उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में सरयू व राप्ती नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी से कछार क्षेत्र के आधा दर्जन गांव पानी से घिर गए हैं। ग्रामीण बाढ़ की आशंका से भयभीत हैं। आलम यह है कि नदियों का पानी अब गांवों के संपर्क मार्गों पर बह रहा है जिससे आवागमन बाधित हो रहा है।
सरयू नदी के उफान के चलते तटवर्ती गांव के ग्रामीण दहशत में हैं। जलस्तर बढ़ने के साथ पानी गांवों की ओर बढ़ रहा है। क्षेत्र के रामनगर, डेरवा, डुमरी, अजयपुरा, खैराटी, बल्थर, सीधेगौर, गायघाट सहित अन्य तटवर्ती गांवों की ओर सरयू का पानी बढ़ रहा है। कोलखास, बगहा देवार होते हुए सरयू नदी का पानी नेतवारपट्टी में रामजानकी मार्ग के किनारे तक पहुंच गया है। पटना के कोलखास, नई बस्ती व जैतपुर सहित आधा दर्जन गांव पानी से घिर गए हैं। यहां नेतवारपट्टी गांव के संपर्क मार्ग पर सरयू का पानी ओवरफ्लो हो रहा है।
वहीं राप्ती नदी का जलस्तर बढ़ने से हिंगुहार, खोहिया पट्टी, मोहन पौहरिया, जगदीशपुर, खुटभार, ददरी, मझवलिया, आछीडीह, नवलपुर व सेमरा गांव की ओर पानी तेजी से बढ़ रहा है। बिहुआ उर्फ अगिलगौवा व सूबेदारनगर माझा के संपर्क मार्ग पर भी राप्ती का पानी ओवरफ्लो कर रहा है जिससे आवागमन बाधित हो रहा है। इनके सहित अन्य गांवों की सैकड़ों एकड़ फसलें बाढ़ के पानी से पूरी तरह डूब चुकी हैं। ग्रामीणों का कहना है कि नदियों का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ की आशंका उत्पन्न हो गई है।
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इस संबंध में उपजिलाधिकारी गोला राजेंद्र बहादुर का कहना है कि नदियों के जलस्तर बढ़ने की सूचना है। सरयू का पानी खतरे के निशान को पार कर गया है। बाढ़ चौकियों को सक्रिय किया जा चुका है। जलस्तर पर लगातार नजर रखी जा रही है। गांवों में अभी नाव लगाने की स्थिति नहीं है।
जगदीशपुर व गोपलामार में कटान तेज
राप्ती व घाघरा नदी ने जगदीशपुर व गोपलामार में कटान और तेज कर दी है। यही गति रहा तो जल्द ही जगदीशपुर गांव का नामों निशान मिट जाएगा। ग्रामीणों का कहना है की किसी भी नेता ने अब तक हम लोगों की सुध नहीं ली। ग्रामीण रंजीत यादव, पटेल विश्वकर्मा, सतीश, दिनेश, राजू, कमलावती, राजू सहित अन्य लोगों का कहना है की बाढ़ में हम लोगों की मुश्किलें बढ़ जाती हैं। इससे निजात पाने का एक ही उपाय है कि कछरांचल की समस्त सड़कों की ऊंचाई 3 फीट बढ़ा दी जाय। इससे बाढ़ का खतरा कुछ हद तक कम हो जाएगा लेकिन किसी जनप्रतिनिधियों की नजर इस समस्या पर नहीं पड़ती है।
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