क्राइम डेस्क, अमर उजाला, गोरखपुर।
Published by: गोरखपुर ब्यूरो
Updated Wed, 17 Apr 2019 01:52 AM IST
पादरीबाजार (गोरखपुर)। शाहपुर के शिवपुर सहबाजगंज में मंगलवार की दोपहर प्रशांत कुमार झा (28) ने छत के कुंडे से चादर का फंदा बनाकर खुदकुशी कर ली। घरवालों के मुताबिक तीन महीने पहले ही प्रशांत की नौकरी चली गई थी। वह बेरोजगारी से परेशान थे और तनाव में आकर आत्मघाती कदम उठा लिए। प्रशांत के आत्महत्या की सूचना घरवालों ने पुलिस को दी।
सिद्धार्थनगर के बांसी के मूल निवासी और किसानी करके ही जीवनयापन करने वाले महेंद्र झा परिवार के साथ शिवपुर सहबाजगंज में रहते हैं। परिवार में पत्नी, बहू और दो बेटे प्रभात, प्रशांत थे। बड़ा बेटा प्रभात नौसड़ स्थित महेंद्रा फाइनेंस कंपनी में कर्मचारी हैं। प्रशांत बिजली निगम में ठेके पर मीटर लगाता था लेकिन तीन महीने काम छूट गया था। वह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी कर रहा था। पिता महेंद्र के मुताबिक नौकरी छूट जाने के बाद से ही वह तनाव में था। मंगलवार की सुबह बांसी जा रहे पिता को छोड़ने प्रशांत रेलवे स्टेशन आया था। घर आने के बाद खाना खाकर अपने कमरे में चला गया। दोपहर तक कमरे का दरवाजा नहीं खुला तो परिवार वालों ने उसे उठाने का प्रयास किया फिर दरवाजा तोड़ दिया। अंदर प्रशांत का शव छत के कुंडे से लटका मिला।
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पादरीबाजार (गोरखपुर)। शाहपुर के शिवपुर सहबाजगंज में मंगलवार की दोपहर प्रशांत कुमार झा (28) ने छत के कुंडे से चादर का फंदा बनाकर खुदकुशी कर ली। घरवालों के मुताबिक तीन महीने पहले ही प्रशांत की नौकरी चली गई थी। वह बेरोजगारी से परेशान थे और तनाव में आकर आत्मघाती कदम उठा लिए। प्रशांत के आत्महत्या की सूचना घरवालों ने पुलिस को दी।
सिद्धार्थनगर के बांसी के मूल निवासी और किसानी करके ही जीवनयापन करने वाले महेंद्र झा परिवार के साथ शिवपुर सहबाजगंज में रहते हैं। परिवार में पत्नी, बहू और दो बेटे प्रभात, प्रशांत थे। बड़ा बेटा प्रभात नौसड़ स्थित महेंद्रा फाइनेंस कंपनी में कर्मचारी हैं। प्रशांत बिजली निगम में ठेके पर मीटर लगाता था लेकिन तीन महीने काम छूट गया था। वह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी कर रहा था। पिता महेंद्र के मुताबिक नौकरी छूट जाने के बाद से ही वह तनाव में था। मंगलवार की सुबह बांसी जा रहे पिता को छोड़ने प्रशांत रेलवे स्टेशन आया था। घर आने के बाद खाना खाकर अपने कमरे में चला गया। दोपहर तक कमरे का दरवाजा नहीं खुला तो परिवार वालों ने उसे उठाने का प्रयास किया फिर दरवाजा तोड़ दिया। अंदर प्रशांत का शव छत के कुंडे से लटका मिला।
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