मेरठ की चित्रकूट कॉलोनी में रहने वाले दुष्यंत की बहन की शादी थी। इस शादी में बहन की दोस्त फरहा भी पहुंची। दुष्यंत की फरहा से मुलाकात मोहब्बत में बदल गई। लेकिन दुष्यंत को शायद इस बात का अंदाजा नहीं था कि ये मोहब्बत ही उसे मौत के रास्ते पर लेकर जा रही है। फरहा से मुलाकात के बाद से जैसे दुष्यंत की जिंदगी बदलने लगी। उसने यहां तक कि अपनी बहन और जीजा से भी रिश्ता खत्म कर लिया।
परिजनों को धक्का उस वक्त लगा जब उसने मुस्लिम धर्म के रीति-रिवाजों को मानना शुरू कर दिया। उनके धर्म के त्योहारों को मनाने लगा और सिर पर टोपी पहनना शुरू कर दिया। परिजनों को यकीन होने लगा था कि इकलौते बेटे के साथ कुछ ठीक नहीं हो रहा है। उन्होंने बेटे को खूब समझाया लेकिन वह नहीं माना। फरहा उस पर धर्म परिवर्तन का दबाव बना रही थी तो दुष्यंत उसे अपने घर लाना चाहता था। लेकिन दोनों की जिद के आगे जिंदगी हार गई। धर्म परिवर्तन के दबाव में आकर आखिरकार दुष्यंत ने मौत को गले लगा लिया। मेरठ के नौचंदी थाना क्षेत्र में हुई इस घटना ने इलाके के लोगों को हिलाकर रख दिया। आगे विस्तार से पढ़ें युवक की मौत के बाद हुए कुछ और नए खुलासों के बारे में।
परिजनों को धक्का उस वक्त लगा जब उसने मुस्लिम धर्म के रीति-रिवाजों को मानना शुरू कर दिया। उनके धर्म के त्योहारों को मनाने लगा और सिर पर टोपी पहनना शुरू कर दिया। परिजनों को यकीन होने लगा था कि इकलौते बेटे के साथ कुछ ठीक नहीं हो रहा है। उन्होंने बेटे को खूब समझाया लेकिन वह नहीं माना। फरहा उस पर धर्म परिवर्तन का दबाव बना रही थी तो दुष्यंत उसे अपने घर लाना चाहता था। लेकिन दोनों की जिद के आगे जिंदगी हार गई। धर्म परिवर्तन के दबाव में आकर आखिरकार दुष्यंत ने मौत को गले लगा लिया। मेरठ के नौचंदी थाना क्षेत्र में हुई इस घटना ने इलाके के लोगों को हिलाकर रख दिया। आगे विस्तार से पढ़ें युवक की मौत के बाद हुए कुछ और नए खुलासों के बारे में।