न्यूज डेस्क, अमर उजाला, वाराणसी
Published by: गीतार्जुन गौतम
Updated Sat, 29 Jan 2022 10:54 AM IST
वाराणसी में विधानसभा चुनाव को लेकर पुलिस की सख्ती बढ़ गई है। हर दिन वांछितों की गिरफ्तारी हो रही है। कश्नरेट और ग्रामीण इलाकों से अपराधियों को पकड़कर जेल में ठूंसा जा रहा है। उधर, क्षमता से तीन गुना अधिक बंदियों के होने से जेल प्रशासन भी हांफ रहा है। चुनाव नजदीक आते-आते जेल में और भी दबाव बढ़ने का अनुमान है। वहीं कोरोना काल के दौरान 50 बंदियों की क्षमता वाले एक बैरक में डेढ़-दो सौ बंदियों को रखा गया है। यह भी बंदियों के लिए संकट वाली स्थिति है।
आचार संहिता लगने के बाद से पुलिस इतनी सख्त हुई कि चौकाघाट स्थित जिला जेल में इन दिनों हर रोज चार से पांच आरोपियों को दाखिल कराया जा रहा है। शराब तस्कर, असलहा तस्कर और वांछितों की गिरफ्तारी अभी भी थमी नहीं है और आने वाले दिनों में अन्य कई आरोपियों और मुकदमे में वांछितों को गिरफ्तार कर जेल में ठूंसने का ग्रामीण और कमिश्नरेट पुलिस के थानेदारों को टॉस्क दिया गया है।
ऐसे में जिला जेल प्रशासन के लिए संकट वाली बात यह है कि जेल पहले से ही क्षमता से अधिक बंदी भरे हैं। 747 बंदियों की क्षमता वाले इस जेल में लगभग 2654 बंदी हैं। इसमें लगभग डेढ़ सौ महिला, 2500 पुरुष और 18 मासूम बच्चे भी अपने अभिभावकों के संग रह रहे हैं। जेल प्रशासन के लिए बंदियों की निगरानी भी भी चुनौती है।
जेल में बंदी रक्षकों की संख्या भी बंदियों की तुलना में काफी कम है। गाहे-बगाहे बंदियों के बीच कहासुनी और वर्चस्व को लेकर बैरक में मारपीट भी होती रहती है। हालांकि जेल प्रशासन का दावा है कि सभी बंदियों की देखरेख कड़ी निगरानी में होती है। हाई क्वालिटी के सीसी कैमरों की संख्या बढ़ाई गई है।
एक नजर
-747 बंदियों की है जिला जेल की क्षमता।
-2600 से अधिक है बंदी।
-17 बैरकें हैं जिला जेल में।
-50 बंदियों की है एक बैरक की क्षमता।
-75 बंदीरक्षकों की है तैनाती।
जिला जेल चौकाघाट के जेल अधीक्षक अरुण कुमार सक्सेना ने बताया कि जेल में बंदियों की कड़ी निगरानी होती है। सभी सीसी कैमरों को सक्रिय किया गया है। बैरकों में लगातार तलाशी अभियान चलता रहता है।
वाराणसी में विधानसभा चुनाव को लेकर पुलिस की सख्ती बढ़ गई है। हर दिन वांछितों की गिरफ्तारी हो रही है। कश्नरेट और ग्रामीण इलाकों से अपराधियों को पकड़कर जेल में ठूंसा जा रहा है। उधर, क्षमता से तीन गुना अधिक बंदियों के होने से जेल प्रशासन भी हांफ रहा है। चुनाव नजदीक आते-आते जेल में और भी दबाव बढ़ने का अनुमान है। वहीं कोरोना काल के दौरान 50 बंदियों की क्षमता वाले एक बैरक में डेढ़-दो सौ बंदियों को रखा गया है। यह भी बंदियों के लिए संकट वाली स्थिति है।
आचार संहिता लगने के बाद से पुलिस इतनी सख्त हुई कि चौकाघाट स्थित जिला जेल में इन दिनों हर रोज चार से पांच आरोपियों को दाखिल कराया जा रहा है। शराब तस्कर, असलहा तस्कर और वांछितों की गिरफ्तारी अभी भी थमी नहीं है और आने वाले दिनों में अन्य कई आरोपियों और मुकदमे में वांछितों को गिरफ्तार कर जेल में ठूंसने का ग्रामीण और कमिश्नरेट पुलिस के थानेदारों को टॉस्क दिया गया है।