कुशीनगर में जिस आर्यमन यादव को भीड़ ने पीटकर मार डाला, वह गोरखपुर के नंदानगर दरगहिया का रहने वाला था। उसके पिता उमेश प्रापर्टी डीलिंग का काम करते हैं। आर्यमन अपनी महिला मित्र से मिलने कुशीनगर गया था। इसी बीच विवाद हुआ और गोलीबारी में एक शिक्षक की जान चली गई। इसी आरोप में भीड़ ने पीटकर आर्यमन की हत्या कर दी।
जानकारी के मुताबिक, सैनिककुंज में रहने वाली महिला के साथ उसकी गहरी दोस्ती थी। वह आर्यमन के स्कूल में पढ़ती थी। सोमवार को छात्रा का जन्मदिन था और लॉकडाउन होने की वजह से वह परिवार के साथ कुशीनगर अपने गांव चली गई थी। उसका जन्मदिन मनाने के लिए आर्यमन घर से निकला था। आर्यमन ने रविवार की रात डेढ़ बजे तक उससे बातचीत कर जन्मदिन की बधाई भी दी थी। आर्यमन के पास पिता की लाइसेंसी रिवाल्वर थी जिसे वह लेकर भाई की स्कूटी से गया था। इतनी सुबह बेटे को जाता देख मां अनिता देवी ने टोका भी था लेकिन आर्यमन ने दोस्त के घर जाकर नए जिम के बारे में जानकारी जुटाने की बात कही।
बड़े भाई के मुताबिक, आर्यमन स्कूटी से सोनबरसा पहुंचा और वहां से अपने एक दोस्त को साथ ले लिया। फिर कुशीनगर गया था। जब घटना हुई तो आर्यमन का साथी भाग निकला। उधर, आर्यमन को पुलिस ने पकड़ लिया था लेकिन भीड़ ने उसे खींच कर उसकी हत्या कर दी। आर्यमन बड़ा भाई अभिषेक बीटेक कर रहा है। तरयासुजान पुलिस ने सबसे पहले अभिषेक को ही फोन कर सूचना दी थी।
लाइसेंसी पिस्टल कब निकाली, पता ही नहीं चला
आर्यमन यादव नंदानगर के ही एक स्कूल में इंटर का छात्र था। वह कब घर से लाइसेंसी पिस्टल निकालकर अपने पास रख लिया इसकी भनक तक माता-पिता व भाई को नहीं लग सकी। भाई के मुताबिक आर्यमन ने कहा था कि वह दोस्त जिज्ञासु के घर जा रहा है। वह सुबह साढ़े पांच बजे ही घर से निकला था। उस वक्त पिता सुबह टहलने गए थे। जब काफी देर तक आर्यमन नहीं लौटा तो खोजबीन की गई। उसका मोबाइल फोन बंद जा रहा था। इसी बीच कुशीनगर से फोन आ गया। पता चला कि भीड़ ने आर्यमन की पीटकर हत्या कर दी है।
बेटे ने ऐसा कैसे किया समझ से परे
बेटे ने ऐसा कैसे कर दिया यह समझ से परे है। पिता उमेश का कहना है कि अभी वह सिर्फ दोस्तों के ही घर जाता था। घर से अकेले कुशीनगर तक जाने की बात तो समझ में ही नहीं आ रही है। अभी भी उसकी मौत का यकीन नहीं हो रहा है।