अखाड़ा परिषद अध्यक्ष नरेंद्र गिरि के कथित सुसाइड नोट को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कोई कार्रवाई प्रशासन करेगा। महंत के सुसाइड नोटपर तरह-तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं। कोई कह रहा है कि उनकी भाषा टूटी फूटी थी तो कोई कह रहा है कि वह हस्ताक्षर भी ठीक से नहीं कर पा रहे थे। इस तरह की चर्चा के बीच सुसाइड नोट की सत्यता के लिए फोरेंसिक लैब भेजा गया है।
महंत कैलाशानंद ब्हमचारी ने सुसाइड नोट पर सवाल उठाते हुए इसे पूरी तरह से फर्जी बताया है। उन्होंने पूरे मामले की गहराई से जांच की मांग की है। पूर्व सांसद राम विलास वेदांती ने तो बलवीर गिरी पर ही साजिश का आरोप मढ़ दिया है।
कहा कि जिसका उत्तराधिकारी के लिए नाम लेटरपैड में लिखा गया है आत्महत्या के पीछे उसी की साजिश हो सकती है। महंत को वह दो दशकों से जानते हैं। वह आत्महत्या जैसा अपराध कर ही नहीं सकते हैं। यह सब मठ पर कब्जे के लिए साजिश भी हो सकती है।
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अखाड़ा परिषद अध्यक्ष नरेंद्र गिरि के कथित सुसाइड नोट को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कोई कार्रवाई प्रशासन करेगा। महंत के सुसाइड नोटपर तरह-तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं। कोई कह रहा है कि उनकी भाषा टूटी फूटी थी तो कोई कह रहा है कि वह हस्ताक्षर भी ठीक से नहीं कर पा रहे थे। इस तरह की चर्चा के बीच सुसाइड नोट की सत्यता के लिए फोरेंसिक लैब भेजा गया है।
महंत कैलाशानंद ब्हमचारी ने सुसाइड नोट पर सवाल उठाते हुए इसे पूरी तरह से फर्जी बताया है। उन्होंने पूरे मामले की गहराई से जांच की मांग की है। पूर्व सांसद राम विलास वेदांती ने तो बलवीर गिरी पर ही साजिश का आरोप मढ़ दिया है।
कहा कि जिसका उत्तराधिकारी के लिए नाम लेटरपैड में लिखा गया है आत्महत्या के पीछे उसी की साजिश हो सकती है। महंत को वह दो दशकों से जानते हैं। वह आत्महत्या जैसा अपराध कर ही नहीं सकते हैं। यह सब मठ पर कब्जे के लिए साजिश भी हो सकती है।