मेरठ का दिल कहे जाने वाले बेगमपुल चौराहे के पास 39 साल में खड़ा किया ‘सोतीगंज का कबाड़ किला’ मेरठ की पुलिस ने छह महीने में ढहा दिया। इस कामयाबी का जिक्र पिछले दिनों शाहजहांपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। आज मेरठ के सलावा में खेल विश्विद्यालय का शिलान्यास करने पहुंचे पीएम मोदी ने मंच से एक बार फिर सोतीगंज का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि देश में कहीं भी वाहन चोरी हों, वह मेरठ के सोतीगंज में ही काटे जाते हैं। योगी सरकार ने वाहनों के कमेले का बंद करा दिया। लेकिन अब मेरठ शहर की पहचान सोतीगंज से नहीं, बल्कि क्रांतिवीरों के साथ साथ खेलवीरों से भी होगी। बता दें कि पीएम के भाषण के बाद सोतीगंज का नाम पूरे देश में चर्चाओं में बना हुआ है।
1982 से शुरू हुआ वाहन काटने का धंधा
39 साल पहले सन 1982 में सोतीगंज में रुई पीनना, चारा काटने और भूसा बेचने का काम होता था। यहां पर बाइक ठीक करने की दो दुकानें थीं। बाइक मिस्त्री के पास पुलिस वाले आया करते थे। पुलिस की सांठगांठ से बाइक काटने का धंधा पहली बार सोतीगंज में शुरू हुआ। हाजी नईम उर्फ गल्ला भी बाइक मिस्त्री था। देखते-देखते चोरी की बाइक कटने लगी और पुराने पार्ट्स बिकने लगे।
1990 में गाड़ी कटने का हुआ खुलासा
सोतीगंज में गाड़ियों के पुराने पार्ट्स की दुकान खुल गई और वाहन कटने का सिलसिला शुरू हो गया। 1990 में दिल्ली के एक व्यापारी की गाड़ी सोतीगंज में कटने का मामला सामने आया। इस मामले को सदर थाना पुलिस ने दबाने की कोशिश की, लेकिन दिल्ली के अधिकारी का दबाव पड़ने पर मुकदमा दर्ज हुआ। उसके बाद दिल्ली व एनसीआर से गाड़ियां चोरी होने लगी जो सोतीगंज में कटने लगीं।
2001 में सोतीगंज मार्केट तैयार
सन 2001 में सोतीगंज में गाड़ी काटने और उनके पार्ट्स की खरीद-फरोख्त का मार्केट तैयार हुआ। कबाड़ियों ने 2010 तक अपना ये धंधा कई राज्यों तक फैला दिया। 2014 में दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, गुजरात व और लखनऊ में भी सोतीगंज का नाम आने लगा। करोड़ों अरबों रुपये चोरी के वाहन काटकर कमाने वाले कई कबाड़ियों ने अपना कारोबार बदल लिया।
छह महीने में यह हुई कार्रवाई
17 जून 2021 को आईपीएस प्रभाकर चौधरी को मेरठ की कमान सौंपी गई। उन्होंने 300 कबाड़ियों की फाइल तैयार की। शातिर कबाड़ी हाजी गल्ला, हाजी इकबाल, मन्नू कबाड़ी, जिशान उर्फ पव्वा और राहुल काला समेत 30 कबाड़ियों को जेल भेजा।
छह महीने मेें 70 नये मुकदमे, 65 पर गैंगस्टर, 40 करोड़ की संपत्ति जब्त और 120 कबाड़ियों पर गुंडा एक्ट की कार्रवाई की गई। 120 और कबाड़ियों के नाम मुकदमे में जल्द शामिल होंगे। वहीं सोतीगंज के कबाड़ियों पर छह राज्यों में अलग-अलग थानों में 3000 मुकदमे सामने आए हैं। जिनकी विवेचना विचाराधीन है।अब सोतीगंज के कई कबाड़ियों पर आईटी की नजर है।