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Baghpat: Department is teaching wrong history to the princes, misleading information given in the book being distributed
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खास खबर: प्रधानों को गलत इतिहास पढ़ा रहा विभाग, वितरित की जा रही पुस्तक में दी गई भ्रामक जानकारी
मुकेश पंवार, अमर उजाला, बागपत
Published by: Dimple Sirohi
Updated Tue, 05 Oct 2021 05:02 PM IST
सार
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पंचायती राज विभाग परिचयात्मक प्रशिक्षण के लिए वितरित पुस्तक के जरिए ग्राम प्रधानों को पंचायतों के गठन का गलत इतिहास पढ़ाया जा रहा है। इन पुस्तकों में पंचायत के गठन के संबंध में भ्रामक जानकारी दी गई है।
परिचयात्मक प्रशिक्षण के लिए संदर्भ साहित्य पुस्तिका
- फोटो : अमर उजाला
पंचायती राज विभाग परिचयात्मक प्रशिक्षण के दौरान वितरित पुस्तक के जरिए ग्राम प्रधानों को पंचायतों के गठन का गलत इतिहास पढ़ाया जा रहा है। पुस्तक के पेज नंबर 14 और 15 पर पंचायत गठन के वर्ष अलग-अलग लिखे होने से मतभेद की स्थिति बन गई है।
पुस्तक में त्रिस्तरीय पंचायत के गठन की तारीख को देश की पहली ग्राम पंचायत गठन की तारीख बता दी गई है। पंचायतीराज विभाग द्वारा इन दिनों ब्लॉक वार ग्राम प्रधानों को परिचयात्मक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसमें प्रधानों को वितरित करने के लिए संदर्भ साहित्य पुस्तिका सहायक विकास अधिकारियों के पास भेजी गई हैं।
पंचायतों के गठन की अलग-अलग तिथि
इन पुस्तकों के पेज नंबर 15 के दूसरे पैराग्राफ में लिखा है कि वर्ष 1958 में राष्ट्रीय विकास परिषद ने बलवंत राय मेहता समिति की सिफारिशें स्वीकार कीं। दो अक्तूबर 1959 को नागौर (राजस्थान) जिले में तत्कालीन प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू द्वारा देश की पहली ग्राम पंचायत का उद्घाटन किया गया है। हालांकि, देश में गांव पंचायतों का गठन 15 अगस्त 1949 को हो चुका था।
पंडित जवाहर लाल नेहरू ने तो दो अक्तूबर 1959 को पहली त्रिस्तरीय पंचायत (जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत और गांव पंचायत) का नागौर जिले में उद्घाटन किया था। हालांकि इसी पुस्तक के पेज नंबर 14 पर दूसरे पैराग्राफ की दूसरी लाइन में उत्तर प्रदेश में ग्राम पंचायतों की स्थापना 15 अगस्त 1949 से लिखी गई है। इस तिथि से ही उत्तर प्रदेश में लगभग 35 हजार ग्राम पंचायतें अस्तित्व में आईं थीं।
ऐसे में आमने-सामने के पेज पर गांव पंचायतों के गठन की अलग-अलग तिथि प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे प्रधानों को भ्रमित कर रही हैं। वहीं, पंचायतीराज विभाग की वेबसाइट और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों के लिए आने वाली पुस्तकों के मुताबिक वर्ष 1957 में गठित बलवंत राय मेहता समिति ने वर्ष 1958 में भारत में त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के गठन की सिफारिश की थी। इनमें ग्राम पंचायत (ग्राम स्तर पर), पंचायत समिति (मध्यवर्ती स्तर पर) और जिला परिषद (जिला स्तर पर) शामिल हैं।
त्रुटियों के बारे में जानकारी नहीं
परिचयात्मक प्रशिक्षण कार्यक्रम में ग्राम प्रधानों को दी जाने वाली पुस्तक विभाग द्वारा छपवाकर भेजी गई हैं। पुस्तक में पंचायतों के गठन को लेकर गलत तारीख अंकित होने की जानकारी नहीं है। -राहुल वर्मा, बीडीओ
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