उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद में प्रशासन की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है। टीम ने वन विभाग की 98 बीघा जमीन को कब्जा मुक्त कराने के लिए गांव बिहारगढ़ स्थित पीर खुशहाल की चिल्लागाह पर जेसीबी चलाकर ध्वस्तीकरण किया। पीर खुशहाल की पत्नी ने विरोध किया तो प्रशासन ने हाईकोर्ट और नियम का हवाला दिया और जमीन खाली करने को कहा। चिल्लागाह की आरामगाह में दस कमरों के आगे बने बरामदे और आगे के हिस्से को गिराने के बाद टीम लौट गई।
पीर खुशहाल का 2017 में निधन हो गया था। उनके देश-विदेश में काफी अनुयायी हैं। एडीएम प्रशासन अमित सिंह, डीएफओ सूरज कुमार, एसपी देहात नेपाल सिंह आरएएफ, पीएसी, पुलिस को साथ लेकर बुधवार करीब दो बजे बिहारगढ़ स्थित चिल्लागाह पहुंचे। उनकी पत्नी नाजिया अफरीदी ने कार्रवाई का विरोध करते हुए कहा कि धर्मस्थल को नहीं तोड़ा जा सकता। अफसरों ने वन विभाग का लीज का समय पूरा होने और हाईकोर्ट के आदेश का हवाला दिया और कहा कि निर्माण अवैध रूप से किया गया है।
एडीएम प्रशासन अमित सिंह ने बताया कि ध्वस्तीकरण की कार्रवाई जारी रहेगी। जमीन खाली कराकर वन विभाग के सुपुर्द की जाएगी। उन्होंने बताया कि ‘यह जमीन वन विभाग की है’ अगस्त माह में नोटिस चस्पा किया जा चुका है, इसके बाद भी एक नोटिस जमीन को खाली कराने के लिए जारी हुआ है।
यह है मामला
गांव बिहारगढ़ में एक नवंबर 1975 को खसरा नंबर 353 और 354 की 6.52 हेक्टेयर वन विभाग की जमीन सूफी मोहम्मद खुशहाल पुत्र बहादुर खां को 30 साल के लिए आवंटित की गई थी। जमीन के आवंटन का समय 31 अक्तूबर 2005 को पूरा हो चुका है।
लीज समाप्त होने के बाद भी सोया रहा वन विभाग
पीर खुशहाल को आवंटित जमीन की लीज का समय 15 साल पहले पूरा होने के बाद भी वन विभाग ने जमीन को खाली कराने का प्रयास नहीं किया। केंद्रीय पशुधन राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान ने इस मामले में संजीव बालियान ने डीएम को पत्र लिखकर सरकारी जमीन खाली कराने के लिए कहा। इसके बाद प्रशासन ने जमीन खाली कराने की प्रक्रिया शुरू की।