मेरठ के मवाना में मोबिल ऑयल की दुकान में धमाकों के साथ ड्रम फटते रहे और अंदर फंसे जिगर के टुकड़ों को बचाने के लिए बेबस परिजन चीखते-चिल्लाते हुए अंदर घुसने की कोशिश करते रहे। फायर ब्रिगेड की गाड़ी स्टार्ट नहीं हो रही थी। करीब पौने तीन घंटे बाद आग बुझी तो अंदर तीनों युवकों के शव कंकाल में तब्दील हो चुके थे। इस दर्दनाक मंजर को देखने वालों की भी रूह कांप गई, कई लोगों की आंखों से आंसू बहने लगे।
बस अड्डा पुलिस चौकी के पास मोबिल ऑयल की दुकान में जैसे ही धमाके के साथ ड्रम फटने शुरू हुए तो पूरा इलाका दहल गया। पूरा कस्बा आशंका व अनहोनी से घिर गया। कुछ लोग मौके की तरफ दौड़े, लेकिन आग का भयावह रूप को देख अंदर फंसे युवकों को बचाने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। आग की लपटें उठीं थी और धमाकों की तेज आवाज के साथ-साथ लोगों की चीख-पुकार मची थी।
सुबह करीब साढ़े दस बजे दुकानदार सतीश का छोटा बेटा राजा दुकान के काउंटर पर था और बड़ा बेटा ईशान कर्मचारी रोहित, शादाब और मानू के साथ बड़े ड्रमों से छोटे ड्रमों में ऑयल भरवा रहा था। अचानक आग की लपटें उठीं। शुरू में ईशान ने कर्मचारियों के साथ मिलकर आग को बुझाने का प्रयास किया। बेकाबू आग देखकर ईशान और कर्मचारी मानू दुकान से दौड़कर बाहर आ गए।
काउंटर पर बैठे राजा आग बुझाने के लिये दोनों कर्मचारियों के पास पहुंच गए, जहां पर तीनों फंस गए। तेज धमाके होते ही दुकान के बाहर अफरातफरी मच गई और लोगों ने चिल्लाना शुरू कर दिया। कुछ देर तक दुकान के अंदर से तीनों लोगों की बचाओ-बचाओ की आवाज आई, लेकिन फिर बंद हो गई। आसमान में आग और काला धुआं देखकर लोग भी वहां दौड़कर आने लगे। दुकान मालिक का बेटा राजा और दोनों कर्मचारी आग में जिंदा जलकर मर गए। करीब ढाई घंटे बाद आग पर काबू पाया गया, तब जाकर तीनों के शव दुकान से निकाले।
आग की भीषण लपटें देख सबकी जुबान पर एक ही शब्द था कि भगवान आज कोई चमत्कार कर दे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जैसे ही आग धीमी पड़ी, तभी पुलिस के साथ परिवार के लोग दुकान में दौड़कर घुस गए। जहां पर राजा, रोहित और शादाब जली हालत में मृत पड़े थे।
भीषण आग के साथ दुकान में धमाके हो रहे थे। राजा, रोहित और शादाब दुकान में अंदर फंस गए हैँ। इसका पता लगते ही तीनों के परिवार वाले दौड़कर मौके पर पहुंच गए। महिला, बच्चे भी वहां पर पहुंचे। आग की लपटें इतनी तेज थीँ कि दुकान के पास तक परिवार नहीं पहुंच पाया।