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UP News: गोरखपुर बाल संप्रेक्षण गृह में मिले 22 मोबाइल फोन और चार्जर, बोर्ड और दीवार में थे छिपाए
अमर उजाला ब्यूरो गोरखपुर।
Published by: vivek shukla
Updated Fri, 24 Mar 2023 10:17 AM IST
एसपी सिटी के मुताबिक, बाल अपचारियों ने मोबाइल फोन को इस तरह से छिपाया था कि उसे आसानी से पकड़ पाना संभव नहीं था। स्विच बोर्ड के स्क्रू को खोलकर मोबाइल फोन को अंदर रखकर फिर से स्क्रू लगा देते थे। दूसरे अलमारी के अंदर जहां से तार गुजरा था, वहां पर दीवार को तोड़कर तार से चार्जर कनेक्ट किए थे।
गोरखपुर शहर के बाल संप्रेक्षण गृह में बृहस्पतिवार को जांच के दौरान 22 मोबाइल फोन और चार्जर मिले। एक बाल अपचारी की सूचना के बाद की गई कार्रवाई से हड़कंप मच गया। मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला जज तेज प्रताप तिवारी ने डीएम को कार्रवाई का निर्देश दिया है। खबर है कि दीवारों और बोर्ड के अंदर स्क्रू खोलकर मोबाइल फोन को छिपाया गया था। संप्रेक्षण गृह में इतनी बड़ी संख्या में मोबाइल फोन मिलने से पूरा प्रशासनिक अमला सवालों के घेरे में है।
जानकारी के मुताबिक, जिला जज तेज प्रताप तिवारी, एडीएम सिटी विनीत कुमार सिंह, एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई के साथ बृहस्पतिवार को बाल संप्रेक्षण गृह पहुंचे थे। इस दौरान एक कमरे में कुछ बाल अपचारी थे, उनसे मिल रही सुविधाओं के बारे में जिला जज जानकारी ले रहे थे। तभी एक बाल अपचारी ने एसपी सिटी से बता दिया कि बगल वाले कमरे में भैया लोग मोबाइल से बात करते हैं।
यह सुनते ही एसपी सिटी ने जिला जज को जानकारी दी और फिर एक एक कमरे की जांच शुरू कर दी गई। मोबाइल फोन संप्रेक्षण गृह की अलमारी में दीवार को तोड़कर छिपाए गए थे। वहीं कई मोबाइल को बोर्ड के अंदर रखकर स्क्रू से बंद कर दिया गया था, ताकि किसी को संदेह न होने पाए। जांच के दौरान कुल 22 मोबाइल फोन बरामद होने के बाद जिला जज ने डीएम को कार्रवाई के लिए कहा है।
नाबालिगों को सुधरने के लिए भेजा जाता है संप्रेक्षण गृह
चोरी या फिर भी किसी भी आपराधिक मामले में पकड़े गए नाबालिगों (18 वर्ष से कम उम्र) को बाल सुधार गृह भेजा जाता है। इसका उद्देश्य होता है कि यहां पर रखकर बच्चों को सुधारा जाए, ताकि फिर बाहर जाकर वे अपराध न करें और एक सभ्य व्यक्ति की जिंदगी जी सकें। लेकिन, गोरखपुर के बाल संप्रेक्षण गृह में जिस तरह से बाल अपचारी मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहे थे। इससे क्या वे बाल संप्रेक्षण गृह में आकर सुधर पाएंगे, यह एक बड़ा प्रश्न है।
स्क्रू खोलकर बोर्ड और दीवार में छिपाए थे मोबाइल
एसपी सिटी के मुताबिक, बाल अपचारियों ने मोबाइल फोन को इस तरह से छिपाया था कि उसे आसानी से पकड़ पाना संभव नहीं था। स्विच बोर्ड के स्क्रू को खोलकर मोबाइल फोन को अंदर रखकर फिर से स्क्रू लगा देते थे। दूसरे अलमारी के अंदर जहां से तार गुजरा था, वहां पर दीवार को तोड़कर तार से चार्जर कनेक्ट किए थे। दीवार में इस तरह से होल किए थे कि उसके अंदर मोबाइल फोन रखकर बाहर से ईंट रखी जा सके। ताकि देखने से लगे कि दीवार टूटी हुई है।
एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा कि बाल संप्रेक्षण गृह में जांच के दौरान 22 मोबाइल फोन और चार्जर बरामद किए गए हैं। मोबाइल फोन को छिपाकर रखा गया था। सभी मोबाइल फोन चालू हालत में हैं।
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