हमीरपुर। मौदहा के गढ़ा गांव में मनरेगा के तहत 19 मृतकों व 43 मजदूरों के भुगतान में 10 लाख 54 हजार की वित्तीय अनियमितता सामने आई है। मृतकों के जॉब कार्ड में अन्य व्यक्तियों के खाते फीड़ कर भुगतान किया गया। जांच रिपोर्ट आने के बाद भी कार्रवाई न होने पर आयुक्त ग्राम विकास व अपर आयुक्त मनरेगा लखनऊ को ज्ञापन भेजा गया है।
लक्ष्य बुंदेलखंड जनसेवा समिति के रविंद्र कुमार भारतवंशी ने ज्ञापन में कहा है कि पिछले वर्ष 24 अगस्त व 10 सितंबर को उन्होंने गढ़ा में 16 मृतकों के जॉब कार्ड में अन्य व्यक्तियों के खाते फीड कर भुगतान करने की शिकायत की थी। डीएम ने तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की थी। जिला समाज कल्याण अधिकारी के नेतृत्व में कार्यक्रम अधिकारी व खंड विकास अधिकारी मौदहा ने जांच की थी। जांच में 10 लाख 54 हजार 915 रुपये की वित्तीय अनियमितता सामने आई थी। इसमें तीन मृतकों के नाम पर 12 हजार 691 रुपये, 16 मृतकों के नाम पर 49 हजार 164 रुपये, एक ही व्यक्ति के नाम पर एक से अधिक जॉब कार्ड जारी कर 29 मजदूरों का पांच लाख 97 हजार 539 रुपये व 14 मजदूरों के जॉब कार्डों में एक दिवस में डबल मजदूरी का भुगतान किया गया था। अन्य व्यक्तियों के खाते में कुल 40,8212 रुपये भेजा गया था।
30 दिसंबर को तत्कालीन सचिव अजय शंकर पासी, रोजगार सेवक लक्ष्मी देवी व तत्कालीन प्रधान रामसजीवन को दोषी मानते हुए डीएम ने कारण बताओ नोटिस जारी कर एक सप्ताह के अंदर अपना पक्ष रखने को कहा था। ब्लॉक स्तरीय किसी भी कर्मचारी को दोषी नहीं माना गया। मनरेगा योजना अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी की देखरेख व निर्देशन में क्रियान्वित होती है। वहीं भुगतान अधिकारी बीडीओ होते हैं। भुगतान व खाता बदलने के लिए लेखाकार की जिम्मेदारी बनती है। मुख्य विकास अधिकारी मथुरा प्रसाद ने बताया कि इस मामले में प्रधान ने अपना जवाब दे दिया है। सचिव और रोजगार सेवा का जवाब नहीं मिला है। रिमांडर नोटिस जारी की है। जवाब न मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।