पीडीडीयू नगर। सफर के दौरान कोरोना संक्रमण की चपेट में आने की मिल रही शिकायतों को देखते हुए रेलवे अब एंटी कोविड कोच का निर्माण करा रहा है। कोच में कॉपर कोटिंग वाली रेलिंग लगाई गई है। वहीं कोच के नल, दरवाजों को भी हैंड्स फ्री किया जा रहा है। इसे पैर से संचालित किया जाएगा। जल्द ही नए डिजाइन के कोच ट्रेनों में जोड़े जाएंगे। कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पहले तो रेलवे ने कई कोच को आइसोलेट वार्ड में तब्दील किया। अब ट्रेनों का संचालन शुरू हुआ तोयात्रियों के संक्रमण की चपेट में आने की शिकायतें मिल रही हैं। इससे यात्री यात्रा करने में डर रहे हैं। इसको देखते हुए रेलवे ने ‘एंटी कोविड कोच’ तैयार कराया है। गोरखपुर में खास डिजाइन में तैयार इस कोच में कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं हो सकेगा। शौचालय के दरवाजे और नल खोलने बंद करने और साबून निकलने की व्यवस्था पैर से संचालित होगी। यही नहीं कोच के दरवाजे के हैंडिल ओर रेलिंग कॉपर कोटिंग वाले होंगे। कॉपर के संपर्क में आने वाला वायरस कुछ ही घंटों में निष्क्रिय हो जाता है। रेलवे के अनुसार, एसी कोच के पाइप में प्लाज्मा एअर उपकरण लगाया गया है। इस तकनीक से एसी कोच के अंदर की हवा और सतहों को वायरस मुक्त कराया जा सकेगा। ऐसे में कोच कोविड-19 से मुक्त रहेगा। कोरोना से बचाव के लिए रेलवे सतर्क है। इसी कड़ी में एंटी कोविड कोचों का निर्माण हो रहा है। जल्द ही इसे ट्रेनों में जोडा जाएगा। -राजेश कुमार, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पूर्व मध्य रेलवे
पीडीडीयू नगर। सफर के दौरान कोरोना संक्रमण की चपेट में आने की मिल रही शिकायतों को देखते हुए रेलवे अब एंटी कोविड कोच का निर्माण करा रहा है। कोच में कॉपर कोटिंग वाली रेलिंग लगाई गई है। वहीं कोच के नल, दरवाजों को भी हैंड्स फ्री किया जा रहा है। इसे पैर से संचालित किया जाएगा। जल्द ही नए डिजाइन के कोच ट्रेनों में जोड़े जाएंगे। कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पहले तो रेलवे ने कई कोच को आइसोलेट वार्ड में तब्दील किया। अब ट्रेनों का संचालन शुरू हुआ तोयात्रियों के संक्रमण की चपेट में आने की शिकायतें मिल रही हैं। इससे यात्री यात्रा करने में डर रहे हैं। इसको देखते हुए रेलवे ने ‘एंटी कोविड कोच’ तैयार कराया है। गोरखपुर में खास डिजाइन में तैयार इस कोच में कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं हो सकेगा। शौचालय के दरवाजे और नल खोलने बंद करने और साबून निकलने की व्यवस्था पैर से संचालित होगी। यही नहीं कोच के दरवाजे के हैंडिल ओर रेलिंग कॉपर कोटिंग वाले होंगे। कॉपर के संपर्क में आने वाला वायरस कुछ ही घंटों में निष्क्रिय हो जाता है। रेलवे के अनुसार, एसी कोच के पाइप में प्लाज्मा एअर उपकरण लगाया गया है। इस तकनीक से एसी कोच के अंदर की हवा और सतहों को वायरस मुक्त कराया जा सकेगा। ऐसे में कोच कोविड-19 से मुक्त रहेगा। कोरोना से बचाव के लिए रेलवे सतर्क है। इसी कड़ी में एंटी कोविड कोचों का निर्माण हो रहा है। जल्द ही इसे ट्रेनों में जोडा जाएगा। -राजेश कुमार, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पूर्व मध्य रेलवे
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