बैंक में क्लर्क और पीओ परीक्षा पास कराने में मूल रूप से झांसी के रहने वाले दो सगे भाई हनुमत गुर्जर और सुग्रीव गुर्जर का गैंग सक्रिय था। सीबीआई के हत्थे चढे़ इस गैंग ने पूछताछ में चौंकाने वाली बातें सामने आ रही हैं। सीबीआई की मानें तो दोनों भाई फेसबुक के सहारे आईआईटी और इंजीनियरिंग पास आउट से संपर्क साधते थे।
बैंक में क्लर्क परीक्षा पास कराने के लिए 5 लाख और पीओ परीक्षा के लिए 16 लाख रुपये लिए जाते थे। अभ्यर्थी की जगह परीक्षा में बैठने वाले आईआईटी और इंजीनियरिंग आउट को इसकी एवज में दो से तीन लाख रुपये दिए जाते थे। क्रासिंग्स रिपब्लिक सोसायटी के एक फ्लैट को फिलहाल यह गैंग अपना ठिकाना बनाए हुए था।
शनिवार से अब तक सीबीआई टीम इस गैंग के सरगना समेत कुल सात लोगों को गिरफ्तार करके उनके कब्जे से दो कार और करीब 6.75 लाख की नगदी बरामद कर चुकी है। सीबीआई सूत्रों की मानें तो इस मुन्ना भाई गैंग के अब तक 80 अभ्यर्थियों से संपर्क होने के सबूत मिले हैं। इनमें से एक अभ्यर्थी तो लिखित परीक्षा पास करके इंटरव्यू तक पहुंच चुका है।
जनवरी में उसका इंटरव्यू है। सीबीआई अब उसकी गिरफ्तारी के भी प्रयास कर रही है। इस गैंग के सरगना सुग्रीव गुर्जर के अलावा हनुमत गुर्जर, सावन कुमार, नवीन तंवर, तरुण, श्रवण यादव और संजीव कुमार की गिरफ्तारी हो चुकी है। इनमें नवीन तंवर और सावन कुमार दिल्ली से आईआईटी हैं। जबकि तरुण कानपुर यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की परीक्षा पास कर चुका है। श्रवण यादव के पिता यूपी पुलिस में दरोगा बताए जाते हैं।
सीबीआई जांच में पता चला है कि मुन्नाभाई गैंग आवेदन फार्म के रोल नंबर पर लगने वाले फोटो में आधा चेहरा (माथे से आंख तक) मेन अभ्यर्थी और आधा चेहरा (नाक से गर्दन तक) उसकी जगह परीक्षा में बैठने वाले युवक का लगाता था। कंप्यूटर से यह खेल इतनी सफाई के साथ किया जाता था कि कक्ष निरीक्षक को भी इसका पता नहीं चलता था।
फिल्मी स्टाइल में हुई थी पांच आरोपियों की गिरफ्तारीसीबीआई सूत्रों के अनुसार हनुमत और सुग्रीव आइडियल इंस्टीट्यूट के बाहर सफेद रंग की लग्जरी कार में बैठे थे। सीबीआई टीम उन्हें पकड़ने दौड़ी तो आरोपियों ने कार दौड़ा दी। सीबीआई के एक दरोगा फिल्मी स्टाइल में कार का दरवाजा खोलकर उसमें लटक गए, बाकी अधिकारी पीछे दौड़ते रहे।
करीब आधा किलोमीटर दूरी पर क्रिकेट खेलते युवकों ने यह नजारा देखा तो सीबीआई अधिकारियों ने चिल्लाना शुरू कर दिया कि कार चालक लड़कियों से बदतमीजी करके भाग रहे हैं। इस पर क्रिकेट खेलते युवकों ने कार रुकवाई और आरोपियों की धुनाई भी की।
बैंक क्लर्कऔर पीओ परीक्षा में सक्रिय मुन्नाभाई गैंग के दो और सदस्यों को सीबीआई टीम ने धर दबोचा है। आरोपियों में संजीव कुमार कानपुर का औरश्रवण यादव अमरोहा का रहने वाला है। संजीव कुमार अभ्यर्थी से पैसा लेने और बाद उसकी जगह परीक्षा में बैठ रहे युवकों को रुपये देने का काम करता था। सीबीआई ने उसकी कार में रखी 6.75 लाख की नगदी भी बरामद की है।
सोमवार को सीबीआई टीम दोनों आरोपियों को लेकर सीबीआई विशेष न्यायाधीश कुलदीप कुमार की कोर्ट पहुंची। दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश करने के साथ ही सीबीआई ने पूछताछ के लिए उनका दस दिनों का पुलिस कस्टडी रिमांड मांगा। बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने इस पर बहस की। बहस पूरी होने के बाद विशेष न्यायाधीश कुलदीप कुमार ने चार दिन का पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर कर लिया।
बैंक में क्लर्क और पीओ परीक्षा पास कराने में मूल रूप से झांसी के रहने वाले दो सगे भाई हनुमत गुर्जर और सुग्रीव गुर्जर का गैंग सक्रिय था। सीबीआई के हत्थे चढे़ इस गैंग ने पूछताछ में चौंकाने वाली बातें सामने आ रही हैं। सीबीआई की मानें तो दोनों भाई फेसबुक के सहारे आईआईटी और इंजीनियरिंग पास आउट से संपर्क साधते थे।
बैंक में क्लर्क परीक्षा पास कराने के लिए 5 लाख और पीओ परीक्षा के लिए 16 लाख रुपये लिए जाते थे। अभ्यर्थी की जगह परीक्षा में बैठने वाले आईआईटी और इंजीनियरिंग आउट को इसकी एवज में दो से तीन लाख रुपये दिए जाते थे। क्रासिंग्स रिपब्लिक सोसायटी के एक फ्लैट को फिलहाल यह गैंग अपना ठिकाना बनाए हुए था।
शनिवार से अब तक सीबीआई टीम इस गैंग के सरगना समेत कुल सात लोगों को गिरफ्तार करके उनके कब्जे से दो कार और करीब 6.75 लाख की नगदी बरामद कर चुकी है। सीबीआई सूत्रों की मानें तो इस मुन्ना भाई गैंग के अब तक 80 अभ्यर्थियों से संपर्क होने के सबूत मिले हैं। इनमें से एक अभ्यर्थी तो लिखित परीक्षा पास करके इंटरव्यू तक पहुंच चुका है।
जनवरी में उसका इंटरव्यू है। सीबीआई अब उसकी गिरफ्तारी के भी प्रयास कर रही है। इस गैंग के सरगना सुग्रीव गुर्जर के अलावा हनुमत गुर्जर, सावन कुमार, नवीन तंवर, तरुण, श्रवण यादव और संजीव कुमार की गिरफ्तारी हो चुकी है। इनमें नवीन तंवर और सावन कुमार दिल्ली से आईआईटी हैं। जबकि तरुण कानपुर यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की परीक्षा पास कर चुका है। श्रवण यादव के पिता यूपी पुलिस में दरोगा बताए जाते हैं।
आधा चेहरा इसका और आधा चेहरा उसका
सीबीआई जांच में पता चला है कि मुन्नाभाई गैंग आवेदन फार्म के रोल नंबर पर लगने वाले फोटो में आधा चेहरा (माथे से आंख तक) मेन अभ्यर्थी और आधा चेहरा (नाक से गर्दन तक) उसकी जगह परीक्षा में बैठने वाले युवक का लगाता था। कंप्यूटर से यह खेल इतनी सफाई के साथ किया जाता था कि कक्ष निरीक्षक को भी इसका पता नहीं चलता था।
फिल्मी स्टाइल में हुई थी पांच आरोपियों की गिरफ्तारी
सीबीआई सूत्रों के अनुसार हनुमत और सुग्रीव आइडियल इंस्टीट्यूट के बाहर सफेद रंग की लग्जरी कार में बैठे थे। सीबीआई टीम उन्हें पकड़ने दौड़ी तो आरोपियों ने कार दौड़ा दी। सीबीआई के एक दरोगा फिल्मी स्टाइल में कार का दरवाजा खोलकर उसमें लटक गए, बाकी अधिकारी पीछे दौड़ते रहे।
करीब आधा किलोमीटर दूरी पर क्रिकेट खेलते युवकों ने यह नजारा देखा तो सीबीआई अधिकारियों ने चिल्लाना शुरू कर दिया कि कार चालक लड़कियों से बदतमीजी करके भाग रहे हैं। इस पर क्रिकेट खेलते युवकों ने कार रुकवाई और आरोपियों की धुनाई भी की।
जब सीबीआई ने पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया
बैंक क्लर्कऔर पीओ परीक्षा में सक्रिय मुन्नाभाई गैंग के दो और सदस्यों को सीबीआई टीम ने धर दबोचा है। आरोपियों में संजीव कुमार कानपुर का औरश्रवण यादव अमरोहा का रहने वाला है। संजीव कुमार अभ्यर्थी से पैसा लेने और बाद उसकी जगह परीक्षा में बैठ रहे युवकों को रुपये देने का काम करता था। सीबीआई ने उसकी कार में रखी 6.75 लाख की नगदी भी बरामद की है।
सोमवार को सीबीआई टीम दोनों आरोपियों को लेकर सीबीआई विशेष न्यायाधीश कुलदीप कुमार की कोर्ट पहुंची। दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश करने के साथ ही सीबीआई ने पूछताछ के लिए उनका दस दिनों का पुलिस कस्टडी रिमांड मांगा। बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने इस पर बहस की। बहस पूरी होने के बाद विशेष न्यायाधीश कुलदीप कुमार ने चार दिन का पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर कर लिया।