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तीन और मड़इयां घाघरा में विलीन
azamgarh
Published by:
Updated Wed, 19 Jul 2017 11:23 PM IST
चक्की गांव में कटान के भय से अपने सामान समेट कर जाते ग्रामीण।
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कहीं भी, कभी भी।
घाघरा नदी के जलस्तर में घटोत्तरी का क्रम जारी है वहीं कटान तेज हो गई है। नदी अब तेजी से आवासीय मड़इयों को काटकर अपने आगोश में लेती जा रही है। नदी का यह रूप देखकर ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है।
घाघरा के तट पर रहने वाले गांव देवारा खास राजा, मुराली का पुरवा, अचल नगर, देवारा भिक्षुक दास, देवारा गरीब दुबे, देवारा अचल सिंह सहित आधा दर्जन गांव घाघरा की कटान के मुहाने पर खड़े हैं। देवारा खास राजा गांव के मुराली का पुरवा में कटान जारी है। वहां गांव के लालधर, परसन, जगदीश, तीर्थराज, राधेश्याम, लालबचन की आवासीय मड़ई रविवार को घाघरा में विलीन हो चुकी थी।
वहीं मंगलवार की रात में नदी ने विराज, मुराली और रामदास की भी आवासीय मड़ई को अपने आगोश में ले लिया। बताते चलें कि 2016 में रामचंद्र, रामाश्रय, रमाशंकर, राम अवध और अयोध्या का घर घाघरा नदी में विलीन हो चुका है। उन्हें अभी तक मुआवजा और जमीन नहीं मिल पाई है। ग्राम प्रधान इंद्रावती देवी का कहना है कि लेखपाल और कानूनगो से जमीन के लिए बात कर ली गई है।
आराजी देवारा नैनीजोर में जमीन सुरक्षित है। आवंटन के लिए तहसीलदार सगड़ी को पत्र लिख दिया गया है। तहसीलदार सगड़ी हीरालाल ने बताया कि उनके जमीन का आवंटन जल्द ही कर दिया जाएगा। देवारा खास राजा गांव के तीरथ, लालधर, महादेव, लालबचन, बदरी, रामदरस, राधेश्याम, जीता, जगदीश, मुराली, परसन, विलास, रामवृक्ष, बनवारी, प्रकाश, सत्यदेव, रामदरस, छत्रधारी, रामकमल, लोरिक, कल्पू, शिवनाथ आदि की जमीन और आवास कट गया है जिनको अभी तक जमीन नहीं मिली है।
घाघरा नदी के जलस्तर में घटोत्तरी का क्रम जारी है वहीं कटान तेज हो गई है। नदी अब तेजी से आवासीय मड़इयों को काटकर अपने आगोश में लेती जा रही है। नदी का यह रूप देखकर ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है।
घाघरा के तट पर रहने वाले गांव देवारा खास राजा, मुराली का पुरवा, अचल नगर, देवारा भिक्षुक दास, देवारा गरीब दुबे, देवारा अचल सिंह सहित आधा दर्जन गांव घाघरा की कटान के मुहाने पर खड़े हैं। देवारा खास राजा गांव के मुराली का पुरवा में कटान जारी है। वहां गांव के लालधर, परसन, जगदीश, तीर्थराज, राधेश्याम, लालबचन की आवासीय मड़ई रविवार को घाघरा में विलीन हो चुकी थी।
वहीं मंगलवार की रात में नदी ने विराज, मुराली और रामदास की भी आवासीय मड़ई को अपने आगोश में ले लिया। बताते चलें कि 2016 में रामचंद्र, रामाश्रय, रमाशंकर, राम अवध और अयोध्या का घर घाघरा नदी में विलीन हो चुका है। उन्हें अभी तक मुआवजा और जमीन नहीं मिल पाई है। ग्राम प्रधान इंद्रावती देवी का कहना है कि लेखपाल और कानूनगो से जमीन के लिए बात कर ली गई है।
आराजी देवारा नैनीजोर में जमीन सुरक्षित है। आवंटन के लिए तहसीलदार सगड़ी को पत्र लिख दिया गया है। तहसीलदार सगड़ी हीरालाल ने बताया कि उनके जमीन का आवंटन जल्द ही कर दिया जाएगा। देवारा खास राजा गांव के तीरथ, लालधर, महादेव, लालबचन, बदरी, रामदरस, राधेश्याम, जीता, जगदीश, मुराली, परसन, विलास, रामवृक्ष, बनवारी, प्रकाश, सत्यदेव, रामदरस, छत्रधारी, रामकमल, लोरिक, कल्पू, शिवनाथ आदि की जमीन और आवास कट गया है जिनको अभी तक जमीन नहीं मिली है।