भद्रवाह। लंबित मांगों को लेकर सफाई कर्मचारियों की काम छोड़ हड़ताल बुधवार को लगातार सातवें दिन भी जारी रही। इससे शहर में सफाई व्यवस्था बुरी तरह से ठप पड़ गई है। इससे आम जनता को परेशानी हो रही है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि नगरपालिका समिति भद्रवाह (एमसीबी) के सभी सफाई कर्मचारी पिछले सात दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। इसके कारण कस्बे में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो गई है और भद्रवाह शहर कचरे के ढेर में बदल गया है। आवास और शहरी विकास मंत्रालय को भद्रवाह में आम जनता की परेशानियों की कोई परवाह नहीं है। सात दिनों के भीतर सभी मोहल्लों, सड़कों और गलियों में कचरे के ढेर ने लोगों का जीवन नरक बना दिया है। जगह-जगह लगाए गए एमसीबी के डिब्बे कूड़ा-कचरा से अटे पड़े हैं और दुर्गंध ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है।
शहर के मुख्य बाजारों जैसे सेरी बाजार, सदर बाजार और गणपत बाजार आदि में राहगीरों व दुकानदारों को दुर्गंध व आसपास पड़े कचरे के ढेर से तरह-तरह की बीमारियों का खतरा पैदा हो गया है। उल्लेखनीय है कि प्रशासन हड़ताल पर बैठे आंदोलनकारी सफाई कर्मचारियों, फ्लीट चालकों और अन्य पर्यवेक्षी कर्मचारियों के साथ बातचीत शुरू करके गतिरोध तोड़ने में विफल रहा है।
सिविल सफाई कर्मचारी यूनियन (एमसीबी) के बैनर तले इन मजदूरों ने अपने काम छोड़ आंदोलन को लगातार सातवें दिन बुधवार को भी एमसीबी कार्यालय के पास पसरी बस स्टैंड में जारी रखा। यहां आप नेता राशिद चौधरी ने कई पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ सभा को संबोधित किया और उनके लंबित मुद्दों को हल नहीं करने के लिए उच्च अधिकारियों की आलोचना की। उन्होंने दावा किया कि उनकी मांगों को लेकर कई बार संयुक्त आयुक्त और नगर आयुक्त को ज्ञापन दिया गया लेकिन इन अधिकारियों ने उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया। ये आंदोलनकारी कर्मचारी लगभग 800 कैजुअल सफाई कर्मियों के वेतन में वृद्धि और एमसीबी फ्लीट चालकों की सेवाओं को नियमित करने की मांग कर रहे हैं।