जैव चिकित्सा अनुसंधान में पहली स्वदेशी न्यूक्लिक एसिड स्टेनिंग डाई लॉन्च हुई है। ऐसे में कोरोना सहित अन्य बीमारियों की जांच का खर्च करीब पांच गुना तक कम यानी केवल 20 फीसदी तक ही रह जाएगा। यह विश्व बाजार केमुकाबले पांच गुना तक सस्ती कीमत पर उपलब्ध हो रही है। वहीं जांच रिपोर्ट भी कुछ ही घंटों में मिल जाएगी।
सीएसआईआर व केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सीडीआरआई) में एक सप्ताह एक प्रयोगशाला कार्यक्रम आयोजित हुआ। सीडीआरआई की निदेशक डॉ. राधा रंगराजन ने कहा कि अभी तक भारतीय शोधकर्ता महंगे आयातित न्यूक्लिक एसिड स्टेनिंग डाई पर निर्भर हैं। ऐसे में ग्रीन-आर एक प्रभावी व सुरक्षित विकल्प है। उत्पाद विकास का नेतृत्व करने वाले मुख्य वैज्ञानिक डॉ. अतुल गोयल ने कहा कि ग्रीन-आर का प्रयोग बहुमुखी है। इस टीम में साजिया, सुचित्रा, कुंदन, एपी द्विवेदी शामिल थे। इस उत्पाद की लॉन्चिंग केदौरान मुख्य अतिथि यूपीसीएसटी के महानिदेशक आलोक कुमार, सीडीआरआई के पूर्व निदेशक डॉ. वीपी कांबोज, यूपी सरकार के वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. जीएन सिंह, सीबीएमआर के निदेशक प्रो. आलोक धवन, वैज्ञानिक डॉ. संजीव यादव, प्रभारी सीईओ डॉ. हुमा मुस्तफा, कंपनी की प्रबंध निदेशक डॉ. श्रद्धा गोयनका आदि उपस्थित थे।
400 बॉक्स प्रतिमाह की तैयारी
ग्रीन-आर डाई को लखनऊ के बायोटेक पार्क में तैयार किया जा रहा है। जहां 400 बॉक्स प्रतिमाह तैयार करने की योजना है। अभी तक सिर्फ स्थानीय जरूरतों केअनुसार ही उत्पादन हो पा रहा है, भविष्य में इसे राष्ट्रीय जरूरत के अनुसार तैयार करने की योजना है। बायोटेक पार्क में लैब का शुभारंभ कंपनी ने बृहस्पतिवार को किया।