भदोही। लोकमान्य तिलक से चल कर भदोही होते हुए मडुआडीह जाने वाले रत्नागिरी एक्सप्रेस मंगलवार को लगभग 15 घंटे देरी से भदोही स्टेशन पहुंची। जिस ट्रेन को कुल 24 घंटे में भदोही पहुंचना चाहिए था उस ट्रेन ने लगभग 39 घंटे में यात्रा पूरीकी। भदोही स्टेशन पनर ट्रेन से उतरे यात्रियों में झुंझलाहट साफ दिखी। लोगों ने कहा कि इस पर रेल प्रशासन को गौर करना चाहिए।
यात्रियों ने बताया कि ट्रेन सुबह 5.20 बजे लोकमान्य तिलट से चली थी। इटारसी तक ट्रेन अपने स्वाभावित गति से पहुंची। यहां रात्रि लगभग 12 बजे पहुंची और प्रात: 2.30 बजे तक खड़ी रही। वहां से जब रवाना हुई तो 9.20 घंटे लेट हो चुकी थी। इसके बाद कटनी पहुंचते पहुंचते 13 घंटे विलंब हो चुका था। ट्रेन रात लगभग 9 बजे भदोही पहुंची तो लोगों ने राहत की सांस ली। यात्री अमजद अंसारी ने बताया कि इटारसी में घंटो ट्रेन को रोक के रखने के बाद डायवर्ट कर चलाया गया। ऐसा क्यों किया गया इस बारे में लोगों को जानकारी नहीं थी।
भदोही। लोकमान्य तिलक से चल कर भदोही होते हुए मडुआडीह जाने वाले रत्नागिरी एक्सप्रेस मंगलवार को लगभग 15 घंटे देरी से भदोही स्टेशन पहुंची। जिस ट्रेन को कुल 24 घंटे में भदोही पहुंचना चाहिए था उस ट्रेन ने लगभग 39 घंटे में यात्रा पूरीकी। भदोही स्टेशन पनर ट्रेन से उतरे यात्रियों में झुंझलाहट साफ दिखी। लोगों ने कहा कि इस पर रेल प्रशासन को गौर करना चाहिए।
यात्रियों ने बताया कि ट्रेन सुबह 5.20 बजे लोकमान्य तिलट से चली थी। इटारसी तक ट्रेन अपने स्वाभावित गति से पहुंची। यहां रात्रि लगभग 12 बजे पहुंची और प्रात: 2.30 बजे तक खड़ी रही। वहां से जब रवाना हुई तो 9.20 घंटे लेट हो चुकी थी। इसके बाद कटनी पहुंचते पहुंचते 13 घंटे विलंब हो चुका था। ट्रेन रात लगभग 9 बजे भदोही पहुंची तो लोगों ने राहत की सांस ली। यात्री अमजद अंसारी ने बताया कि इटारसी में घंटो ट्रेन को रोक के रखने के बाद डायवर्ट कर चलाया गया। ऐसा क्यों किया गया इस बारे में लोगों को जानकारी नहीं थी।