसर का नाम भी उजागर किया है जबकि रीजनल मैनेजर संदीपन दास गुप्ता का कहना है रिकवरी प्रक्रिया अभी चल रही है।
अमर उजाला में समाचार प्रकाशित होने के बाद मुकदमा दर्ज करने की तैयारी में पुलिस
झांसी। पिछले करीब दो महीने से चिरगांव पुलिस मामले को दबाने की कोशिश में जुटी रही। बैंक की तहरीर मिलने तक से इंकार करती रही लेकिन, रविवार को अमर उजाला में समाचार प्रकाशित होने के बाद पुलिस को दोबारा सक्रिय होना पड़ा। उधर, बैंक अफसरों ने भी चिरगांव थाने पहुंचकर तत्काल एफआईआर दर्ज कराने की बात कही। करोड़ों के बैंक घपले का मामला एसएसपी राजेश एस तक पहुंचा। उन्होंने भी चिरगांव पुलिस को कार्रवाई करने के निर्देश दिए। चिरगांव थाना एसओ ललितेश त्रिपाठी के मुताबिक तहरीर के मुताबिक जल्द ही एफआईआर दर्ज की जाएगी।