जिले में निराश्रित महिला पेंशन योजना के करीब 60 हजार लाभार्थी हैं। जिनमें से करीब 45 हजार ने अपना आधार कार्ड नंबर पेंशन के ब्योरे में दर्ज करा दिया है। 15 हजार लाभार्थियों ने अभी तक ये ब्योरा दर्ज नहीं कराया है। ऐसे में जिन लाभार्थियों का आधार प्रमाणीकरण नहीं हुआ है, उनकी पेंशन रुक गई है।
वृद्धावस्था पेंशन लेने वाले बुजुर्गों के आधार कार्ड का ब्योरा पेंशन पोर्टल में दर्ज होना था, लेकिन लाभार्थियों की केवाईसी नहीं हो सकी है। ऐसे में यह बुजुर्ग पेंशन पोर्टल में आधार प्रमाणीकरण के लिए दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं। बुजुर्गों को वृद्धावस्था पेंशन के रूप में 500 रुपये मिलते हैं। अब शासन ने पेंशन राशि बढ़ाकर 1000 रुपये कर दी है। शासन ने पेंशन का लाभ लेने के लिए केवाईसी और बैंक खाते को आधार कार्ड से लिंक कराने का निर्देश दिया है। पेंशन में फर्जीवाड़े की रोकथाम के लिए बैंक खातों का केवाईसी कराने के साथ ही उसे आधार कार्ड से लिंक कराना अनिवार्य कर दिया है, अन्यथा की दशा में उनकी पेंशन रोक दी जा रही है। जिला प्रोबेशन अधिकारी स्मिता सिंह ने बताया कि शासन द्वारा शत- प्रतिशत आधार प्रमाणीकरण के निर्देश हैं। अब तक करीब 78 प्रतिशत आधार कार्ड ही फीड हो सके हैं। इसी वजह से अधिकांश लाभार्थियों की पेंशन रोक दी गई है।
ब्लॉक एवं तहसील कर्मियों से ली जा रही मदद
जिला समाज कल्याण अधिकारी सूरज कुमारी ने बताया कि पेंशन लाभार्थियों के आधार लिंक कराए जाने का कार्य लगातार जारी है। वृद्धावस्था पेंशन के लाभार्थियों में से अभी तक 45 हजार लाभार्थियों के आधार कार्ड लिंक कराए जा चुके हैं। 15 हजार लाभार्थियों के आधार कार्ड लिंक न होने से उनकी केवाईसी नहीं हो सकी है। तहसील एवं ब्लॉक कर्मियों की मदद से आधार कार्ड लिंक कराने के साथ ही केवाईसी कराने पर जोर दिया जा रहा है।