‘मम्मी हमको मारना चाहती थी। मैं भाग गई, भाई भी भाग गया, नहीं तो हम भी मर जाते, हमें जीना है, बचा लो’ बड़ी बेटी अर्पिता के यह बोल सुनकर पिता श्रीकांत सिंह और मौजूद सभी की आंखें डबडबा गईं। यह बोलते-बोलते अर्पिता बदहवास होने लगी थी। तभी पीछे से दौड़कर छोटा बेटा विवेक भी आ गया। बोला, पापा, मम्मी क्यों जल गई। समझ नहीं आ रहा। हम लोगों को भी जलाना चाहती थी।
मां को याद कर दोनों बच्चे बदहवास हो जा रहे हैं। उठते हैं तो मां के बारे में पूछते हैं और एक तख्त पर दोनों लेट जाते हैं। दर्दनाक हादसे की खबर पाकर रिश्तेदार, गांव वाले भी पहुंचे। सबकी जुबां पर एक ही सवाल, आखिर उसने ऐसा क्यों किया? कोई पति श्रीकांत से पूछता कि क्या हुआ? तो कोई बूढ़ी सास से पूछता, आप कहां थीं। समझाया क्यों नहीं?
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