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बांदा। कोहरे का मौसम शुरू होते ही रेलवे ने ट्रेनों को धुंध से बचाने की कवायद शुरू कर दी है। हर एक ट्रेन के इंजन में फाग सेफ डिवाइस लगाई जाएगी। जापानी तकनीक से लैस यह डिवाइस ट्रेन चालक को सिग्नल और ट्रैक के क्लीयरिंग के संकेत देगी। कोहरे में नजर न आने वाले सिग्नल के एक किलोमीटर पहले से ही चालक को डिवाइस से संकेत मिलने लगेंगे।
कोहरे की धुंध में ट्रेनों की रफ्तार में लगाम लग जाती है। ट्रेनें लेट होने से यात्रियों को परेशानी होती है। दुर्घटना का भी अंदेशा होता है। कोहरे का मौसम शुरू हो चुका है। ऐसे में रेलवे ने ट्रेनों के इंजन में फाग सेफ डिवाइस लगा दी है। धुंध में सिग्नल नजर न आने पर डिवाइस सिग्नल का संकेत देगी।
एक किलोमीटर पहले से ही चालक सतर्क हो जाएगा। सिग्नल के 20 मीटर के नजदीक ट्रेन पहुंचने पर डिवाइस में हरी और पीली लाइट जलेगी। पीली लाइट जलने पर चालक को यह संकेत मिलेगा कि आउटर सिग्नल क्लीयर है, लेकिन चालक ट्रेन की गति को मेन सिंग्नल तक धीमी रखेगा। हरी लाइट जलने पर मेन सिंग्नल के क्लीयर होने के संकेत मिलेगा। स्टेशन प्रबंधक श्रीकृष्ण कुशवाहा ने बताया कि फाग सेफ डिवाइस सभी एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों में लगाई जा रही है। इसके बाद मालगाड़ियों में लगाई जाएगी। इससे कोहरे में ट्रेनों की स्पीड पर खास असर नहीं पड़ेगा। दुर्घटनाओं का भी खतरा कम होगा।
ट्रेनें अब 31 दिसंबर तक चलेंगी
बांदा। झांसी-कानपुर रूट पर कोविड-19 विशेष बुंदेलखंड, तुलसी, हरिद्वार, चित्रकूट एक्सप्रेस का संचालन 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया। पूर्व में 30 नवंबर तक ट्रेन संचालन का आदेश था। स्टेशन प्रबंधक ने बताया कि ट्रेनों के समय में आंशिक संशोधन किया गया है।
बांदा। कोहरे का मौसम शुरू होते ही रेलवे ने ट्रेनों को धुंध से बचाने की कवायद शुरू कर दी है। हर एक ट्रेन के इंजन में फाग सेफ डिवाइस लगाई जाएगी। जापानी तकनीक से लैस यह डिवाइस ट्रेन चालक को सिग्नल और ट्रैक के क्लीयरिंग के संकेत देगी। कोहरे में नजर न आने वाले सिग्नल के एक किलोमीटर पहले से ही चालक को डिवाइस से संकेत मिलने लगेंगे।
कोहरे की धुंध में ट्रेनों की रफ्तार में लगाम लग जाती है। ट्रेनें लेट होने से यात्रियों को परेशानी होती है। दुर्घटना का भी अंदेशा होता है। कोहरे का मौसम शुरू हो चुका है। ऐसे में रेलवे ने ट्रेनों के इंजन में फाग सेफ डिवाइस लगा दी है। धुंध में सिग्नल नजर न आने पर डिवाइस सिग्नल का संकेत देगी।
एक किलोमीटर पहले से ही चालक सतर्क हो जाएगा। सिग्नल के 20 मीटर के नजदीक ट्रेन पहुंचने पर डिवाइस में हरी और पीली लाइट जलेगी। पीली लाइट जलने पर चालक को यह संकेत मिलेगा कि आउटर सिग्नल क्लीयर है, लेकिन चालक ट्रेन की गति को मेन सिंग्नल तक धीमी रखेगा। हरी लाइट जलने पर मेन सिंग्नल के क्लीयर होने के संकेत मिलेगा। स्टेशन प्रबंधक श्रीकृष्ण कुशवाहा ने बताया कि फाग सेफ डिवाइस सभी एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों में लगाई जा रही है। इसके बाद मालगाड़ियों में लगाई जाएगी। इससे कोहरे में ट्रेनों की स्पीड पर खास असर नहीं पड़ेगा। दुर्घटनाओं का भी खतरा कम होगा।
ट्रेनें अब 31 दिसंबर तक चलेंगी
बांदा। झांसी-कानपुर रूट पर कोविड-19 विशेष बुंदेलखंड, तुलसी, हरिद्वार, चित्रकूट एक्सप्रेस का संचालन 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया। पूर्व में 30 नवंबर तक ट्रेन संचालन का आदेश था। स्टेशन प्रबंधक ने बताया कि ट्रेनों के समय में आंशिक संशोधन किया गया है।