कासगंज।
कासगंज से एटा रेल लाइन विस्तार के लिए सर्वेक्षण और निर्माण को पिछले रेल बजट में मंजूरी मिली थी। इस परियोजना पर रेलवे ने चिह्नांकन का कार्य शुरू किया है। रेलवे लाइन के सर्वेक्षण निर्माण के लिए कई गांवों में भूमि का चिह्नांकन करते हुए पत्थर लगाए गए हैं।
कासगंज से एटा की ओर रेल लाइन का निर्माण 29 किलोमीटर लंबा किया जाएगा। इसके लिए 276.9 करोड़ की धनराशि रेलवे ने स्वीकृत की थी। इस महत्वाकांक्षी परियोजनाओं को लेकर कासगंज-एटा के लोग लंबे अरसे से मांग उठा रहे थे। कई बार इसको लेकर रेल मंत्री को ज्ञापन भी सौंपे गए। एटा के सांसद राजवीर सिंह ने कासगंज-एटा के रेल लाइन विस्तार योजना के प्रस्ताव को बजट में शामिल कराया। बजट में शामिल हो जाने के बाद इस परियोजना पर काम शुरू हो गया। रेलवे के द्वारा कासगंज एटा मार्ग के कई गांवों में रेल लाइन के लिए भूमि का चिह्नांकन करते हुए पत्थर लगाए हैं। तवालपुर गांव बरेला, कादरपुर, रमपुरी नगला सहित आस पास के गांवों में पत्थर लगाने का कार्य किया जा चुका है। पत्थर लगने के बाद से ग्रामीणों के बीच भूमि के अधिगृहण को लेकर हड़कंप है।
ग्रामीणों का कहना है कि चिह्नांकन करने पहुंची टीम ने कहा है कि अगली फसल की बुवाई न की जाए। हालांकि अभी तक ग्रामीणों से भूमि अधिगृहण को लेकर ग्रामीणों से कोई बातचीत नहीं की गई है। स्थानीय रेल प्रशासन के अधिकारी भी इस संबंध में कुछ भी कहने को तैयार नहीं हैं। तवालपुर के ग्रामीण चंद्रभान का कहना है कि रेलवे ने पिछले सप्ताह से यह चिह्निकरण का कार्य शुरू किया है और गेहूं की फसल कटने के बाद काम शुरू करने के संकेत दिए हैं।
- इज्जतनगर रेलमंडल के पीआरओ राजेंद्र सिंह का कहना है कि मामले की देखरेख रेलवे बोर्ड कर रहा है। सर्वे रिपोर्ट के बाद इसका प्रोजेक्ट बनेगा और फिर कार्रवाई आगे बढ़ेगी।