नवरात्र पर मां के शृंगार के लिए मुस्लिम महिलाएं भी पूरी तन्मयता से योगदान दे रही हैं। मां की चुनरिया को आकर्षक बनाने के लिए उसमें गोटे और सितारे जड़ने की जिम्मेदारी मुस्लिम महिलाओं ने उठाई है। यह उनके लिए न सिर्फ एक रोजगार है, बल्कि यह पूरे समाज के लिए आपसी सौहार्द का संदेश भी है।
पठान कोट मोहल्ले में करीबन 900 मुस्लिम परिवार रहते हैं। खास यह है कि इनमें से करीब 400 परिवार ऐसे हैं, जो नवरात्र शुरू होने से करीब एक माह पहले नवरात्रों में नौ दिन अलग-अलग स्वरूपों में पूजे जाने वाली माता की चुनरी बनाने में जुट जाते हैं। घर की महिलाएं, युवतियां, बच्चे, बूढे़ और जवान सुबह से शाम तक चुनरी तैयार करते रहते हैं।
पठान कोट मोहल्ले में करीबन 900 मुस्लिम परिवार रहते हैं। खास यह है कि इनमें से करीब 400 परिवार ऐसे हैं, जो नवरात्र शुरू होने से करीब एक माह पहले नवरात्रों में नौ दिन अलग-अलग स्वरूपों में पूजे जाने वाली माता की चुनरी बनाने में जुट जाते हैं। घर की महिलाएं, युवतियां, बच्चे, बूढे़ और जवान सुबह से शाम तक चुनरी तैयार करते रहते हैं।