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चीनी का उठान घटा, फंसा बकाया भुगतान
बिजनौर। चीनी के दाम कम होने के साथ-साथ उठान भी कम हो रहा है। केंद्र सरकार की ओर से चीनी बिक्री का कोटा निर्धारित किया जाता है। कई चीनी मिलों में फरवरी में निर्धारित किए गए कोटे की दस प्रतिशत बिक्री भी अब तक नहीं हो पाई है। कोटे की बिक्री प्रभावित होने से गन्ने का भुगतान भी प्रभावित हो रहा है।
केंद्र सरकार ने चीनी और राज्य सरकार ने गन्ने के दामों में फूटी कौड़ी की भी वृद्धि नहीं की है। चीनी मिलें चीनी निर्माण में लागत 3500 रुपये प्रति क्विंटल तक बता रहीं थीं। चीनी के दाम कम से कम लागत के बराबर करने की मांग उठी थी। इस संबंध में केंद्र के पास फाइल करीब छह महीने से थी। लेकिन केंद्र सरकार ने पिछले सप्ताह चीनी के दामों में कोई इजाफा नहीं किया। चीनी के दाम 3100 रुपये प्रति क्विंटल ही निर्धारित किए हैं। सरकार द्वारा चीनी की बिक्री का कोटा भी हर महीने निर्धारित किया जाता है। मिलें इस कोटे से अधिक चीनी बाजार में नहीं उतार सकती हैं। लेकिन बाजार में अभी चीनी की खपत भी बहुत कम चल रही है। फरवरी का जो कोटा सरकार ने बिक्री के लिए निर्धारित किया था अब तक उसका एक चौथाई हिस्सा भी नहीं बिका है। कई चीनी मिलों को दस प्रतिशत चीनी भी नहीं बिकी है।
चीनी मिल कोटा बिक्री
धामपुर 27169 3858..30
स्योहारा 15442 5620.70
बिजनौर 674 390.30
चांदपुर 1781 1781
नजीबाबाद 4189 420.50
बहादरपुर 8229 2656
बरकातपुर 10762 1670.50
बुंदकी 11041 5334.60
बिलाई 5594 755.30
कुल 84481 22487.20
नोट : चीनी बिक्री के आंकड़े टन में हैं।