लोकप्रिय और ट्रेंडिंग टॉपिक्स

विज्ञापन

BAGHPAT: यहां हवेली के नाम से होती है लोगों की पहचान, गांव में आज भी मौजूद हैं 24 से ज्यादा हवेलियां

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बागपत Published by: Dimple Sirohi Updated Sat, 26 Nov 2022 10:55 AM IST
बामनौली में पुरानी हवेली, बागपत
1 of 7
उत्तर प्रदेश के बागपत जनपद में दोघटन थानाक्षेत्र स्थित बामनौली एक ऐसा गांव है, जहां हवेली के नाम से लोगों की पहचान होती है। गांव में आने वाले लोग हवेलियो के नाम से लोगों का पता पूछते हैं। इसके अलावा गांव में भी लोगों को हवेली के नाम से जाना जाता है।

बामनौली गांव में दो सौ साल पहले बड़ी-बड़ी हवेलियां बनाने का कार्य शुरू हुआ और गांव में 24 से ज्यादा हवेलियां बनवाईं गईं। इनके कारण गांव को हवेलियों वाला गांव कहा जाता है। गांव की 24 से अधिक हवेलियां पूर्वजों की गाथाओं को चरितार्थ करती हैं। कुछ लोग गांव से हवेलियों को बेचकर शहरों में रह रहे हैं, जबकि तकरीबन 12 परिवार आज भी पूर्वजों की हवेलियों में रहकर अपने पूर्वजों के इतिहास को सहेजे हुए हैं। हालांकि गांव में आधुनिक मकानों की संख्या अब काफी ज्यादा है लेकिन ये पुरानी हवेलियां आज भी गांव की शान कहलाती हैं। आगे तस्वीरों में जानें इन पुराने हवेलियों का इतिहास।  
बामनौली में पुरानी हवेली, बागपत
2 of 7
विज्ञापन
ईंट बनाने को लगाई थी भट्ठी
ग्रामीणों का कहना है कि उनके पूर्वजों ने हवेलियों का निर्माण करने के लिए ईंट बनाने को गांव में भट्ठियां लगाई गई थीं। हवेलियों में आज भी उन भट्ठियों से बनी ईंट लगी हैं, जो गांव व हवेलियां के 200 साल पुराने इतिहास को बयां करती हैं। हवेली में रहने वाले लोगों का कहना है कि पूर्वजों की हवेली में रहने पर गर्व महसूस होता है। उनके पूर्वजों ने गांव में जब हवेलियों का निर्माण कराया था, जब अधिकतर लोग कच्चे मकानों में रहते थे।
विज्ञापन
बामनौली में पुरानी हवेली, बागपत
3 of 7
इन्होंने कराया था हवेली का निर्माण 
गांव में तोताराम, तुलसी राम, हरज्ञान सिंह, बालमुकंद बनिया, अहलुवालिया, रघुवीर सिंह, चंदन सिंह, गिरवर सिंह, रामप्रसाद सिंह, रामनारायण सिंह, भोपाल सिंह, राधेश्याम, ज्योति स्वरूप ने सबसे पहले हवेलियों का निर्माण कराया था। इनके बाद गांव के अन्य लोगों ने हवेलियों का निर्माण शुरू कराया।
बामनौली में पुरानी हवेली, बागपत
4 of 7
विज्ञापन
व्यापार का बड़ा हब था बामनौली
बामनौली गांव व्यापार का बड़ा हब था। राजस्थान के भरतपुर से बैलगाड़ियों से यहां माल आता-जाता था। क्षेत्र के लोग यहां से सामान की खरीदारी करते थे। उस समय बड़ौत एक छोटे गांव की तरह था। बड़ौत के लोग भी जरूरत का सामान खरीदने के लिए बामनौली आते थे। 
विज्ञापन
विज्ञापन
बागपत में हवेलियां
5 of 7
विज्ञापन
11 एतिहासिक मंदिर भी हैं गांव की पहचान 
गांव में 11 एतिहासिक मंदिर भी गांव की पहचान है। ये सभी मंदिर गांव के चारों ओर बनाए गए हैं। गांव के नागेश्वर मंदिर, बाबा सुरजन दास मंदिर, ठाकुर द्वारा मंदिर, शिव मंदिर, हनुमान मंदिर, बाबा काली सिंह मंदिर, दिगंबर जैन मंदिर, श्वेताम्बर स्थानक, शिव मंदिर, गुरु रविदास मंदिर, वाल्मीकि मंदिर दूर-दूर तक प्रसिद्ध हैं। इनमें से कई मंदिरों में दूर-दराज से श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने आते हैं। 
विज्ञापन
अगली फोटो गैलरी देखें
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

क्षमा करें यह सर्विस उपलब्ध नहीं है कृपया किसी और माध्यम से लॉगिन करने की कोशिश करें

;

Followed

;