गुलाबी ठंडक का अहसास होते ही श्रीबांकेबिहारी को इसके प्रभाव से बचाने के लिए उनका भोग प्रसाद बदल दिया गया है। अब ठाकुर जी को पंचमेवाओं का भोग लगाया जा रहा है, इसमें केसर का प्रयोग किया जा रहा है। इतना ही नहीं ठाकुर जी को पोशाक भी गर्म धारण कराई जा रही हैं।