कई केस ऐसे हैं जिनमें सोशल मीडिया ने रिश्ते तोड़ने में भूमिका निभाई है। जरा-जरा सी बात पर रिश्ते टूटने की कगार पर आना आम हो गया है। वजह यह है कि किसी को सास-ससुर के साथ रहना पसंद नहीं है तो कहीं बढ़ती अपेक्षाओं से रिश्तों की डोर कमजोर पड़ रही है। फेसबुक और व्हाट्स एप भी दिक्कत पैदा कर रहे हैं। एेसे ही कुछ मामलों से आज आपको परिचित कराते हैं।
केस-1
शहर के नामी बिजनेसमैन ने 2017 में अपनी बेटी की शादी एक इंजीनियर के साथ की थी। हाईप्रोफाइल शादी में लाखों रुपये खर्च हुए। कुुुछ समय तक तो सब ठीक था। करीब आठ महीने बाद बेटी की फेसबुक की कुछ पुरानी फोटो जिसमें वह अपने दोस्तों के साथ थी, पति ने देख ली। पूछने पर जो जवाब मिला उससे पति और परिवार के लोग संतुष्ट नहीं थे। बात बढ़ी और नौबत तलाक तक आ गई। उनका मामला कोर्ट में विचाराधीन है।
केस-2
युवक दिल्ली में जॉब करता है, परिवार कानपुर में रहता है। नवंबर 2017 में इंजीनियर लड़की से शादी हुई। लड़की ने सास-ससुर के साथ रहने से इंकार कर दिया। काफी बहस, लड़ाई के बाद आखिरकार लड़की दिल्ली गई। जॉब करने के लिए पति पर दबाव बनाया। पति ने उसमें भी हामी भर दी। पत्नी जॉब करने लगी। वह कब आती, कब जाती, कितनी सैलरी मिलती, इसके बारे में पति को नहीं बताया। पति ने पूछा तो विवाद हुआ। विवाद काफी बढ़ा और मामला काउंसलर के पास आया। पति-पत्नी अब अलग रह रहें हैं। पति ने नौकरी छोड़ दी है, वह डिप्रेशन में हैं।
केस-3
सरकारी नौकरी से रिटायर बुजुर्ग (73) की पत्नी ने पति के साथ रहने से इंकार कर दिया। इस पर बच्चों ने घर के बगल में ही मां को घर दिलवा दिया। इसकी वजह यह थी कि मां उनकी देखभाल करते रहे, वहीं पिता की को भी अपनी गलती का एहसास हो सके। एक दिन सुबह मां खाना देने पहुंची तो दोनों के बीच विवाद हुआ। बुजुर्ग ने पत्नी को पीट दिया। इस पर वह आशा ज्योति केंद्र पहुंची और पति से अलग रहने की अर्जी दे दी। काफी काउंसलिंग के बाद तय हुआ कि दोनों अलग-अलग ही रहेंगे।
ये तीन केस तो मात्र बानगी भर हैं। जरा-जरा सी बात पर रिश्ते टूटने की कगार पर आना आम हो गया है। वजह यह है कि किसी को सास-ससुर के साथ रहना पसंद नहीं है तो कहीं बढ़ती अपेक्षाओं से रिश्तों की डोर कमजोर पड़ रही है। फेसबुक और व्हाट्स एप भी दिक्कत पैदा कर रहे हैं। कहीं पति का फेसबुक पर ज्यादा रहना अखरता है तो कहीं पर पत्नी के व्हाट्स एप पर व्यस्त रहने से झगड़े हो रहे हैं। हालात यह हैं कि आपकी सखी आशा ज्योति केंद्र में तीन सालों में पति-पत्नी के बीच झगड़ों के केस में तेजी से इजाफा हुआ है।