बदायूं। ब्लॉक कारदचौक के मामूरगंज कंपोजिट विद्यालय की शिक्षिका स्मृति परमार और दहगवां ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय अफजलपुर बुधौनी के शिक्षक राजीव परमार का चयन प्रदेश स्तर पर कहानी सुनाओ प्रतियोगिता में हुआ है। पंचम राज्य स्तरीय कहानी सुनाने की प्रतियोगिता उत्तर प्रदेश अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद की ओर से रखी गई थी। अब यह दोनों शिक्षक प्रदेश स्तर पर आयोजित प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे।
जिला स्तर पर प्रतियोगिता जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान बदायूं में 15 नवंबर को आयोजित की गई थी। इसमें काफी संख्या में बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों ने हिस्सा लिया। कहानी ‘खेल बने हमारी पहचान’ थीम पर आधारित प्रतियोगिता में पांच मिनट का समय दिया गया था। निर्धारित समय में प्रतियोगियों को अपनी कहानी को रोचक और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करना था। इसमें स्मृति परमार और अजय भटनागर ने बाजी मार ली। इन दोनों शिक्षकों का नाम बदायूं जिले की ओर से राज्य स्तर पर प्रतियोगियों की सूची में शामिल किया गया है। स्मृति परमार वर्ष 2015 से मामूरगंज विद्यालय में सहायक अध्यापिका के पद पर तैनात हैं। इससे पहले स्मृति परमार को पर्यावरण शिक्षा केंद्र लखनऊ की ओर से राज्य स्तर सम्मानित किया जा चुका है।
बदायूं। ब्लॉक कारदचौक के मामूरगंज कंपोजिट विद्यालय की शिक्षिका स्मृति परमार और दहगवां ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय अफजलपुर बुधौनी के शिक्षक राजीव परमार का चयन प्रदेश स्तर पर कहानी सुनाओ प्रतियोगिता में हुआ है। पंचम राज्य स्तरीय कहानी सुनाने की प्रतियोगिता उत्तर प्रदेश अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद की ओर से रखी गई थी। अब यह दोनों शिक्षक प्रदेश स्तर पर आयोजित प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे।
जिला स्तर पर प्रतियोगिता जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान बदायूं में 15 नवंबर को आयोजित की गई थी। इसमें काफी संख्या में बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों ने हिस्सा लिया। कहानी ‘खेल बने हमारी पहचान’ थीम पर आधारित प्रतियोगिता में पांच मिनट का समय दिया गया था। निर्धारित समय में प्रतियोगियों को अपनी कहानी को रोचक और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करना था। इसमें स्मृति परमार और अजय भटनागर ने बाजी मार ली। इन दोनों शिक्षकों का नाम बदायूं जिले की ओर से राज्य स्तर पर प्रतियोगियों की सूची में शामिल किया गया है। स्मृति परमार वर्ष 2015 से मामूरगंज विद्यालय में सहायक अध्यापिका के पद पर तैनात हैं। इससे पहले स्मृति परमार को पर्यावरण शिक्षा केंद्र लखनऊ की ओर से राज्य स्तर सम्मानित किया जा चुका है।