सार्वजनिक स्थलों पर गंदगी करने की आदत नहीं सुधरी है तो अब सतर्क हो जाइए। लखनऊ नगर निगम अब ऐसे लोेगों पर भारी जुर्माना लगाने की तैयारी में है। गंदगी करते पकड़े गए तो 1000 से 50,000 रुपये तक मौके पर ही जुर्माना भरना पड़ेगा। दोबारा पकड़े गए तो फिर जुर्माना लिया जाएगा। इस दायरे में ठेले-खोमचे वाले से लेकर होटल और रेस्टोरेंट वाले तक आएंगे। इस मामले में नगर निगम सात जुलाई को सदन में प्रस्ताव रखेगा।
शहर की सफाई व्यवस्था और पर्यावरण को लेकर हाईकोर्ट और एनजीटी के सख्त रुख के बाद पिछले तीन महीने में नगर निगम पर दो बार में सात करोड़ रुपये हर्जाना एनजीटी लगा चुकी है। पहली बार एनजीटी ने पांच करोड़ जुर्माना लगाया और दूसरी बार दो करोड़। हाल में जो दो करोड़ का हर्जाना लगा, उसकी भरपाई के लिए नगर आयुक्त ने नगर निगम के उन चार अधिकारियों को नोटिस भेजा है, जिनकी लापरवाही के कारण हर्जाना लगाया गया। बीते साल भी स्पॉट फाइन की व्यवस्था लाई गई थी, लेकिन वह सदन से अनुमोदित नहीं हुआ। निगम अधिकारी अपने हिसाब से फाइन कर रहे थे।
50 हजार रुपये मलबा व भवन निर्माण सामग्री सड़क पर डालने पर लगेगा
मुख्य अभियंता, नगर अभियंता, सहायक अभियंता और अवर अभियंता को 50 हजार जुर्माना का अधिकार है।
10,000 रुपये मशीन से सीवर की सफाई के बाद सीवर को नाला या नदी में डालने पर लगेगा।
10,000 जुर्माना का अधिकार महाप्रबंधक जलकल, अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता व अवर अभियंता को होगा।
इनको देना होगा 5000 जुर्माना
कूड़ा जलाना, सार्वजनिक स्थान, सड़क, नाला, नाली, तालाब व नदी मे कूड़ा फेंकना और भंडारा और लंगर के बाद कूड़ा सड़क पर छोड़ना। होटल, रेस्टोरेंट, चाट, अंडा, नॉनवेज, चाय, समोसा, पकौड़ी, मिठाई, आइसक्रीम जैसे खाद्य पदार्थ बेचने वाले या उनके ग्राहकों का सड़क पर गंदगी करना। दो पहिया व चार पहिया गाड़ी का सर्विस सेंटर, ऑटोमोबाइल स्पेयर पॉर्ट्स बेचने वाले दुकानदारों द्वारा कूड़ा व प्लास्टिक सड़क पर डालना।
1000 रुपये जुर्माना इन पर लगेगा...
नगर निगम की अधिकृत कंपनी को कूड़ा न देना, पटरी दुकानदारों का डस्टबिन न रखना, सड़क पर कूड़ा डालना और खुले में शौच करना।
200 रुपये खुले में पेशाब करने पर देने होंगे
इन सभी मामले में जुर्माने का अधिकार नगर स्वास्थ्य अधिकारी, जोनल अधिकारी और सफाई निरीक्षक को है।