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हॉलमार्क के गोलमाल का खेल: लखनऊ तक पहुंची धमक...24 घंटे में निकल गई नकली सोने की परत

रोहित सिंह, गोरखपुर। Published by: vivek shukla Updated Tue, 28 Mar 2023 11:17 AM IST
सार

शनिवार को एक कारोबारी ने 250 मिलीग्राम के एक सोने के लॉकेट को गलवाया। रिपोर्ट आई कि ये लॉकेट शून्य प्रतिशत का था, लेकिन इस पर 16 कैरेट की हॉलर्माक की मुहर लगी थी। व्यापारी ने सराफा मंडल के व्हाट्सएप ग्रुप पर लॉकेट के परीक्षण की रिपोर्ट के साथ कारीगरों पर सवाल उठा दिए।

250 mg locket opened Hallmark hoax in Gorakhpur
सांकेतिक तस्वीर। - फोटो : istock

विस्तार
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गोरखपुर का हिंदी बाजार हॉलमार्क के खेल के चलते होली से ही चर्चा में है। मामला है बिना हॉलमार्क की ज्वैलरी से सराफा कारोबार को गड़बड़ाने का। हॉलमार्क वाले कारोबारी बिना मार्का के दुकानदारों से लंबे समय से असहमत थे। मगर रविवार को सोने की परत चढ़े लॉकेट का खेल सोशल मीडिया खुलने के बाद यह मामला तूल पकड़ गया। सोना कारीगरों और कारोबारियों ने मामले को हवा देने वाले सराफा व्यापारी को घेरा और बात लखनऊ तक पहुंच गई।



सराफा कारोबार की साख बचाने को लंबी कसरत के बाद सोमवार शाम तक आर्टिफिशियल ज्वैलरी पर सोने की परत का खेल खोल दिया गया। पुलिस ने साढ़े बारह किलो आर्टिफिशियल ज्वैलरी सोने की लॉकेट बताकर बेचने वाले दुकानदार को गिरफ्तार कर लिया। अब सारी मशक्कत सराफा कारोबार की साख बचाए रखने की है।


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रविवार को गोरखपुर सराफा व्यापार मंडल की नई कार्यकारिणी का गठन किया गया था। बताया जा रहा कि इस संगठन का कोई बाइलॉज नहीं बना है, लेकिन पदाधिकारियों का चयन कर लिया गया। सराफा बाजार में चर्चा है कि इसमें संरक्षक जिसे बनाया गया है, वह गोरखपुर सराफा मंडल में इस वर्ष अध्यक्ष का चुनाव लड़ चुके हैं। उन्हें हराकर ही गणेश वर्मा अध्यक्ष बने हैं। इसी के बाद नए संगठन का गठन किया गया और अगले दिन हिंदी बाजार में नकली सोने के आभूषणों के बड़े कारोबार का रैकेट खुल गया। हालांकि, अध्यक्ष राधाकांत वर्मा ने बताया कि हमारे संगठन में संरक्षक का कोई पद नहीं है।

स्वर्णकार कारीगर कल्याण सेवा समिति की तरफ से गोरखपुर सराफा मंडल को ज्ञापन सौंपा गया था। महामंत्री समेत अन्य पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि महेश वर्मा ने बिना कारीगर को दिखाए और माल टंच ( जांच) करवाए उसकी रिपोर्ट शून्य प्रतिशत कर दी। उन्होंने कारीगर को बुलाकर अभद्र भाषा का प्रयोग भी किया।

जानकारी के अनुसार, शनिवार को एक कारोबारी ने 250 मिलीग्राम के एक सोने के लॉकेट को गलवाया। रिपोर्ट आई कि ये लॉकेट शून्य प्रतिशत का था, लेकिन इस पर 16 कैरेट की हॉलर्माक की मुहर लगी थी। व्यापारी ने सराफा मंडल के व्हाट्सएप ग्रुप पर लॉकेट के परीक्षण की रिपोर्ट के साथ कारीगरों पर सवाल उठा दिए।

इसे भी पढ़ें: गोरक्षनगरी को 3838 करोड़ के विकास कार्यों का तोहफा देंगे मुख्यमंत्री योगी, जनसभा को भी संबोधित करेंगे

इसी बात से कारीगर नाराज हो गए। उनका कहना था कि कारीगर की तरफ से 100 से अधिक लॉकेट बनाकर दिए गए थे। अगर मिलावट थी, तो कारीगर के सामने इसकी जांच करवानी चाहिए थी। बातचीत के दौरान हंगामा हो गया। कारीगरों और व्यापारी के बीच विवाद बढ़ता देख सराफा मंडल के पदाधिकारियों ने समझौता करवाया। बैठक रात दस बजे तक चली। इसी दौरान बाजार में आर्टिफिशियल ज्वेलरी के नाम पर गलत तरीके से हॉलमार्किंग कर आभूषण बेचने वाले की दुकान पर कार्रवाई की सहमति बनी। बताया जाता है कि व्हाट्सएप भेजने वाले व्यापारी ने कारीगरों से सामूहिक रूप से माफी मांगी।

ग्राहकों के साथ ऐसे करता था धोखा

बताया जा रहा है कि सराफा बाजार में आभूषणों का कारोबार करने वाले एक व्यापारी ने आर्टिफिशियल आभूषण बेचने के लिए दुकान खोली थी। इसकी जानकारी सराफा मंडल के पदाधिकारियों को हुई तो उन्होंने व्यापारी से संपर्क कर बाजार में इस तरह के व्यापार करने पर रोक लगा दी थी।

सराफा व्यापारियों ने बताया कि पुष्कर ज्वेलर्स का पंजीकरण ऑर्टिफिशियल आभूषण बेचने के लिए था। आरोप है कि पुष्कर ज्वेर्ल्स की तरफ से इन आभूषणों पर 18 कैरेटे सोने- चांदी की हालमार्किंग की जाती थी। इस तरह वह शून्य प्रतिशत वाले आभूषणों को 16 से 18 कैरेट के सोने-चांदी का आभूषण बताकर ग्राहकों को बेचता था। इसी शिकायत पर सराफा मंडल और राजघाट पुलिस ने एक साथ दुकान पर छापा मारकर कार्रवाई की।



क्या है हॉलमार्क
हॉलमार्क प्लेटिनम, सोना और चांदी जैसी बहुमूल्य धातुओं पर लगाया जाने वाला आधिकारिक निशान (मुहर) है, जो उसकी गुणवत्ता को प्रमाणित करता है। यह छह नंबर का अल्फान्यूमेरिक कोड होता है, जिसके जरिए ग्राहकों को सोने के गहने के बारे में जानकारी मिलती है। इस कोड के कारण धोखाधड़ी के मामलों में कमी आती है।

बिना हॉलमार्क के नहीं बेच सकेंगे सोना
सराफा दुकानदार एक अप्रैल से बिना हॉलमार्क के गहने नहीं बेच पाएंगे। ग्राहक पुराने गहने बिना हॉलमार्क के नहीं बेच पाएंगे। गोरखपुर सराफा मंडल के संरक्षक पीडी जैन ने बताया कि एक अप्रैल से छह अंकों वाले एचयूआईडी मार्क के आभूषण अनिवार्य हो जाएंगे।


 

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