पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
बाराबंकी । ग्रामीण क्षेत्रों में खेल प्रतिभा को बढ़ावा देने के लिए बनवाए गए खेल मैदान वीरान पडे़ हैं। इन मैदानों में गड्ढे हो गए हैं। यहां लगे लोहे के पिलर जंक खा रहे हैं। स्थानीय लोग इन मैदानों का प्रयोग चारागाह के तौर पर कर रहे हैं जबकि ग्राम पंचायत की परती की जमीन पर ग्रामीण युवा खेल का हुनर सीख रहे हैं।
शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में खेल प्रतिभा को बढ़ावा देने के लिए पंचायत युवा क्रीड़ा एवं खेल अभियान योजना के तहत ग्राम पंचायतों में खेल मैदान विकसित कराए जाने और उनपर ग्रामीण क्षेत्र के खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दिए जाने के योजना बनाई थी। योजना में वर्ष 2015-16 तक सभी ग्राम पंचायतों को इस योजना से आच्छादित किया जाना है। ग्राम पंचायत स्तर पर खेल मैदान निर्माण पर एक लाख रुपये खर्च किए जाने हैं। इनमें से 75 हजार रुपये की लागत से मैदान तैयार करना, गेट लगवाना व तार की बैरीकेडिंग करवाना था। साथ ही उसमें पोल आदि भी लगवाया जाना था। शेष 25 हजार रुपये से खेल के उपकरण आदि खरीदे जाने हैं। बीते चार सालों में अभी तक 152 के सापेक्ष 130 ग्राम पंचायतों में खेल मैदान विकसित किए जाने का विभागीय दावा किया जा रहा है। विभागीय दावों से इतर विभाग द्वारा बनवाए गए खेल मैदान वीरान पड़े हैं। उनमें घास उगी हुई है। मैदान में लगवाए गए लोहे के पिलर देखरेख के अभाव में जंक खा रहे हैं। मैदान के चारों ओर न तो बैरिकेडिंग कराई गई है न ही गेट लगे हैं। मैदान निर्माण पर खर्च किए गए 75 हजार रुपये कैसे और कहां खर्च हो गए पता हीं नहीं चल रहा है। खेल सामान व प्रशिक्षक का तो पता ही नहीं है।
जिला युवा कल्याण अधिकारी शिल्पी पांडेय का कहना है िक, स्टाफ की कमी के कारण कुछ ग्राम पंचायतों में मैदानों पर खेल गतिविधियां सुचारु रूप से संचालित नहीं हो पा रही हैं।
बाराबंकी । ग्रामीण क्षेत्रों में खेल प्रतिभा को बढ़ावा देने के लिए बनवाए गए खेल मैदान वीरान पडे़ हैं। इन मैदानों में गड्ढे हो गए हैं। यहां लगे लोहे के पिलर जंक खा रहे हैं। स्थानीय लोग इन मैदानों का प्रयोग चारागाह के तौर पर कर रहे हैं जबकि ग्राम पंचायत की परती की जमीन पर ग्रामीण युवा खेल का हुनर सीख रहे हैं।
शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में खेल प्रतिभा को बढ़ावा देने के लिए पंचायत युवा क्रीड़ा एवं खेल अभियान योजना के तहत ग्राम पंचायतों में खेल मैदान विकसित कराए जाने और उनपर ग्रामीण क्षेत्र के खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दिए जाने के योजना बनाई थी। योजना में वर्ष 2015-16 तक सभी ग्राम पंचायतों को इस योजना से आच्छादित किया जाना है। ग्राम पंचायत स्तर पर खेल मैदान निर्माण पर एक लाख रुपये खर्च किए जाने हैं। इनमें से 75 हजार रुपये की लागत से मैदान तैयार करना, गेट लगवाना व तार की बैरीकेडिंग करवाना था। साथ ही उसमें पोल आदि भी लगवाया जाना था। शेष 25 हजार रुपये से खेल के उपकरण आदि खरीदे जाने हैं। बीते चार सालों में अभी तक 152 के सापेक्ष 130 ग्राम पंचायतों में खेल मैदान विकसित किए जाने का विभागीय दावा किया जा रहा है। विभागीय दावों से इतर विभाग द्वारा बनवाए गए खेल मैदान वीरान पड़े हैं। उनमें घास उगी हुई है। मैदान में लगवाए गए लोहे के पिलर देखरेख के अभाव में जंक खा रहे हैं। मैदान के चारों ओर न तो बैरिकेडिंग कराई गई है न ही गेट लगे हैं। मैदान निर्माण पर खर्च किए गए 75 हजार रुपये कैसे और कहां खर्च हो गए पता हीं नहीं चल रहा है। खेल सामान व प्रशिक्षक का तो पता ही नहीं है।
जिला युवा कल्याण अधिकारी शिल्पी पांडेय का कहना है िक, स्टाफ की कमी के कारण कुछ ग्राम पंचायतों में मैदानों पर खेल गतिविधियां सुचारु रूप से संचालित नहीं हो पा रही हैं।