बस्ती। असली नोट के बदले नकली नोट देने का झांसा देकर ठगी करने वाले एक गिरोह का मुंडेरवा पुलिस ने स्वाट टीम के सहयोग से पर्दाफाश किया है। गिरोह के सरगना सहित तीन आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। उनके कब्जे से होमगार्ड की वर्दी, बाइक, तमंचा, बाइक आदि बरामद की गई है। पकड़े गए शातिरों का एक साथी फरार है, जिसकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है।
प्रभारी निरीक्षक मुंडेरवा अरविंद कुमार शाही ने बताया कि इस गिरोह ने शुक्रवार की रात मुंडेरवा रेलवे स्टेशन पर एक व्यक्ति को डेढ़ लाख रुपये असली नोट देने के बदले छह लाख के नकली नोट देने के लिए बुलाया था। वह व्यक्ति एक लाख रुपये लेकर पहुंचा था। उससे गिरोह के लोगों ने रुपये ले लिया। इसी बीच उसी समय इन्हीं के गिरोह का एक व्यक्ति होमगार्ड की वर्दी पहनकर वहां पहुंच गया। बाकी सभी शोर मचाने लगे कि भागो-भागो पुलिस आ गई। इतना सुनते ही रुपये देने वाला वहां से भाग गया। इस बीच पुलिस को मुखबिर से सूचना मिल गई। एसएचओ मुंडेरवा की टीम के अलावा स्वाट टीम के प्रभारी उमाशंकर तिवारी की टीम ने शनिवार को दबिश देकर गिरोह के तीन आरोपियों को पकड़ लिया। पकड़े गए आरोपियों में पवन पांडेय निवासी घटरमहां थाना कोतवाली खलीलाबाद संतकबीरनगर, भुवन चन्द चौधरी निवासी खंता ससना थाना मुंडेरवा जनपद बस्ती और अशोक कुमार मौर्या निवासी बुधनी बाजार जलालपुर थाना खोडारे जनपद गोंडा शामिल हैं। तलाशी में इनके पास से कोई नोट नहीं बरामद हुआ।
----
भागो-भागो पुलिस आ गई
गिरोह के सरगना अशोक मौर्या ने पुलिस को बताया कि इससे पहले वह गिरोह के लोगों के साथ दो लोगों से एक-एक लाख रुपये लेकर इस तरह की ठगी कर चुका है। उसके पास कोई नोट नहीं रहती थी। सिर्फ लोगों को झांसा देता था कि उसके पास असली जैसी दिखने वाली काफी संख्या में पांच-पांच सौ रुपये की जाली नोट है। जिससे असली डेढ़ लाख रुपये लेकर छह लाख रुपये देने का सौदा करता था। इसके बाद अपने बताए स्थान पर उसे नोट देने के लिए बुलाता था। नोट लेकर पहुंचने पर वह लोग पहले रुपये ले लेते थे। तभी इनका एक साथी होमगार्ड की वर्दी पहनकर वहां पहुंच जाता था। उसके बाद सभी शोर मचा देते थे कि भागो-भागो पुलिस आ गई। रुपये देने वाला भाग जाता था और फंसने के डर के मारे पुलिस से शिकायत भी नहीं करता था।
------
इस तरह फंसाते थे
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह लोग बिस्कुट के पैकेट के ऊपर और नीचे एक-एक नोट लगाकर फंसाए गए व्यक्ति को दिखाते थे। उसे यह समझाते थे कि इसी तरह से उनके पास काफी गड्डियां हैं। सामने वाला व्यक्ति लालच में आकर उनकी बातों में आ जाता था। वह रुपये लेकर जब आता था तो यह लोग पुलिस आने का शोर मचा देते थे।