पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
बांदा। गुरुवार (15 अक्तूबर) को मानसूनी मौसम (वर्षा ऋतुकाल) विदा हो गया। चित्रकूटधाम मंडल में चारों जनपदों में इस वर्ष औसत से 115 मिलीमीटर कम बारिश हुई। यहां बारिश का औसत 817 मिलीमीटर है, जबकि 702.94 मिलीमीटर पानी बरसा। बरसात का मौसम 15 जून से 15 अक्तूबर तक ही माना जाता है। इसके बाद होने वाली वर्षा बेमौसम की बारिश कही जाएगी।
10 डिग्री बढ़ा तापमान फसलों को नुकसान
अक्तूबर के पहले पखवारे में रबी फसल के लिए अधिकतम तापमान 28 डिग्री तक ही मुफीद बताया गया है। लेकिन इस बार मौसम के तेवर तल्ख हैं। इस माह में 38 डिग्री सेल्सियस तापमान चल रहा है। यानी तापमान में 10 डिग्री की अधिकता से फसलों पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं।
सबसे ज्यादा नुकसान धान को पहुंचा है। इसके खेत पीले पड़ गए हैं। बालियां नहीं निकल रही हैं। इसी तरह गेहूं, चना, सरसो के पौधे भी कुम्हलाकर झुलसने की कगार पर हैं। उधर, जिला कृषि अधिकारी डा.प्रमोद कुमार का कहना है कि बारिश की नमी फिलहाल बनी हुई है। यह फसलों को बचाने में मददगार साबित होगी।
पिछले साल 102 मिमी अधिक हुई थी बारिश
मंडल में पिछले वर्ष 15 जून से 15 अक्टूबर तक 804 मिलीमीटर बारिश हुई थी। यह औसत से 102 मिलीमीटर ज्यादा थी। औसत बारिश 702.94 है। सबसे अधिक 224 मिलीमीटर बारिश महोबा में हुई थी। बांदा 230, चित्रकूट 200 और हमीरपुर 150 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई थी।
बांदा। गुरुवार (15 अक्तूबर) को मानसूनी मौसम (वर्षा ऋतुकाल) विदा हो गया। चित्रकूटधाम मंडल में चारों जनपदों में इस वर्ष औसत से 115 मिलीमीटर कम बारिश हुई। यहां बारिश का औसत 817 मिलीमीटर है, जबकि 702.94 मिलीमीटर पानी बरसा। बरसात का मौसम 15 जून से 15 अक्तूबर तक ही माना जाता है। इसके बाद होने वाली वर्षा बेमौसम की बारिश कही जाएगी।
10 डिग्री बढ़ा तापमान फसलों को नुकसान
अक्तूबर के पहले पखवारे में रबी फसल के लिए अधिकतम तापमान 28 डिग्री तक ही मुफीद बताया गया है। लेकिन इस बार मौसम के तेवर तल्ख हैं। इस माह में 38 डिग्री सेल्सियस तापमान चल रहा है। यानी तापमान में 10 डिग्री की अधिकता से फसलों पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं।
सबसे ज्यादा नुकसान धान को पहुंचा है। इसके खेत पीले पड़ गए हैं। बालियां नहीं निकल रही हैं। इसी तरह गेहूं, चना, सरसो के पौधे भी कुम्हलाकर झुलसने की कगार पर हैं। उधर, जिला कृषि अधिकारी डा.प्रमोद कुमार का कहना है कि बारिश की नमी फिलहाल बनी हुई है। यह फसलों को बचाने में मददगार साबित होगी।
पिछले साल 102 मिमी अधिक हुई थी बारिश
मंडल में पिछले वर्ष 15 जून से 15 अक्टूबर तक 804 मिलीमीटर बारिश हुई थी। यह औसत से 102 मिलीमीटर ज्यादा थी। औसत बारिश 702.94 है। सबसे अधिक 224 मिलीमीटर बारिश महोबा में हुई थी। बांदा 230, चित्रकूट 200 और हमीरपुर 150 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई थी।