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नोएडा

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नोएडा : शॉप्रिक्स मॉल के स्पा सेंटर में चल रहा था देह व्यापार, 9 गिरफ्तार, 14 युवतियां हिरासत में

सेक्टर-61 स्थित शॉप्रिक्स मॉल के निर्वाणा स्पा एंड सैलून में पुलिस की टीम ने बृहस्पतिवार रात छापा मारकर वहां चल रहे देह व्यापार का खुलासा किया। पुलिस ने मौके से स्पा सेंटर के दो संचालकों गुफरान खान और अखिलेश और 7 ग्राहकों को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही वहां काम करने वाली 14 लड़कियों को हिरासत में ले लिया गया है। मौके से काफी संख्या में आपत्तिजनक सामग्री और नशीले पदार्थ बरामद हुए हैं। पुलिस की टीम गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर रही है।

नोएडा जोन के एडिशनल डीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि शॉप्रिक्स मॉल के प्रथम तल पर निर्वाणा स्पा एंड सैलून में स्पा सेंटर के नाम पर देह व्यापार की खबर मिली थी। नोएडा जोन की एसीपी प्रथम अंकिता शर्मा और एसीपी द्वितीय रजनीश वर्मा के नेतृत्व में कोतवाली सेक्टर-39 पुलिस की टीम ने बृहस्पतिवार रात वहां छापा मारा। पुलिस टीम के पहुंचते ही स्पा सेंटर के अंदर अफरातफरी मच गई। मौके पर कई महिलाएं व पुरुष आपत्तिजनक अवस्था में मिले। 

मौके से दो संचालकों और 7 ग्राहकों को गिरफ्तार कर लिया। वही इसमें काम करने वाली 14 लड़कियों को भी हिरासत में ले लिया गया। पुलिस की टीम स्पा सेंटर के संचालक सेक्टर-71 निवासी गुफरान खान और अखिलेश से पूछताछ कर रही है। प्राथमिक पूछताछ में पता चला है कि वहां कई माह से देह व्यापार जारी था।

स्थानीय थाने को नहीं दी गई जानकारी
पुलिस अधिकारियों ने कार्रवाई की सूचना स्थानीय थाना कोतवाली सेक्टर-58 पुलिस को नहीं दी गई। आशंका जताई जा रही है कि स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से यह धंधा चल रहा था। पुलिस के उच्च अधिकारी इस मामले की जांच करेंगे। इसमें कोई दोषी पाया जाता है तो उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

वेब मॉल और सेक्टर-12 में भी पिछले महीने हुआ था खुलासा
पिछले महीने कोतवाली सेक्टर-20 पुलिस की टीम ने सेक्टर 18 स्थित वेव मॉल में छापा मार स्पा सेंटर से वेश्यावृत्ति में लिप्त लोगों को गिरफ्तार किया था। वहीं कोतवाली सेक्टर-24 पुलिस ने भी सेक्टर 12 के एक कोठी में चल रहे देहव्यापार  का खुलासा किया था।

शॉप्रिक्स मॉल में स्पा सेंटर के नाम पर चल रहे वेश्यावृत्ति के धंधे का खुलासा पुलिस की टीम ने किया है। संचालकों समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं स्पा सेंटर से 14 लड़कियों को भी हिरासत में लिया गया है जिन्हें महिला पुनर्वास केंद्र भेजा जा रहा है। 
- रणविजय सिंह, एडीसीपी नोएडा
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दिन में सोसायटियों में काम और रात में लूटपाट करने वाले आठ गिरफ्तार

ग्रेटर नोएडा के बिसरख कोतवाली पुलिस ने ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है। जो दिन में ग्रेनो वेस्ट की सोसायटियों में साफ-सफाई और देखभाल का काम करते और रात में राहगीरों से लूटपाट करते हैं। पुलिस ने आठ बदमाशों को गिरफ्तार कर 18 मोबाइल, बाइक, पर्स आदि लूटा गया सामान बरामद किया। आरोपी कई माह से ग्रेनो वेस्ट आदि क्षेत्र में लूटपाट कर रहे थे।

बिसरख कोतवाली प्रभारी मुनीष चौहान और एसएसआई ऋषिपाल ने बताया कि क्षेत्र में राहगीरों से लूटपाट करने वाले बदमाशों की तलाश में पुलिस जुटी थी। पुलिस टीम ने खैरपुर गुर्जर गोलचक्कर के पास से तीन बाइक पर सवार आठ बदमाशों को गिरफ्तार किया।

इनकी पहचान पीलीभीत के अर्जुन, अभिषेक, बिसरख का दीपक, अजय, बादल, दनकौर का अजय, कासगंज के राजा, संभल का नीरेश के रुप में हुई है। सभी आरोपी ग्रेनो वेस्ट में किराये पर कमरा लेकर क्षेत्र में रहते हैं और लंबे समय से ग्रेनो वेस्ट की सोसायटियों में साफ-सफाई और देखभाल आदि का काम करते हैं।

आरोपी सोसायटियों  में जाने के दौरान एकांत रास्ते और सीसीटीवी विहीन स्थानों की रेकी करते और रात को राहगीरों से लूटपाट कर फरार हो जाते थे। आरोपी एक साल से अधिक समय से लूटपाट की घटनाओं को अंजाम दे रहे थे। लूटे गए मोबाइल को आरोपी अंजान लोगों को कम दामों लमें बिक्री कर देते थे।
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ग्रेटर नोएडा महिला हत्याकांड में खुलासा, लाइक एप से संपर्क में आया, खुद कबूला क्यों की हत्या

सीटीईटी पेपर सॉल्वर गिरोह का भंडाफोड़: बनने चली थीं अध्यापक और बन गईं अपराधी, कहा- जीवन हुआ बर्बाद

केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) देने के लिए आईं पांच महिला अभ्यर्थियों को जब पुलिस ने गिरफ्तार किया तो उन्होंने कहा कि करिअर बनाने की चाह में सॉल्वर गिरोह के चक्कर में फंसकर जीवन बर्बाद कर लिया। अगर खुद परीक्षा देतीं तो पास तो ही जातीं। हालांकि, पेपर में नंबर कम आते, लेकिन सॉल्वर गिरोह के जरिये अच्छे अंक आ जाते। संध्या व शैली ने बताया कि  गिरोह सरगना विनय दहिया प्रश्न पत्र लीक कराता है।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गिरोह के सदस्य लीक प्रश्न पत्र को व्हाटसएप पर नहीं देते थे, बल्कि उसे पेन ड्राइव में रखकर लैपटॉप के जरिये अभ्यर्थियों को जवाब रटवाते थे। करीब दो घंटे तक अभ्यर्थियों की तैयारी कराकर पैसे लेकर चले जाते थे। पेपर में आने वाले सवालों को देखने पर अभ्यर्थियों को उत्तर याद आ जाता था।

एक साल में आठ केस, 21 लोग गिरफ्तार
सेक्टर-62 स्थित परीक्षा केंद्र सॉल्वर गिरोह के पकड़े जाने के एक साल में आठ मामले सामने आए हैं। इनमें 21 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं और 15 से अधिक लोग फरार हैं। इनमें हरियाणा निवासी इनकम टैक्स का एक इंस्पेक्टर भी जेल जा चुका है। केंद्र सरकार व परीक्षा आयोजित कराने वाले विभागों को भी इस बारे में सूचित कर दिया गया है जो एजेंसी पेपर दिला रही हैं उसे लेकर भी पुलिस अधिकारियों ने संदेह जताया है।

जिसका जितना अपराध, उतनी ही धाराएं
सॉल्वर गिरोह के सदस्यों पर अलग-अलग धाराएं लगाई गई हैं, जबकि परीक्षार्थियों और उनके संबंधियों पर गंभीर धाराएं नहीं लगाई जाएंगी। इसमें जिस व्यक्ति का जितना अपराध है उसी के अनुसार धाराएं लगाई गई हैं।-रजनीश वर्मा, एसीपी नोएडा जोन।
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सीटीईटी पेपर सॉल्वर गिरोह का भंडाफोड़ सीटीईटी पेपर सॉल्वर गिरोह का भंडाफोड़

ग्रेटर नोएडा: क्रिसमस पार्टी से लौटी युवती, घर से आया फोन, फिर 14वीं मंजिल से कूदकर केन्या की युवती ने जान दी

ग्रेटर नोएडा की बीटा-2 थाना क्षेत्र स्थित कासा ग्रैंड सोसायटी की 14 वीं मंजिल से गिरकर केन्या की युवती की मौत हो गई। शनिवार देर रात तक युवती क्रिसमस पार्टी में शामिल होने के बाद घर लौटी थी। चार दिन पहले ही मूयासा केन्या से अपने दोस्त से मिलने ग्रेटर नोएडा आई थी। पुलिस के मुताबिक युवती को अंतिम कॉल उसके घर से आई थी। इसके बाद उसने कूदकर जान दी है। पुलिस ने केन्या दूतावास को भी घटना की सूचना दी है।

बीटा-2 थाना क्षेत्र स्थित कासा ग्रैंड सोसायटी में अफ्रीकी मूल के कई लोग रहते हैं। सोसायटी के फ्लैट में रहने वाले नाइजीरियाई नागरिक दोस्त से मिलने के लिए केन्या निवासी मूूयासा चार दिन पहले ही वह टूरिस्ट वीजा पर ग्रेटर नोएडा आई थी।

रविवार को तड़के 5 बजे हुई घटना
पुलिस का कहना है कि तड़के लगभग 5 बजे 14वीं मंजिल से गिरकर उसकी मौत हो गई। पुलिस ने पड़ताल की तो पता चला कि शनिवार रात युवती ने सहेली और दोस्त के साथ क्रिसमस पर देर रात तक पार्टी की थी। युवती की मोबाइल पर उसके परिजन से घटना से पहले बात हुई थी।

थाना प्रभारी ने मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल की थी। युवती की सहेली और उसके दोस्त ने जानकारी दी है कि वह शनिवार रात क्रिसमस पार्टी में शामिल हुए थे। केन्या से परिजन के फोन आने के बाद ही युवती ने कूदकर जान दी है। 
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भ्रष्टाचार :  बिल्डरों की मनमानी, अफसरों ने की कमाई तो लुटता गया नोएडा, नक्शों में कई बार हुए बदलाव

भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट से हुए खुलासे के बाद फिर से प्राधिकरण में तैनात रहे पूर्व अधिकारियों की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गई है। औद्योगिक नगरी के रूप में विकसित किए जाने वाले नोएडा का यह दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि यह शहर बिल्डर, अफसर और नेताओं के हाथ की कठपुतली बना हुआ था।

बिल्डरों ने फायदे के लिए नेताओं और अधिकारियों से साठगांठ करके शहर के विकास में पूरा हस्तक्षेप रखा। अधिकारी व नेता करोड़ों की कमाई में लगे रहे और बिल्डर मनमानी करते रहे। लाखों लोगों ने जिंदगी भर की कमाई आशियाने के लिए लगा दी, लेकिन 57 हजार से ज्यादा खरीदार आज भी अधूरे प्रोजेक्ट और रजिस्ट्री न होने के कारण चैन की नींद नहीं सो पा रहे हैं।

आलम यह है कि शहर के कई सेक्टरों के नक्शे से भी कई बार छेड़छाड़ की गई। बिल्डरों को फायदा पहुंचाने के लिए औद्योगिक सेक्टरों को आवासीय में परिवर्तित कर दिया गया, लेकिन बिल्डराें ने करोड़ों एडवांस लेने के बाद भी लोगों को घर उपलब्ध नहीं कराए।

पूरे सेक्टर ही कर दिए गए बिल्डरों को आवंटित
बिल्डरों को आवासीय योजना के लिए बडे़ भूखंड आवंटित किए जाते थे, लेकिन 2007 के दौरान प्रॉपर्टी के बूम का रंग बिल्डरों पर ऐसा पड़ा कि दिल्ली से सटे नोएडा पर उनकी नजर पड़ गई। इस औद्योगिक नगरी में जहां चंद ही आवासीय सोसाइटी बनाई जानी थीं, वहां बिल्डरों को पूरे के पूरे सेक्टर ही आवंटित कर दिए। गौड़ सिटी, वेव, जेपी, एसडीएस, आम्रपाली व सुपरटेक गोल्फ कंट्री जिले की ऐसी ही कुछ टाउनशिप हैं जिनमें से ज्यादातर के खरीदार आज भी आशियाने का इंतजार कर रहे हैं।

ताक पर रख दिए नियम-कायदे
बिल्डरों को लाभ पहुंचाने के लिए पूरा खेल नोएडा की जमीन के लिए खेला गया। शासन के एक इशारे पर नोएडा के बिल्डरों को फायदा पहुंचाने के लिए सभी कायदे-कानूनों को ताक पर रख दिया गया। इससे बिल्डरों ने न केवल प्राधिकरण को हजारों करोड़ की चपत लगाई, बल्कि खरीदारों के भी करोड़ों रुपये लेकर चंपत हो गए। किसी व्यक्ति ने जीवन की पूरी कमाई ही यहां आशियाने की आस में लगा दी तो किसी ने कमाई के साथ-साथ बैंक से मोटा कर्ज भी ले लिया।  आशियाना तो नहीं मिला अलबत्ता जीवन भर की कमाई गंवाने के साथ-साथ ऐसे लोग अब बैंक किश्त भी जमा करने को भी मजबूर हैं।  

बकाया भुगतान के लिए एक की जगह दी गई दो साल की मोहलत
बकाया भुगतान पहले जहां बिल्डर को मात्र एक साल के अंदर करना होता था, उसी भुगतान के लिए लखनऊ से बिल्डर को दो साल की मोहलत दी गई। ऐसे में बिल्डर ने प्राधिकरण से ज्यादा से ज्यादा जगह खरीदी। अपने प्रोजेक्ट लांच किए और प्री बुकिंग के नाम पर ही घर खरीदारों से हजारों करोड़ बटोर लिए। बिल्डरों ने खरीदारों के पैसों को प्रोजेक्ट में न लगाकर अपने अन्य प्रोजेक्ट के लिए जमीन खरीदने में लगा दिया। इसका नतीजा यह हुआ कि बिल्डर न तो घर तैयार कर पाया और न ही प्राधिकरण का बकाया भुगतान कर पाया। खरीदारों के पैसे तो फंसे ही प्राधिकरण की जमीन के भी हजारों करोड़ इन बिल्डर्स पर फंस गए।

आवंटन के समय दी जाने वाली रकम काे कम करते ही खूब खरीदीं जमीनें
बिल्डर लॉबी की सहायता के लिए मुख्य रूप से दो नियम ऐसे थे, जिनके लागू होने के बाद बिल्डरों ने दोनों हाथों से प्राधिकरण को लूटने का काम किया। पहले प्राधिकरण किसी भी बिल्डर से आवंटन के दौरान ही जमीन की कुल कीमत का 30 फीसदी वसूल लेता था। इसके बाद उसे एक साल की मोहलत दी जाती थी। बिल्डर को जमीन पर प्रोजेक्ट लांच करने और बाकी कीमत चुकाने के लिए एक साल का समय दिया जाता था। बसपा सरकार में अचानक ही बिल्डरों के लिए 30 फीसदी की जगह 10 फीसदी जमा कराना तय हुआ। नियम बदले गए और बिल्डरों ने दोनों हाथों से प्राधिकरण की जमीन बटोरनी शुरू कर दी।

पहले जहां बिल्डर 10 हजार वर्ग मीटर जमीन खरीदता था, वहीं नए नियम के बाद बिल्डर 30 हजार वर्ग मीटर जमीन खरीदने लगा। उसे तीन गुना जमीन के लिए भी उतनी ही रकम प्राधिकरण को देनी होती थी, जितनी वह पहले मात्र 10 हजार वर्गमीटर जमीन के लिए भुगतान करता था।




 
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जन्मदिन के जश्न में हुड़दंग: कार की बोनट पर काटा केक, फिर हवा में फायरिंग, दहशत में रही सोसायटी

अपनी खुशी के जश्न में कुछ लोग इतना बहक जाते हैं कि दूसरों की सुरक्षा की भी परवाह नहीं करते। ऐसा ही कुछ हुआ गुरुवार रात को नोएडा की पैरामाउंट इमोशंस सोसायटी में जहां जन्मदिन के जश्न के दौरान कुछ युवकों ने खूब हुड़दंग मचाया जिससे पूरी सोसायटी काफी देर तक दहशत में रही।

दरअसल सोसायटी के मेन गेट पर कुछ युवक जन्मदिन का जश्न मनाने के लिए इकट्ठा हुए। उन्होंने पहले आधा दर्जन से ज्यादा केक एक कार पर रख काटा। इसके बाद बर्थडे बॉय को केक लगाया गया।

इसी जश्न के बीच एक शख्स ने अपनी बंदूक ली और हवा में फायरिंग शुरू कर दी। हर फायरिंग के साथ जश्न मनाते युवा शोर मचाते और खुशी मनाते लेकिन पूरे समय सोसायटी के लोग काफी डरे-सहमे रहे।

इसका एक वीडियो जब एक शख्स ने ट्विटर पर डाला तो नोएडा पुलिस ने इसका संज्ञान लेते हुए कार्रवाई शुरू कर दी। जांच के बाद पुलिस ने दो युवकों को उनकी लाइसेंसी बंदूक के साथ गिरफ्तार कर लिया है।
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ग्रेटर नोएडा: 300 रुपये के लिए दो भाइयों ने कार से कुचलकर मार डाला, रिजर्वेशन रिफंड काटने पर हुआ था विवाद

जन्मदिन के जश्न में हर्ष फायरिंग
घरबरा गांव में सोमवार शाम सिर्फ 300 रुपये के विवाद में दो भाइयों ने एक दुकानदार की कार से कुचलकर हत्या कर दी। ट्रेन का रिजर्वेशन रद्द कराने पर रिफंड काटने पर दुकानदार का आरोपियों से विवाद हुआ था।

दोनों ने पहले स्विफ्ट डिजायर कार से 80 की रफ्तार से दुकानदार को टक्कर मारी। फिर मदद के लिए चिल्ला रहे युवक पर दोनों ने कई बार कार चढ़ा दी। इसके बाद आरोपी फरार हो गए। लोगों ने घायल को यथार्थ अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस ने देर रात एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

एडीसीपी विशाल पांडेय के अनुसार, घरबरा गांव निवासी सतवीर शर्मा के बेटे नितिन शर्मा की गांव की मार्केट में ट्रेन के रिजर्वेशन और मोबाइल रिचार्ज की दुकान है। कुछ दिन पहले गांव निवासी नकुल और अरुण उर्फ छोटू ने वैष्णो देवी के लिए रिजर्वेशन कराई थी जिसे रविवार को दोनों ने रद्द करा दिया था। इस पर नितिन ने रिफंड से 300 रुपये काट लिए थे।
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नोएडा: एक बार फिर बंबाबड़ में दिखा चोरों का आतंक, सुनार की दुकान में रखी अलामारी उठा ले गए

एसओजी रिश्वत कांड: एटीएम हैकरों से डिवाइस लेकर दूसरे गैंग से कराई हैकिंग, मेवाती गैंग से भी जुड़े हैं आरोपी पुलिसवालों के तार

बीस लाख व क्रेटा लेकर एटीएम हैक कर रुपये निकालने वाले बदमाशों को छोड़ने के मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। गाजियाबाद के इंदिरापुरम में गिरफ्तार किए गए बदमाशों ने पूछताछ में यह जानकारी दी है कि नोएडा स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने अगस्त में जब उन्हें छोड़ा था तो एटीएम हैक करने की अत्याधुनिक डिवाइस भी ले ली थी।

ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि इस डिवाइस को आरोपियों ने अन्य गिरोह को दे दिया और कई एटीएम से पैसे निकलवा लिए। इसमें एक सिपाही की भूमिका सबसे संदिग्ध है जो हत्या का आरोपी भी रह चुका है। इसकी तैनाती एक पड़ोसी जिले में है। इसी सिपाही के जरिये घेरे में आई एसओजी का मेवात के गिरोह से लेकर अन्य से साठगांठ हुई थी।

अब कमिश्नरेट पुलिस इन सभी पहलुओं की जांच कर रही है। पुलिस इस मामले में यह पता लगा रही है कि इस तरह के डिवाइस से अगस्त में नोएडा सहित एनसीआर, यूपी, हरियाणा, राजस्थान सहित अन्य राज्यों में कहां-कहां रुपये निकाले गए और इसमें किस गिरोह का हाथ था जांच के यह काफी हद तक स्पष्ट हो जाएगा कि इसमें नोएडा एसओजी के पुलिसकर्मियों का कितना सहयोग था।
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एसओजी रिश्वत कांड: नोएडा-गाजियाबाद पुलिस में बढ़ी तकरार, नोएडा पुलिस नोटिस लेकर पहुंची इंदिरापुरम थाने, नहीं किया रिसीव

स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप की टीम पर एटीएम हैकर को छोड़ने के आरोप के बाद नोएडा और गाजियाबाद पुलिस के बीच तकरार बढ़ गई है। गढ़ी चौखंडी से अगवा कर एक शख्स से दस लाख रुपये के चेक पर हस्ताक्षर कराने के मामले में नोएडा पुलिस जब इंदिरापुरम थाने नोटिस लेकर गई तो वहां इसे रिसीव करने से मना कर दिया गया।

नोएडा पुलिस के अनुसार, पिछले माह गढ़ी चौखंडी निवासी लीलू ने फेज थ्री पुलिस से शिकायत की थी कि गढ़ी गांव निवासी राजेंद्र यादव, उसका बेटा अमित यादव और चार अज्ञात पुलिसकर्मी इंदिरापुरम थाने की गाड़ी से उनके घर आए थे।

ये लोग लीलू, उसके भाई सलेक चंद और भतीजे जितेंद्र को जबरन गाड़ी में बिठाकर इंदिरापुरम थाने ले गए और वहां पांच-पांच लाख रुपये के दो चेक पर जबरन हस्ताक्षर करवा लिए। इस मामले में कोतवाली फेज थ्री पुलिस ने राजेंद्र यादव, अमित यादव समेत चार अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी।

मामले की जांच के दौरान मंगलवार को कोतवाली फेज थ्री से एक पुलिसकर्मी नोटिस लेकर इंदिरापुरम थाने गया था। इसमें घटना के दिन की जानकारी मांगी गई थी कि आपके थाने के कौन-कौन पुलिसकर्मी सरकारी वाहन से नोएडा आया था। साथ ही, सीसीटीवी फुटेज से लेकर पुलिसकर्मियों से संबंधित अन्य जानकारी की मांग की गई थी, लेकिन इंदिरापुरम पुलिस ने फेज थ्री पुलिस के नोटिस रिसीव ही नहीं किया।
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दिल्ली : गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया के शार्प शूटर समेत चार गिरफ्तार, हथियार भी मिले

रोहिणी जिले के स्पेशल स्टाफ ने एक करोड़ रुपये की रंगदारी नहीं देने पर कारोबारी की कार पर गोलीबारी करने वाले टिल्लू ताजपुरिया गिरोह के शार्प शूटर समेत चार बदमाशों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार बदमाशों की पहचान नरेला निवासी आकाश खत्री, रवि पराशर, न्यू कालोनी निवासी जयंत मान और बख्तावरपुर निवासी राहुल के रूप में हुई है। चारों के कब्जे से चार पिस्टल, 13 कारतूस और धमकी देनेे में इस्तेमाल सिम बरामद की है। इससे पहले भी तिहाड़ जेल में बंद एक बदमाश ने कारोबारी को फोन पर धमकी देकर उससे रंगदारी मांगी थी, जिसे पुलिस ने अप्रैल में जेल से ही गिरफ्तार किया था।

जिला पुलिस उपायुक्त प्रणव तायल ने बताया कि सेक्टर-7 रोहिणी निवासी कारोबारी की फैक्टरी बवाना और सोनीपत है। अप्रैल में उसने रोहिणी उत्तरी थाने में रंगदारी मांगे जाने की शिकायत की थी। जिसमें बताया कि 8 अप्रैल को चिकू नाम के व्यक्ति ने व्हाट्सएप कॉल कर खुद को टिल्लू गैंग का बदमाश बताया और एक करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी थी। ऐसा नहीं करने सौ गोली मारने की धमकी दी। पुलिस ने मामले की जांच करते हुए तिहाड़ जेल में बंद हिम्मत उर्फ चिकू से पूछताछ कर जेल से ही गिरफ्तार कर लिया।

उसके सेल से पुलिस को मोबाइल फोन मिला, जिससे कारोबारी को धमकी दी गई थी। उसके बाद 23 अगस्त को एक बदमाश अपने दोनों हाथों में पिस्टल लेकर उक्त कारोबारी के घर पर खड़ी उसकी इको स्पोर्ट्स कार पर पांच गोली चला दी। बदमाश वहां एक पर्ची छोड़कर गए। जिसमें एक करोड़ रुपये देने के लिए कारोबारी को तीन दिन का समय दिया गया था। साथ ही ऐसा नहीं करने पर सौ गोली मारने की धमकी दी गई थी।

मामले की गंभीरता को देखते हुए जिले के स्पेशल स्टाफ को जांच की जिम्मेदारी दी गई। पुलिस ने घटनास्थल के आस पास सीसीटीवी कैमरे की फुटेज को खंगाला। जिसमें बदमाश की बाइक दिखी। नंबर की जांच करने पर पता चला कि बाइक बेगमपुर इलाके से चुराई गई है। फुटेज में बदमाश का चेहरा नहीं दिख रहा था। जेल में बंद पिछले मामले का आरोपी हिम्मत को दो दिन की रिमांड पर लेकर पुलिस ने पूछताछ की। जिसमें उसने गोली चलाने वाले बदमाश और साजिशकर्ताओं के नाम बताए। उसके बाद पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

टेंपो चालक ने दी थी कारोबारी के बारे में जानकारी
जांच में पता चला कि पेशे से टेंपो चालक रवि पराशर ने बदमाशों को कारोबारी के बारे में जानकारी और उसका फोन नंबर दिया था। वह कारोबारी के बवाना स्थित फैक्टरी से सामान टेंपो पर लोड करता था। रवि शार्प शूटर आकाश खत्री और जयंत मान का दोस्त है। जयंत मान हिम्मत के चचेरे भाई सुनील मान का कॉलेज का दोस्त है और हिम्मत से उसकी गहरी दोस्ती है। वह लगातार जेल में बंद हिम्मत से मिलने जाता था। उसने ही रंगदारी मांगने के लिए रवि से मिले कारोबारी का नंबर हिम्मत को जेल में दिया था। राहुल ने हिम्मत को फर्जी नाम पर सिम मुहैया करवाया था और व्हाट्सएप के लिए ओटीपी नंबर दिया था। वहीं आकाश ने कारोबारी की कार पर गोली चलाई थी।

कॉलेज में सचिव पद पर चुनाव लड़ चुका है एक बदमाश
जांच में पता चला कि आकाश और जयंत दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। आकाश राजधानी कॉलेज में पढ़ता था जबकि जयंत स्वामी श्रद्धानंद कालेज से बीएससी की पढ़ाई करने के बाद फार्मेसी में डिप्लोमा कर चुका है। जयंत ने कॉलेज के छात्र राजनीति में सचिव के पद के लिए चुनाव लड़ चुका है।
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मर्डर मिस्ट्री का पर्दाफाश: युवती ने 'दिल' देकर ली जान, खुला प्रेमी की हत्या राज, दूसरे प्रेमी ने उगला खौफनाक सच

सोनू ने अपने जीवन में कभी नहीं सोचा होगा कि उसकी प्रेमिका उसे धोखा देकर उसी की जान ले लेगी। शातिर प्रमिका ने पहले प्यार में सोनू को अपना दिल दे दिया और फिर आखिर में उसी की जान की दुश्मन बन बैठी। प्रेमिका ने अपने दूसरे प्रेमी के साथ मिलकर पहले हत्या की साजिश रची और फिर सोनू को मौत के घाट उतार दिया। वहीं अब युवती के गिरफ्तार होने पर हत्या का राज खुला तो पुलिस अधिकारी भी हैरान रह गए। पुलिस पूछताछ में प्रेमिका और उसके दूसरे प्रेमी ने हत्या करना स्वीकार किया है। साथ ही हत्या की साजिश का पूरा सच उगल दिया। इसके बाद पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।     

सोनू को प्यार में मिला धोखा
दरअसल, मुजफ्फरनगर जिले के बुढ़ाना क्षेत्र में परासौली गांव निवासी सोनू युवती से प्रेम करता था। दोनों के प्रेम संबंध के बारे में सोनू के परिजनों को भी पता था। वहीं गत दो सितंबर को संदिग्ध हालात में सोनू लापता हो गया था। परिजनों का आखिरी बार उससे चार सितंबर की शाम को संपर्क हुआ था, जिसके बाद उसके न मिलने पर पिता विनोद ने नौ सितंबर को बुढ़ाना थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज करा दी थी।
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