उत्तर प्रदेश के बागपत जनपद में दोघटन थानाक्षेत्र स्थित बामनौली एक ऐसा गांव है, जहां हवेली के नाम से लोगों की पहचान होती है। गांव में आने वाले लोग हवेलियो के नाम से लोगों का पता पूछते हैं। इसके अलावा गांव में भी लोगों को हवेली के नाम से जाना जाता है।
बामनौली गांव में दो सौ साल पहले बड़ी-बड़ी हवेलियां बनाने का कार्य शुरू हुआ और गांव में 24 से ज्यादा हवेलियां बनवाईं गईं। इनके कारण गांव को हवेलियों वाला गांव कहा जाता है। गांव की 24 से अधिक हवेलियां पूर्वजों की गाथाओं को चरितार्थ करती हैं। कुछ लोग गांव से हवेलियों को बेचकर शहरों में रह रहे हैं, जबकि तकरीबन 12 परिवार आज भी पूर्वजों की हवेलियों में रहकर अपने पूर्वजों के इतिहास को सहेजे हुए हैं। हालांकि गांव में आधुनिक मकानों की संख्या अब काफी ज्यादा है लेकिन ये पुरानी हवेलियां आज भी गांव की शान कहलाती हैं। आगे तस्वीरों में जानें इन पुराने हवेलियों का इतिहास।
बामनौली गांव में दो सौ साल पहले बड़ी-बड़ी हवेलियां बनाने का कार्य शुरू हुआ और गांव में 24 से ज्यादा हवेलियां बनवाईं गईं। इनके कारण गांव को हवेलियों वाला गांव कहा जाता है। गांव की 24 से अधिक हवेलियां पूर्वजों की गाथाओं को चरितार्थ करती हैं। कुछ लोग गांव से हवेलियों को बेचकर शहरों में रह रहे हैं, जबकि तकरीबन 12 परिवार आज भी पूर्वजों की हवेलियों में रहकर अपने पूर्वजों के इतिहास को सहेजे हुए हैं। हालांकि गांव में आधुनिक मकानों की संख्या अब काफी ज्यादा है लेकिन ये पुरानी हवेलियां आज भी गांव की शान कहलाती हैं। आगे तस्वीरों में जानें इन पुराने हवेलियों का इतिहास।