थाना क्षेत्र के खपटिहा गांव में उस समय हड़कंप मच गया जब पुलिस बल की मौजूदगी में प्राकृतिक नाले का पाटे जाने के विरोध में सिंचाई विभाग के एसडीओ ट्रैक्टर के सामने लेट गए। वहीं नाले का पाटकर नए नाला बनाए जाने का विरोध ग्रामीणों ने भी किया, लेकिन इसके बाद भी पुलिस बल की मौजूदगी में ट्रैक्टर व जेसीबी लगाकर प्राकृतिक नाले का पाटा जाता रहा। दोपहर बाद पहुंचे एसडीएम ने नाले का पाटने का काम रुकवाया।
जानकारी के अनुसार खपटिहा गांव में बुधवार को एक व्यक्तृि द्वारा पुलिस बल की मौजूदगी में कई वर्षों से बने प्राकृतिक नाले को पाटकर नए नाले का निर्माण कराया जा रहा था। नाले के प्राकृतिक बहाव को प्रशासनिक सहयोग से परिवर्तित किया जा रहा था, जिसका ग्राम प्रधान व ग्रामीणों ने विरोध किया। एसडीएम कोरांव अभिनव कनौजिया व उच्चाधिकारियों के मौखिक कार्रवाई के अनुसार नारीबारी कोरांव मुख्य मार्ग से सटा हुआ नाले को जो कि कई वर्षो से क्षेत्र का जल निकासी का मुख्य साधन है।
उसे भू माफियाओं द्वारा बिना किसी लिखित आदेश के पाटकर नया नाला बनाया जा रहा था। इस दौरान वहां पर कई थानों का फोर्स, हल्का कानूनगो, लेखपाल भी मौजूद थे। ग्रामीणों ने जब इसका विरोध करते हुए वहां मौजूद तहसील के अधिकारियों से पूछा तो उन्होंने बताया कि एसडीएम के आदेश पर यह कार्य हो रहा है। ग्रामीण संजय कुमार गुप्ता ने इसका विरोध किया तो पुलिस उन्हें पकड़कर थाने ले आई। वहीं इसकी जानकारी सिंचाई विभाग को हुुई तो वहां मौके पर इंजीनियर अनिल कुमार यादव पहुंचे और कार्य को रोकना चाहा। लेकिन कार्य न रूकता देख व ट्रैक्टर के सामने लेट गए।
काफी विरोध के बाद रुका पाटने का कार्य
हालांकि काफी विरोध के पश्चात नाले को पाटना बंद कर दिया गया। इंजीनियर को ट्रैक्टर के सामने लेटते देख पुलिस प्रशासन में खलबली मच गई। आनन-फानन में बल प्रयोग करते हुए उक्त सिंचाई विभाग के एसडीओ अनिल कुमार यादव को वहां से हटाया गया। वह कई विभागीय अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे थे। उनका कहना है कि इस तरह से नाले को पाट दिया गया तो पूरा क्षेत्र बाढ़ के चपेट में आ जाएगा। वहीं पर मौजूद एक अधिवक्ता का कहना था कि जब बाढ़ आएगी तो उसका जिम्मेदार पूरा प्रशासन होगा।
ग्रामीणों में प्रशासन के प्रति आक्रोश
प्राकृतिक नाले का बंद कर नए नाले के निर्माण को लेकर ग्रामीणों में प्रशासन के प्रति काफी गुस्सा देखने को मिला। जिसमें संजय कुमार गुप्ता, रामहित गुप्ता, रामाधार द्विवेदी, अवधेश गुप्ता, हनुमान गुप्ता, रघुनाथ गुप्ता ,लक्ष्मी कांत मिश्रा, राजेश्वरी मिश्रा समेत सैकड़ों की संख्या ग्रामीण वहां मौजूद रहे और प्रशासन की मौजूदगी में हो रहे अवैध कार्य का विरोध करते रहे।
एसडीएम कोरांव ने मामले में जताई अनभिज्ञता
खपटिहा गांव में बुधवार सुबह पुलिस बल की मौजूदगी में ट्रैक्टर व जेसीबी लगाकर प्राकृतिक नाले का पाटने का काम शुरु हो गया था। जब इसके विरोध में ग्रामीण इकट्ठा हुए वहां मौजूद पुलिस कर्मी उन्हें समझाने में लग गए, लेकिन ग्रामीण उनकी बातों से संतुष्ट नहीं थे। इसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग किया। दोपहर एक बजे एसडीएम कोरांव अभिनव कनौजिया मौके पर पहुंचे। उन्होंने मामले में किसी तरह की कागजी आदेश के संबंध में अनभिज्ञता जताई।
सिंचाई विभाग के एसडीओ अनिल कुमार यादव ने कहा कि मामले में सीआरपीसी 133 के तहत प्रकृति के बहाव को रोकना पूरी तरह गैरकानूनी है। उक्त में काफी जद्दोजहद के पश्चात एसडीएम ने नाले का पटना रुकवा दिया। वही कुछ पुराने नाले का खुदाई भी करवाया। पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सिर्फ उच्चाधिकारियों के आदेश पर ही नाले को पाटने का काम प्रारंभ हुआ था।
वहीं उच्चाधिकारियों के आदेश पर ही नाले का पाटने का काम रोककर खुदाई का काम चालू किया गया। ग्रामीणों ने बताया कि यदि प्राकृतिक नाले का पाट दिया गया तो क्षेत्र के जोरवट, खपटिहा, खीरी, पूरादतू, बहराइचा, बघोल, पाठकपुर समेत कई गांव में बरसात में बाढ़ की समस्या हो जाएगी।
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थाना क्षेत्र के खपटिहा गांव में उस समय हड़कंप मच गया जब पुलिस बल की मौजूदगी में प्राकृतिक नाले का पाटे जाने के विरोध में सिंचाई विभाग के एसडीओ ट्रैक्टर के सामने लेट गए। वहीं नाले का पाटकर नए नाला बनाए जाने का विरोध ग्रामीणों ने भी किया, लेकिन इसके बाद भी पुलिस बल की मौजूदगी में ट्रैक्टर व जेसीबी लगाकर प्राकृतिक नाले का पाटा जाता रहा। दोपहर बाद पहुंचे एसडीएम ने नाले का पाटने का काम रुकवाया।
जानकारी के अनुसार खपटिहा गांव में बुधवार को एक व्यक्तृि द्वारा पुलिस बल की मौजूदगी में कई वर्षों से बने प्राकृतिक नाले को पाटकर नए नाले का निर्माण कराया जा रहा था। नाले के प्राकृतिक बहाव को प्रशासनिक सहयोग से परिवर्तित किया जा रहा था, जिसका ग्राम प्रधान व ग्रामीणों ने विरोध किया। एसडीएम कोरांव अभिनव कनौजिया व उच्चाधिकारियों के मौखिक कार्रवाई के अनुसार नारीबारी कोरांव मुख्य मार्ग से सटा हुआ नाले को जो कि कई वर्षो से क्षेत्र का जल निकासी का मुख्य साधन है।
उसे भू माफियाओं द्वारा बिना किसी लिखित आदेश के पाटकर नया नाला बनाया जा रहा था। इस दौरान वहां पर कई थानों का फोर्स, हल्का कानूनगो, लेखपाल भी मौजूद थे। ग्रामीणों ने जब इसका विरोध करते हुए वहां मौजूद तहसील के अधिकारियों से पूछा तो उन्होंने बताया कि एसडीएम के आदेश पर यह कार्य हो रहा है। ग्रामीण संजय कुमार गुप्ता ने इसका विरोध किया तो पुलिस उन्हें पकड़कर थाने ले आई। वहीं इसकी जानकारी सिंचाई विभाग को हुुई तो वहां मौके पर इंजीनियर अनिल कुमार यादव पहुंचे और कार्य को रोकना चाहा। लेकिन कार्य न रूकता देख व ट्रैक्टर के सामने लेट गए।