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Challenge to the recruitment process of judicial members of the tribunal
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Himachal News: ट्रिब्यूनल के न्यायिक सदस्यों की भर्ती प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
पुष्पेंद्र वर्मा, शिमला
Published by: Krishan Singh
Updated Sun, 02 Apr 2023 12:14 PM IST
सार
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हिमाचल के पूर्व अतिरिक्त महाधिवक्ता की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। याचिकाकर्ता राजेंद्र सिंह डोगरा की याचिका पर मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने सुनवाई करते हुए जवाब तलब किया है।
देश भर के 19 केंद्रीय प्रशासनिक न्यायधिकरणों के लिए न्यायिक सदस्यों की भर्ती प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष चुनौती दी गई है। हिमाचल के पूर्व अतिरिक्त महाधिवक्ता की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। याचिकाकर्ता राजेंद्र सिंह डोगरा की याचिका पर मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने सुनवाई करते हुए जवाब तलब किया है। याचिकाकर्ता ने भारत सरकार के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के तहत चयन समिति की ओर से निर्धारित आंतरिक मापदंड को चुनौती दी है।
इसके तहत 57 वर्ष की आयु पार कर चुके अधिवक्ता ट्रिब्यूनल के न्यायिक सदस्यों के रूप में नियुक्ति के लिए अयोग्य माने गए हैं। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि यह मापदंड न्यायाधिकरण सुधार अधिनियम की धारा 3 और 5 का सरासर उल्लंघन है। अधिनियम में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि नियुक्ति के लिए न्यूनतम आयु 50 वर्ष और सेवानिवृत्ति के लिए अधिकतम आयु 67 वर्ष है, जिसमें चार साल का नवीकरणीय कार्यकाल है। याचिका में दलील दी गई है कि न्यायिक सदस्यों की नियुक्ति के लिए दिसंबर 2022 में विज्ञापन जारी किया गया था।
चयन प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है। उसके बाद नियमों को पूर्वव्यापी रूप से नहीं बदला जा सकता है। उम्र के आधार पर आंतरिक मापदंड तय करने के लिए कमेटी के लिए वैधानिक प्रावधानों में कोई गुंजाइश नहीं है। इसके अलावा अधिवक्ताओं के लिए अलग आयु सीमा और पूर्व न्यायाधीशों के लिए अलग आयु सीमा तय करने के मनमाने मापदंड भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 का सरासर उल्लंघन करते हैं। याचिका में कहा गया है कि इसके तहत गठित कमेटी तीन श्रेणियों योग्यता, अनुभव और व्यक्तिगत बातचीत के आधार पर उपयुक्तता तय करेगी। हालांकि, याचिका के अनुसार, चयन समिति के पास उम्मीदवारों की उम्र के आधार पर चयन के लिए आंतरिक मानदंड तय करने की शक्ति या अधिकार नहीं था।
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