आगरा में ऑटो मोबाइल कंपनी के सेल्स ऑफीसर सुनील कुमार शर्मा की हत्या में नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए परिजनों के साथ चाणक्य सेना के पदाधिकारियों ने एडीजी कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया। एडीजी राजीव कृष्ण ने पदाधिकारियों को उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। इस पर ही चार घंटे बाद धरना खत्म हो सका। ट्रांस यमुना कॉलोनी निवासी सुनील कुमार शर्मा की दो अगस्त को हत्या कर दी गई थी। पहले उनके अपहरण के मामले में परिजनों ने मोहल्ले के रहने वाले देवेश, योगेश, पुष्पेंद्र, जयपाल, मोना और अजय को नामजद किया था। पुलिस ने विवेचना की। बाद में सुनील का शव ट्रांसपोर्ट नगर स्थित झाड़ियों में मिला था। पुलिस ने मोना और अजय को जेल भेजा था। परिजन अन्य नामजद आरोपियों की भी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
सोमवार को परिजन चाणक्य सेना के पदाधिकारियों के साथ सुबह तकरीबन 10:30 बजे एडीजी कार्यालय पहुंचे। सभी लोग कार्यालय के बाहर ही धरने पर बैठ गए। सुनील के भाई संतोष का कहना था कि पुलिस साजिश करने वाले आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। उन्हें थाने से छोड़ दिया गया है, जबकि इन आरोपियों से उनके परिवार को खतरा है। बाद में एडीजी ने पीड़ित परिवार को सुरक्षा और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद ही सभी माने। इस मौके पर चाणक्य सेना के पवन समाधिया, कैलाश मिश्रा, राहुल चतुर्वेदी, चंद्रशेखर शर्मा, मनोज शर्मा, अनुराग दीक्षित, नागेंद्र उपाध्याय आदि मौजूद रहे।
सुनील के भाई संतोष शर्मा का कहना है कि भाई की हत्या रंजिश में की गई। वर्ष 2018 में मोहल्ले के जयपाल के परिवार से विवाद हुआ था। इसमें दोनों परिवार ने केस दर्ज कराए। पुलिस ने उनके खिलाफ ही कार्रवाई की थी। जयपाल पक्ष को जेल तक नहीं भेजा गया। छह महीने पहले चार्जशीट लगाई। पुलिस ने तब आरोपी परिवार को बचाया था।
संतोष ने आरोप लगाया कि इसी रंजिश में भाई सुनील को मार डाला गया। मगर, पुलिस सुन नहीं रही है। उन्होंने देवेश, योगेश, जयपाल, अजय और मोना को नामजद किया है। मगर, मोना ही पकड़ी गई। बाकी चार नामजद आरोपियों को गिरफ्तार तक नहीं किया जा रहा है।
अजय की बहन जयपाल के मकान में किराये पर रहती है। जयपाल पक्ष ने ही साजिश की है। उनके पक्ष का एक युवक हाल ही में जेल से छूटकर आया था। उसने जेल से बाहर आते ही फेसबुक पर पोस्ट डाली थी। इसमें अपने विरोधियों को सबक सिखाने के बारे में कहा था, लेकिन पुलिस ने सुनवाई नहीं की। अजय का संपर्क युवक से भी था। हत्या रंजिश में कराई गई है, जबकि पुलिस लूट के लिए हत्या साबित करना चाहती है। अगर, लूट हुई तो रकम कहां है।