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 यूपी : वाराणसी में 1672 लोगों के लिए मात्र एक बेड, 14869 मरीजों को एक वेंटिलेटर का सहारा

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, वाराणसी Published by: गीतार्जुन गौतम Updated Fri, 07 May 2021 07:04 PM IST
सार

40 लाख की आबादी पर मात्र 2392 बेड, 269 वेंटिलेटर अस्पतालों में मौजूद

Only one bed for 1672 people in Varanasi, 14869 patients resorted to a ventilator
demo pic - फोटो : अमर उजाला

विस्तार
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वाराणसी जिले में कोरोना का संक्त्रस्मण जिस तरह बढ़ रहा है, उस हिसाब से सुविधाएं नाकाफी साबित हो रही हैं। कोविड अस्पतालों में 2392 बेड हैं लेकिन वेंटिलेटर केवल 269 ही हैं। अगर जिले की आबादी के हिसाब से सुविधाओं की बात करे तो यहां की आबादी करीब 40 लाख है। मौजूदा समय में आबादी की तुलना में देखे तो 1672 लोगों के लिए एक बेड है, जबकि 14869 लोगों पर एक वेंटिलेटर है। ऐसे में कोरोना से आसान नहीं है। जिले में सरकारी-निजी मिलाकर करीब 40 अस्पताल हैं। इसमें सरकारी में 771, जबकि 1621 बेड निजी अस्पतालों में हैं। सरकारी हो या निजी अस्पताल बेड और आईसीयू में वेंटिलेटर के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। बहुत मरीजों को अपनी जान भी गंवानी पड़ रही है।

 
बेड के लिए कर रहे घंटों का इंतजार
शासन, प्रशासन की ओर से पर्याप्त सुविधाओं के दावे तो किए जा रहे हैं, लेकिन लाख प्रयास के बाद भी बहुत से लोगों को अस्पतालों में समय से बेड नहीं मिल पा रहे हैं। इसके लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। बीएचयू सुपरस्पेशियलिटी ब्लॉक में भर्ती काउंटर के पास रोजाना मरीजों के परिजन बेड के इंतजार में खड़े रहते हैं। बुधवार को भी मरीजों के परिजन बेड खाली होने की जानकारी के लिए खडे़ रहे। इधर भिखारीपुर निजी अस्पताल में बेड न होने की नोटिस गेट पर अब भी चस्पा है।


आईसीयू में बेड मिले तो दूर हो समस्या
संक्त्रस्मितों के इलाज में आ रही समस्या के समाधान के लिए केवल बेड ही नहीं बल्कि वेंटिलेटर की कमी अगर दूर हो जाए तो समस्या का समाधान हो जाएगा। आंकड़े के मुताबिक छह सरकारी कोविड अस्पतालों में 147 जबकि निजी अस्पतालों में 122 वेंटिलेटर हैं।

केस-1  सामने घाट लंका निवासी 48 वर्षीय कोरोना संक्त्रस्मित मरीज को बीएचयू के सुपरस्पेशियलिटी ब्लॉक में भर्ती कराया गया था। डॉक्टर ने आईसीयू की जरूरत बताई। बीएचयू में आईसीयू में जगह नहीं होने पर परिजनों ने निजी अस्पतालों में भी आईसीयू में बेड के लिए प्रयास किया, लेकिन कई आईसीयू बेड नहीं मिला, लिहाजा मौत हो गई।

केस-2  चितईपुर निवासी 62 वर्षीय महिला को पिछले रविवार को सांस लेने में तकलीफ हुई थी। ऑक्सीजन लेवल कम होता जा रहा था। डॉक्टरों ने तुरंत भर्ती करने और ऑक्सीजन की जरूरत बताई। परिजन बीएचयू ले गए। वहां पर बेड के लिए 3 से 4 घंटों का इंतजार करना पड़ा। तब तक किसी तरह कार में ही महिला बैठी रही।

एक नजर में बेड का आंकड़ा

सरकारी अस्पताल

कुल बेड      771
लेवल 2 बेड    425
लेवल 3 बेड         346

निजी अस्पताल
कुल बेड       1621
लेवल 2 बेड    1281
लेवल 3 बेड    340

बीएचयू अस्थायी अस्पताल से होगी बड़ी राहत
बीएचयू में अस्थायी कोविड अस्पताल के शुरू होने के बाद लोगों को थोड़ी राहत मिलेगी। 750 बेड के इस अस्पताल में 500 बेड पर ऑक्सीजन, जबकि वेंटिलेटर वाले 250 बेड रहेंगे। 10 मई के बाद कभी भी इसका संचालन शुरू सकता है और इसके शुरू होने के बाद लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।

कोरोना संक्त्रस्मित मरीजों को समय से बेड मिले और जरूरत पड़ने पर आईसीयू की सुविधा भी तुरंत मिले, इस दिशा में लगातार प्रयास जारी है। नए कोविड अस्पतालों को जोड़ने के साथ ही बीएचयू में अस्थायी कोविड अस्पताल का संचालन भी जल्द ही शुरू हो जाएगा। इससे लोगों की समस्या कुछ हद तक दूर होगी। ऑक्सीजन का संकट भी अब दूर हो रहा है। -कौशल राज शर्मा, जिलाधिकारी
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