आगरा के ट्रांस यमुना कॉलोनी निवासी ऑटो मोबाइल कंपनी के अपहृत सेल्स ऑफिसर सुनील कुमार शर्मा की हत्या कर दी गई थी। शव को कार्टन में बंद कर उस पर चादर लपेटकर पोटली बनाई और ट्रांसपोर्ट नगर के पीछे की ओर झाड़ियों में फेंक दिया था। रविवार की सुबह पुलिस ने लाश बरामद की। मामले में हिरासत में ली गई गांधी नगर निवासी मोना नाम की महिला से पूछताछ के बाद हत्याकांड का खुलासा हुआ। मोना का पति अजय उर्फ डकैत उर्फ रावण अभी फरार है। सुनील कुमार शर्मा (35) दो अगस्त को लापता हुए थे। परिजनों ने थाना एत्माद्दौला में तहरीर दी थी। एसएसपी मुनिराज जी. से भी मिले, तब पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज की। सुनील का गांधी नगर निवासी अजय के घर आना-जाना था। सुनील की आखिरी लोकेशन गांधी नगर की थी। पुलिस अजय के घर पहुंची। वह पत्नी मोना के साथ फरार हो गया था। उसके घर के पास लगे सीसीटीवी फुटेज में अजय पहले सुनील की बाइक लेकर जाता नजर आया। बाद में पत्नी के साथ लोडिंग टेंपो में फ्रिज और पोटली ले गया था।
पुलिस को उसके घर की तलाशी में सुनील का हेलमेट और बैग मिल गया था। इससे हत्या की आशंका जाहिर की जा रही थी। पांच अगस्त को अपहरण का मुकदमा दर्ज कर लिया गया। शनिवार को पुलिस ने मोना को पकड़ लिया। उससे पूछताछ के बाद हत्याकांड की जानकारी लगी। रविवार की सुबह उसकी निशानदेही पर ट्रांसपोर्ट नगर में झाड़ियों में पड़ी पोटली खोलकर देखी तो सुनील की लाश मिली। अजय की तलाश की जा रही है। सूत्रों ने बताया कि वह आगरा से बाहर भाग गया है।
सिर में भारी वस्तु से प्रहार, बांधी प्लास्टिक की बोरी
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मोना ने बताया है कि सुनील अक्सर अजय से मिलने आता था। दो अगस्त को भी आया था। तभी उसकी सिर में भारी वस्तु से प्रहार करके हत्या कर दी। सिर में प्रहार से खून निकला। इस पर उसके सिर में प्लास्टिक की बोरी बांध दी। इसके बाद लाश को रजाई में रखा। इसे एक कार्टन में रखने के बाद तीन चादर लपेट दीं। घर से बाहर लाकर टेंपो चालक की मदद से पोटली को रखवाया। इस दौरान ही उनका सीसीटीवी फुटेज आ गया। अजय ने पोटली को ले जाने के लिए दो टेंपो भी बदले थे। पुलिस ने दोनों टेंपो चालक भी पकड़ लिए थे।
फोरेंसिक टीम ने जुटाए थे साक्ष्य
फरार अजय गांधी नगर में किराये पर रहता है। सुनील की आखिरी लोकेशन मिलने पर पुलिस अजय के घर पहुंची थी। पुलिस ने फोरेंसिक टीम को बुलाकर अजय के मकान से साक्ष्य जुटाए। पुलिस सूत्रों ने बताया कि अजय के कमरे में गद्दे पर खून लगा हुआ था। वहीं उसकी बाइक वजीरपुरा में लावारिस खड़ी मिली थी।
पुलिस को शक लूट के लिए हत्या
हत्याकांड के मामले में पुलिस फिलहाल कुछ नहीं बता रही है। एसएसपी मुनिराज जी. के मुताबिक, सुनील कुमार ने एक प्लॉट देखा था। अजय भी इस बारे में जानता था। वह प्लॉट खरीदने में सुनील की मदद कर रहा था। दो अगस्त को सुनील को बुलाया। आशंका है कि अजय को अंदाजा था कि सुनील के पास काफी पैसा होगा। इसलिए उसकी हत्या कर दी। सुनील के पास जेब में महज छह हजार रुपये ही थे।